सिवानः बिहार के सिवान स्थित गांधी मैदान में पियक्कड़ सम्मेलन (Piyakad Sammelan In Siwan) होने वाला है. जहां इस बात पर चर्चा होगी कि कितने लोग दारू पीने वाले हैं, और कितने लोग नहीं है. इतना ही नहीं इस सम्मेलन में लोगों को शराब परोसी भी जाएगी. ये सुनकर आप शायद हैरान हो गए होंगे. लेकिन ये हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे बल्कि ये दावा नीतीश के करीबी रहे पूर्व विधायक श्याम बहादुर सिंह (Former MLA Shyam Bahadur Singh) ने किया है.
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दरअसल बिहार में शराबंदी कानून एक मजाक बनकर रह गया है. जो जब चाहे इस कानून की खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकता. अब तक तो विपक्ष ही इस कानून के विरोध में था. लेकिन अब नीतीश के पूर्व विधायक ने ही विरोध कर दिया है. नीतीश कुमार भी जिद पर अड़े हैं, कि हर हाल में शराबबंदी जारी रहेगी. सीएम नीतीश को चेतावनी देते हुए श्याम बहादुर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कोर्ट से भी ऊपर हैं क्या? जब सब लोग कह रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है कि कानून ढील करो, तो सरकार को बात मान लेनी चाहिए. फिर भी बिहार सरकार ने अगर बात नहीं मानी तो इसके बाद उनको बुझा जाएगा.
'सिवान के गांधी मैदान में हम पियक्कड़ सम्मेलन करावे जात बाड़ीं..तनी ई ठंडिया उतर जाव तब कराईब.. सबके बोलावल जाई और जे जवन कही उहे पियावल जाई.'- श्यामबहादुर सिंह, पूर्व विधायक
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बता दें कि श्यामबहादुर सिंह सिवान के बड़हरिया से पूर्व विधायक हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबी बताए जाते हैं. वो पहले भी विधायक रहते हुए कई बार जनता के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर चुके हैं. अब शराबबंदी को लेकर उन्होंने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सिवान जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के कार्यालय का उद्घटान समारोह में आये श्यामबहादुर सिंह ने कहा कि हमारा काम है डिमांंड करना वो सुने या ना सूनें.
इधर नीतीश कुमार ने बिहार में अधिकारियों को शराबबंदी से सख्ती से निपटने का आदेश दिया है. उधर उनके ही चहेते इस कानून का विरोध करने पर अड़े हैं. बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासत भी खूब होती रही है. नीतीश ने जब शराबबंदी कानून को समझाने के लिए लोगों के बीच समाज सुधार यात्रा शुरू की तो विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लिया. नेता प्रतिपक्ष ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार खुद में सुधार करे तब लोगों को समझाए.
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विपक्ष की बात तो अलग है, खुद एनडीए के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी लगातार इस कानून का विरोध करते रहे हैं. उन्होंने इतना तक कह दिया कि थोड़ी बहुत पीने में कोई हर्ज नहीं है. बिहार में कई बड़े अधिकारी रात दस बजे के बाद शराब का सेवन करते हैं. विपक्ष का विरोध इस बात पर है कि शराबबंदी के कारण लोग चोरी छुपे तो शराब पी ही रहे हैं. इस कानून के लागू होने के बाद जहरीली शराब से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन जहरीली शराब से मौत हो रही है.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की जान चली गई. इससे पहले गोपालगंज सिवान और मुजफ्फपुर में भी जहरीली शराब पीने से लगभग 40 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा समस्तीपुर, मधुबनी, सारण और वैशाली में भी कई लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. जिसके बाद नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक भी की और कई सख्त फैसले लिए गए.
बिहार के सभी जिलों में शराबबंदी के लेकर सख्त अभियान चलाए जा रहे हैं. इस बीच नीतीश कुमार के करीबी और पूर्व विधायक श्यामबहादुर सिंह का ये बयान सरकार की और किरकिरी कराने के लिए काफी है. अब विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाने में पीछे नहीं रहेगा. सीएम नीतीश को मिली ये चुनौती क्या रंग दिखाएगी अब तो ये वक्त ही बताएगा.
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