सुपौल: बिहार के सुपौल में बर्ड फ्लू (Bird Flu in Supaul) ने दस्तक दे दी है. सदर थाना के छपकाही गांव के कुछ वार्डों से लिए गए सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि (confirmation of bird flu cases) हुई है. जिसके बाद पशुपालन विभाग ने 1 किमी परिधि के मुर्गे-मुर्गियों को नष्ट करने का काम शुरू कर दिया है. वहीं 9 किमी परिधि के इलाके की जांच भी शुरू कर दी गयी है.
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पक्षियों को नष्ट करने का काम शुरू: निदेशक पशुपालन पटना ने सोर्स एरिया के आसपास के इलाकों के मुर्गें-मुर्गियों को नष्ट करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद जिले के डीएम कौशल कुमार (DM Kaushal Kumar) और एसपी डी अमर्केश के संयुक्त आदेश से रीपेड रिसपांस टीम का गठन किया गया है. टीम ने पक्षियों को मारने का काम शुरू कर दिया गया है. आसपास के 1 से 9 किमी के दायरे तक के सभी गांवों को चिन्हित किया गया है, ताकि समय रहते बर्ड फ्लू सीमित दायरे में रोका जा सके.
मुर्गा पालकों को मिलेगा मुआवजा: इस बाबत जिला पशुपालन पदाधिकारी राम शंकर झा बताते हैं कि सभी पक्षी पालकों को मुआवजा भी दिया जाएगा. सभी को इससे निपटने के लिए जानकारी भी दी गयी है. उन्होंने बताया कि छपकाही गांव को केंन्द्र मानते हुए 1 किमी परिधि के सभी गांवों के मुर्गें-मुर्गियों की तत्काल नष्ट किया जा रहा है. इस कार्य के लिए चार टीम का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि पटना से टीम बुलाकर कुछ इन्फेक्टड पक्षियों का सैंपल लिया गया था. जिसकी जांच के बाद बर्ड फ्लू की पुष्टी हुई है.
दरअसल बीते 2 सप्ताह पहले छपकाही गांव के वार्ड 1 से लेकर 11 तक में कुछ मुर्गे-मुर्गियों और बत्तख की अचानक छटपटा कर मौत होने लगी थी. इसके बाद लोगों ने कई कौए को भी मरा हुआ पाया. इस खबर को ETV Bharat ने इस खबर को 31 मार्च को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. लेकिन जिला वन पदाधिकारी सुनील कुमार शरण पक्षियों में बर्ड फ्लू से स्पष्ट इंकार किया दिया था.
क्या होता है बर्ड फ्लू- बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) भी कहते हैं. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. बर्ड फ्लू का सबसे जानलेवा स्ट्रेन H5N1 होता है. H5N1 वायरस से संक्रमित पक्षियों की मौत भी हो सकती है. ये वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवरों और इंसानों में भी फैल सकता है और इनमें भी ये वायरस इतना ही खतरनाक है.
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