सिवान: सरकार शिक्षा में सुधार के लाख दावे कर ले पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सिवान के मोहम्मदपुर गांव का ये नया प्राथमिक विद्यालय उन सभी दावों की पोल खोल रहा है. यहां बच्चों की कक्षाएं पेड़ के नीचे चलती है और प्रशासन को इसकी कोई खोज खबर नहीं है.
विद्यालय में नहीं है कोई सुविधा
खुले आसमान के नीचे चलने वाले इस विद्यालय के पास न तो अपना भवन है, न शौचालय और न ही कोई रसोई, जिससे बच्चों को पौषटिक भोजन मिल सके. यहां के बच्चे सुविधाओं के अभाव में ठंडी हो या गर्मी सभी मौसम में अपनी पढ़ाई करते हैं.
गावं का इकलौता विद्यालय
इस विद्यालय की स्थापना 2006 में हुई थी. ग्रामीणों की माने तो गावं का ये इकलौता प्राथमिक विद्यालय है जिसमें बच्चे पढ़ने जाते हैं. इस कारण ग्रामीण अपने बच्चों को इस विद्यालय में न भेजकर दूर के विद्यालय में भेजने को विवश हैं.
अनहोनी होने का डर
ग्रामीणों का कहना है कि उनके बच्चे जब पढ़ने जाते हैं तब से लेकर उनके घर आने तक उनके मन में डर सताता रहता है कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाये. उनके अनुसार एमडीएम का खाना भी खुले में बनता है, जिससे खाने में कुछ गिर जाने का भी डर बना रहता है.
नहीं हो रही कोई सुनवाई
विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि वरीय अधिकारियों से कई बार इसकी शिकायत की गई, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं, महिला शिक्षिका बताती हैं कि विद्यालय में शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें भी बच्चों के साथ शौच के लिए जाना पड़ता है. इससे कफी परेशानी होती है.
शिक्षा पदाधिकारी ने दिया आश्वासन
वहीं, इस मामले में जब क्षा पदाधिकारी से बात की गई हो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है.हम प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूचना देते हैं. उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.