सिवान: बिहार के सिवान जिले की दो बहन ने गांव समेत अपनी मां के सपने को पूरा किया है. एक मां जिसका सपना था कि उनकी दोनों बेटी पढ़ लिखकर ऑफिसर बने. लोग ताने मारते रहे, लेकिन मां ने सब कुछ सहन करते हुए अपनी दोनों बेटियों को एक दिन ऑफिसर बनाकर ही दम लिया (Sivan two sisters became police officers). पूरी महाराजगंज अनुमंडल क्षेत्र के जिगरहवां गांव की है.
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फिल्मी कहानी से कम नहीं है इस मां की संघर्ष कथा: सिवान से लगभग 22 किलोमीटर दूर महाराजगंज अनुमंडल का जिगरहवां गांव है. जहां से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो किसी फिल्म से कम नहीं है. कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था दंगल, ये कहानी इस कहानी से सटीक बैठती है. फर्क बस इतना है कि उस फिल्म में एक पिता ने अपनी बेटीयों के लिए खूब संघर्ष किया था और यहां एक मां ने अपनी बेटियों की सफलता के लिए दिन रात मेहनत की.
एक मां की दो बेटी बनी पुलिस ऑफिसर: जिगरहवां गांव की सोनमती देवी की दो बेटी है, अपनी दोनों बेटियों के लिए उन्होंने सिर्फ संघर्ष ही नहीं किया बल्कि समाज के ताने भी खूब सुने. ताने सुनने के बाद भी सोनमती देवी हार नहीं मानी और एक दिन दोनो बेटियों को ऑफिसर बनाकर दम लिया. सोनमती देवी ने कड़ी मेहनत और परिश्रम कर आज अपनी दोनों बेटियों को BSAP (बिहार स्पेशल आर्म्स पुलिस) में कमांडो बनाकर यह साबित कर दी है कि एक मां अपनी संतान के लिए किसी भी हद से गुजर सकती है.
सोनमती देवी रात के अंधेरे में बेटियों को देती थी ट्रेनिंग: सोनमती देवी की दोनों बेटी पुनिता और पूजा मां के साथ सुबह दौड़ने जाती थी, तो लोग ताने मारते थे. तब सोनमती देवी ने फैसला लिया कि अब रात में एक बजे से दौड़ने चला जायेगा. रात को 1 बजे से सोनमती अपनी दोनों बेटी पुनिता और छोटी पूजा को लेकर 3-4 बजे तक दौड़ती थी. करीब 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद दोनों पुत्रियों को सफलता मिली.
दोनों बेटियों की सफलता पर मां की लोग कर रहे तारीफ: सोनमती देवी की बड़ी बेटी पुनिता राजगीर में बिहार दारोगा कमांडो ट्रेनर हैं, जबकि दूसरी छोटी बेटी पूजा कुमारी बोधगया में BSAP कमांडो के पद पर कार्यरत हैं. दोनों की इस सफलता पर कलतक जो ताना मारते थे, वह आज उसी मां की तारीफ कर रहे हैं.
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