सिवानः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में सिवान जिला के महाराजगंज में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ प्रदर्शन किया. युवा ब्राह्मण मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान जीतन राम मांझी मुर्दाबाद के नारे भी लगे. प्रदर्शनकारियों ने मांझी का पुतला भी दहन किया.
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विरोध प्रदर्शन के दौरान मांजी की शव यात्रा भी निकाली गयी. यात्रा समाप्ती के बाद शहर के नखास चौक पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का पुतला रखकर दाह संस्कार किया गया. ब्राह्मण समाज के लोगों ने जीतन राम मांझी का पुतला दहन कर सरकार से अपील किया कि सरकार उन्हें जल्द से जल्द पार्टी से निष्कासित करें, नहीं तो ब्राह्मण समाज उग्र होकर आंदोलन को आगे लेकर जाएगा. वहीं इस पुतला दहन कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जीतन राम मांझी को फूट डालकर राज करने वाला नेता बताया.
जानकारी दें कि मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (HAM Chief Jitan Ram Manjhi) के खिलाफ सिवान सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर हुआ था. पूर्व सीएम मांझी पर परिवाद सिवान व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता व महादेवा निवासी संजीव कुमार चतुर्वेदी ने दायर किया है. दायर परिवाद में कहा है कि मांझी ने सत्यनारायण भगवान के कथा के नाम ब्राह्मण समाज के लिए अमर्यादित शब्द का प्रयोग किया है, जिससे सनातन धर्मावलंबियों और ब्राह्मण समाज को आघात पहुंचा है. उन्होंने अपने शब्दों से जातीय उन्माद फैलाने का प्रयास किया है. उन्होंने न्यायालय से कानून सम्मत कार्रवाई करने की गुहार लगायी है.
गौरतलब हो कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने शनिवार की शाम पटना के कालिदास रंगालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए ब्राह्मणों और देवी-देवताओं के लिए बेहद अपमानजनक शब्द का प्रयोग किया था. मांझी ने गाली देते हुए कहा था कि लोग आज कल सत्यनारायण भगवान की पूजा करवा रहे हैं और पंडित #@&*># आते हैं, तो बोलते हैं, हम खायेंगे नहीं, नगद दीजिये. मांझी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पहले गरीबों के बीच पूजा नहीं होती थी लेकिन आज कल खूब हो रही है. बाबा भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जीवन के अंतिम दौर में बाबा साहब ने हिंदू धर्म को खराब बताया था. उनका निधन बौद्ध होकर हुआ था. जीतन राम मांझी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
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