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सिवान: लावारिस लाशों के वारिस हैं श्रीनिवास, लॉकडाउन में कर रहे दाह संस्कार - last rites of Unclaimed corpse in siwan

सिवान के श्रीनिवास यादव अस्पताल में आए लावारिस शवों का उसके धर्म के रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करते हैं. उनके इस कार्य की जिले भर में सराहना हो रही है.

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Published : May 1, 2020, 3:45 PM IST

सिवान: 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारो' मशहूर फिल्म लावारिस का यह गीत आज जिले में चरितार्थ होता नजर आ रहा है. लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में जहां अपनों से अपनों की मुलाकात असंभव लगने लगी है. उस मुश्किल दौर में समाजसेवी श्रीनिवास यादव अस्पताल में आए लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते नजर आ रहे हैं.

धर्म के अनुसार करते हैं अंतिम संस्कार
सिवान के श्रीनिवास यादव उन अर्थियों को कंधा दे रहे हैं, जिनका कोई नहीं है. साथ ही वे उन शवों का रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो श्रीनिवास यादव उस मृत व्यक्ति का उसके धर्म के रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करते हैं.

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समाजसेवी लावारिस शव का करते हैं अंतिम संस्कार

स्वयं देते हैं मुखाग्नि
बता दें कि श्रीनिवास यादव लावारिस लाशों के पुत्र, बाप और भाई बनकर उन्हें मुखाग्नि देते हैं. वे हर वो रस्म निभाते हैं जो एक आदमी के मरने के बाद की जाती हैं. श्रीनिवास यादव सिवान में एक ट्रस्ट चलाते हैं और उस ट्रस्ट के माध्यम से इन दिनों अस्पताल में आने वाले लावारिस लाशों को अपने फंड से दाह संस्कार कर रहे हैं.

सिवान: 'जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारो' मशहूर फिल्म लावारिस का यह गीत आज जिले में चरितार्थ होता नजर आ रहा है. लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में जहां अपनों से अपनों की मुलाकात असंभव लगने लगी है. उस मुश्किल दौर में समाजसेवी श्रीनिवास यादव अस्पताल में आए लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते नजर आ रहे हैं.

धर्म के अनुसार करते हैं अंतिम संस्कार
सिवान के श्रीनिवास यादव उन अर्थियों को कंधा दे रहे हैं, जिनका कोई नहीं है. साथ ही वे उन शवों का रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो श्रीनिवास यादव उस मृत व्यक्ति का उसके धर्म के रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करते हैं.

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समाजसेवी लावारिस शव का करते हैं अंतिम संस्कार

स्वयं देते हैं मुखाग्नि
बता दें कि श्रीनिवास यादव लावारिस लाशों के पुत्र, बाप और भाई बनकर उन्हें मुखाग्नि देते हैं. वे हर वो रस्म निभाते हैं जो एक आदमी के मरने के बाद की जाती हैं. श्रीनिवास यादव सिवान में एक ट्रस्ट चलाते हैं और उस ट्रस्ट के माध्यम से इन दिनों अस्पताल में आने वाले लावारिस लाशों को अपने फंड से दाह संस्कार कर रहे हैं.

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