सिवान: बिहार के सिवान में सड़क हादसे में घायल युवक की मौत (youth dies from Treatment In Siwan) हो गई. जिले के पकड़ी बंगाली मोड़ स्थित निजी नर्सिंग होम में सड़क हादसे के बाद लाये गये घायल व्यक्ति को भर्ती किया गया, वहां से भी पंद्रह घंटे बाद चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए रेफर कर दिया. वहीं रास्ते में ही युवक की मौत हो गई. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की छानबीन में जुटी है.
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मृतक के परिजनों का क्या है आरोप: मृतक युवक अनिल साह के परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने उसे जब एडमिट किया तो उसका इलाज नहीं किया, घायल हुए युवक से मिलने भी नहीं दिया गया. वहां से डॉक्टरों ने तीन हजार रुपये का दवा दिखकर मंगवाया. उसके बाद क्लिनीक के खर्च का बिल 27 हजार रुपये का दिया गया. जब बिल का पैसा जमा कर दिये उसके बाद रेफर कर दिया. परिजनों का आरोप था कि जब युवक के हालत में कोई सुधार नहीं था तब यहां रातभर किसलिए रखा गया.
डॉक्टर बोले इलाज में कोई कोताही नहीं की गई: वहीं आक्रोशित लोगों के द्वारा बवाल के बाद डॉक्टर इंद्रा साहू ने बताया कि जब जख्मी युवक आया था उसी समय बहुत खराब स्थिति थी. उसी समय युवक को वेंटिलेटर पर रखा गया था. उस युवक को सीटी स्कैन की जरूरत थी. परिजनों से अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा तब कहा गया कि पैसा मंगाया जा रहा है. उसके बावजूद सुबह तक इलाज किया गया. जब उस युवक का सीटी स्कैन परिजनों ने नहीं कराया तो मरीज को सरकारी अस्पताल पटना रेफर कर दिया, वहीं रास्ते में मरीज की मौत हो गई.
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परिजनों ने निजी अस्पताल पर लगाये गंभीर आरोप: मृतक युवक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब मरीज की हालत ज्यादा खराब थी तो 15 घंटे तक मरीज को यहां पर क्यों रखा गया. जब इस क्लिनिक में वेंटिलेटर है और सीटी स्कैन मशीन नहीं है तो सीरियस मरीज को यहां क्यों एडमिट किया गया.