सुपौल: बिहार के सुपौल से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां पर लाश का सौदा (Dead Body Deal In Supaul) हुआ है. सुनने में ये बात जरूर अजीब लगती हो लेकिन ये बिल्कुल सच है. जानकारी के अनुसार, चार साल के बच्चे की मौत की डील 40 हजार में हुई. सदर थाने के थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो और अपर थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह पर ये गंभीर आरोप लगा है. इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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आरोपों के मुताबिक, सुपौल पुलिस ने डॉक्टर और मरीज के परिजन के बीच 40 हजार में लाश का सौदा करवाया है. हालांकि परिजनों ने थोड़ी आपत्ति भी दिखाई लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण उन्हें बात माननी पड़ी. वहीं वीडियो सामने आने के बाद सदर एसडीपीओ कुमार इंद्र प्रकाश ने जांच का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि वीडियो की जांच करायी जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
'मुझे अस्पताल वालों ने बताया कि मेरा बच्चा मर गया है. जब हमने बच्चे की लाश मांगी तो हमें मारने पीटने लगे. हम वहां से जान बचाकर भागे, इसी बीच मेरे मरे हुए बच्चे के शव को अस्पताल वालों ने एंबुलेंस से थाने भेज दिया. पुलिस आई तो हमसे सारा कागज पत्र मांगा गया.'-मृत बच्चे के परिजन
दरअसल, सुपौल के एक निजी अस्पताल में बुधवार को सदर थाने के कुम्हैट गांव के विनोद यादव के 4 साल के बेटे को सर्दी-खांसी की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था. 10 बजे रात तक इलाज चला लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे की जान गई, जबकि हमलोगों से अस्पताल ने करीब 60 हजार रुपये भी जमा करवा लिए थे.
परिजनों की माने तो जब उनलोगों ने बच्चे की लाश मांगी तो अस्पतालकर्मियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. आखिरकार सुबह हमलोग अपने परिजनों के साथ फिर से अस्पताल पहुंचे तो देखा कि पहले से पुलिस मौजूद थी. बच्चे के परिजन के मुताबिक पुलिस वालों ने फोन-पे पर 20 हजार रुपए ट्रांसफर करवाया और 20 हजार नकद दिलवाकर मामले को जबरन रफा-दफा करवा दिया गया. तब जाकर बच्चे की लाश को थाने से लाकर परिजनों को सौंपा गया. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से जवाब आना बाकी है.
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नोट: ETV BHARAT वायरल वीडियो का पुष्टि नहीं करता है
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