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सुपौल में शराब कारोबारी को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा, 1 लाख का जुर्माना भी लगाया - शराब कारोबारी को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

सुपौल में शराब कारोबारी को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई (court sentenced liquor businessman to seven years) है. साल 2018 के एक मामले में आरोपी को सात साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Nov 10, 2022, 7:33 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 8:32 PM IST

सुपौल: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) पूर्ण रूप से लागू है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करवाने को लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम लगी हुई है. उत्पाद विभाग द्वारा शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं, कोर्ट द्वारा शराब कारोबारियों को सजा भी दी जा रही है. इसी कड़ी में सुपौल में कोर्ट ने एक शराब कारोबारी को 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

ये भी पढ़ें- बांका में शराब कारोबारी को कोर्ट ने सुनाई 6 साल की सजा, 1 लाख का जुर्माना

शराब कारोबारी को सात साल की सजा: किराना दुकान में शराब बेचने के आरोप में आरोपी महानंद यादव को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है. मामला साल 2018 का था. जहां छातापुर के चरणे इलाके में पुलिस ने छापेमारी कर किराना दुकान से शराब बरामद किया था. इसी मामले में कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है.

पुलिस की छापेमारी में मिली थी शराब: किराना दुकान से शराब बरामद होने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने एक अभियुक्त चरणै निवासी महानंद यादव को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए 7 वर्ष कारावास और 1 लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी. वहीं, अर्थदंड की राशि भुगतान नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अभियुक्त द्वारा कारा में पूर्व में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित की जायेगी.

एक लाख का अर्थदंड की सजा: इस वाद की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ब्रज लाल मुखिया द्वारा सफल विचारण कराया गया. वहीं, पुलिस अधीक्षक डी अमकेश के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग द्वारा उक्त वाद का त्वरित विचारण करा कर कुल 5 साक्षियों की ससमय गवाही करायी गयी. जिसमें साक्षियों ने घटना और प्राथमिकी का समर्थन किया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ओम प्रकाश अंबेदकर ने बहस में भाग लिया.

दुकान से बरामद हुआ था 25 बोतल शराब: इस वाद के सूचक पुअनि विमल कुमार मंडल के लिखित बयान के आधार पर 13 मार्च 2018 को अभियुक्त महानंद यादव के विरूद्ध छातापुर थाना (राजेश्वरी ओपी) में मामला दर्ज किया गया था. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि 13 मार्च 2018 की संध्या करीब 4 बजे मद्य निषेध कंट्रोल रूम बिहार पटना से मिली सूचना के आलोक में वे दल बल के साथ पुलिस वाहन से ग्राम चरणै वार्ड नंबर 5 में पहुंच कर महानंद यादव के किराना दुकान की घेराबंदी कर दुकान की तलाशी ली. जहां तलाशी के क्रम में दुकान से 180 एमएल का कुल 25 बोतल नेपाली अंग्रेजी शराब बरामद हुआ. जिसे जब्त कर मौके से दुकानदार सह शराब कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

ये भी पढ़ें- शराब जब्त मामले में दरभंगा कोर्ट का पहला फैसला, आरोपी को 10 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना

सुपौल: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) पूर्ण रूप से लागू है. इसे प्रभावी तरीके से लागू करवाने को लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम लगी हुई है. उत्पाद विभाग द्वारा शराब कारोबारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. वहीं, कोर्ट द्वारा शराब कारोबारियों को सजा भी दी जा रही है. इसी कड़ी में सुपौल में कोर्ट ने एक शराब कारोबारी को 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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शराब कारोबारी को सात साल की सजा: किराना दुकान में शराब बेचने के आरोप में आरोपी महानंद यादव को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है. मामला साल 2018 का था. जहां छातापुर के चरणे इलाके में पुलिस ने छापेमारी कर किराना दुकान से शराब बरामद किया था. इसी मामले में कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है.

पुलिस की छापेमारी में मिली थी शराब: किराना दुकान से शराब बरामद होने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सह विशेष न्यायाधीश उत्पाद नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने एक अभियुक्त चरणै निवासी महानंद यादव को बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए 7 वर्ष कारावास और 1 लाख रूपये अर्थदंड की सजा सुनायी. वहीं, अर्थदंड की राशि भुगतान नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अभियुक्त द्वारा कारा में पूर्व में बितायी गयी अवधि सजा में समायोजित की जायेगी.

एक लाख का अर्थदंड की सजा: इस वाद की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ब्रज लाल मुखिया द्वारा सफल विचारण कराया गया. वहीं, पुलिस अधीक्षक डी अमकेश के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग द्वारा उक्त वाद का त्वरित विचारण करा कर कुल 5 साक्षियों की ससमय गवाही करायी गयी. जिसमें साक्षियों ने घटना और प्राथमिकी का समर्थन किया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ओम प्रकाश अंबेदकर ने बहस में भाग लिया.

दुकान से बरामद हुआ था 25 बोतल शराब: इस वाद के सूचक पुअनि विमल कुमार मंडल के लिखित बयान के आधार पर 13 मार्च 2018 को अभियुक्त महानंद यादव के विरूद्ध छातापुर थाना (राजेश्वरी ओपी) में मामला दर्ज किया गया था. दर्ज प्राथमिकी में बताया गया था कि 13 मार्च 2018 की संध्या करीब 4 बजे मद्य निषेध कंट्रोल रूम बिहार पटना से मिली सूचना के आलोक में वे दल बल के साथ पुलिस वाहन से ग्राम चरणै वार्ड नंबर 5 में पहुंच कर महानंद यादव के किराना दुकान की घेराबंदी कर दुकान की तलाशी ली. जहां तलाशी के क्रम में दुकान से 180 एमएल का कुल 25 बोतल नेपाली अंग्रेजी शराब बरामद हुआ. जिसे जब्त कर मौके से दुकानदार सह शराब कारोबारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

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Last Updated : Nov 10, 2022, 8:32 PM IST
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