सिवान: सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को लेकर मुजफ्फरपुर कोर्ट (Muzaffarpur Court) एक मोड़ आया जब लोग हैरत में पड़ गये. सीबीआई ने जिस महिला को मृत बताकर कोर्ट में डेथ रिपोर्ट जमा कर दिया था, वह जिंदा निकली. आज खुद मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित (woman witness declared dead by CBI reached court) हुईं और जज के सामने आकर कहा, 'हुजूर, मैं जिंदा हूं. मुझे CBI वालों ने मृत घोषित कर दिया है. अब कोर्ट ने सीबीआई से इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा है.
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महिला ने कोर्ट को पहचान पत्र भी दिखाया: दरअसल, सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में बादामी देवी गवाह (Badami Devi witness in Rajdev Ranjan murder case) हैं. सीबीआई ने 24 मई को कोर्ट में बादामी देवी को मृत बताते हुए रिपोर्ट दाखिल किया था. इस बात की जानकारी जब बादामी देवी को मीडिया के माध्यम से मिली तो वह काफी दुखी हुईं.इस पर कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए सीबीआई से शोकॉज किया है.
'मैं आज स्वयं कोर्ट में उपस्थित हुई और कहा कि मैं जिंदा हूं. मैंने कोर्ट के समक्ष अपना आईकार्ड, पैन कार्ड, वोटर आई कार्ड भी दिखाया.'-बादामी देवी, मर्डर केस की गवाह
घर कब्जाने को लेकर हुई थी हत्या: बता दें, यह वही महिला हैं, जिसके घर पर आरोपी कब्जा करने की फिराक में थे. पत्रकार राजदेव रंजन इसे लेकर लगातार आवाज उठा रहे थे. इसी बात को लेकर आरोपित लड्डन मियां समेत अन्य ने तय किया था कि पत्रकार की हत्या के बाद ही घर पर कब्जा हो सकता है. इसके बाद पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बादामी देवी ने बताया कि मेरी उम्र 80 वर्ष से अधिक है. जब सुना कि हमें मरा हुआ घोषित कर दिया गया है, तब हम काफी दुखी हुए. ये सब आरोपियों की मिलीभगत से हुआ है.
अधिवक्ता ने उठाए सवाल: अधिवक्ता शरद सिन्हा ने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये बड़ी लापरवाही है. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी अगर इस तरीके से काम करेगी तो क्या होगा? सीबीआई ने गवाह से संपर्क तक नहीं किया और महिला को मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं, कोर्ट में रिपोर्ट भी सबमिट कर दी गई. इसमें कहीं न कहीं साजिश की बू आ रही है.
गोली मारकर हुई थी राजदेव रंजन की हत्या: 13 मई 2016 को सिवान के स्टेशन रोड में गोली मारकर राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी. जांच के बाद सीबीआई ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन समेत आठ आरोपितों के खिलाफ विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. कहा जाता है कि रंजन के हमलावरों को शहाबुद्दीन के सहयोगी लड्डन मियां ने सुपारी दी थी.
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