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21वीं सदी में भी नाव के सहारे कट रही हजारों जिंदगी, मतदान में भी नाव ही सहारा

सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड के नुनोरी गांव के लोग कई सालों से एक पुल की मांग करते आ रहे हैं. हर बार चुनाव में इस मुद्दे पर प्रत्याशी वोट भी मांगते हैं जबकि अभी भी लोगों को मतदान केंद्र तक जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

सीतामढ़ी
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Published : Nov 3, 2021, 6:09 PM IST

सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर छठे चरण का मतदान संपन्न हो गया है. बेलसंड प्रखंड और मेजरगंज प्रखंड में बुधवार को छठे चरण का मतदान संपन्न हुआ. मतदान को लेकर दोनों प्रखंडों के लोगों में उत्साह भी था. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी भी हजारों की तादाद में लोग नाव के सहारे ही अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. ना तो जिला प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है और ना ही जनप्रतिनिधि. बुधवार को भी लोग नाव से मतदान करने पहुंचे थे.

यह भी पढ़ें- गांव की सरकार चुनने का जोश: नाव से वोट देने पहुंचे बेलवा पंचायत के वोटर

बेलसंड प्रखंड के दरियापुर पंचायत में पड़ने वाला नुनोरा गांव सहित अन्य कई गांव टापू की तरह पानी से घिरे हैं. कई दशकों से नाव के सहारे वहां के हजारों लोग अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. कई जनप्रतिनिधियों ने पुल बनाने का तो आश्वासन दिया लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया. अब भी लोग नाव के सहारे मतदान करने को मजबूर हैं.

देखें वीडियो

निनोरा गांव के ग्रामीण मोहम्मद सदरे आलम ने बताया कि 30 वर्षों से गांव के लोग अगर बीमार पड़ते हैं या उन्हें कोई जरूरी सामान खरीदना होता है तो नाव के सहारे ही जाते हैं. मोहम्मद रसीम अंसारी ने कहा कि वे लोग नाव के सहारे अपना जीवन जीने को मजबूर हैं. अधिकारी या जनप्रतिनिधि आश्वासन तो देते हैं लेकिन पूरा नहीं करते. रसीम ने कहा कि हम लोग नाव पर सवार होकर भी अपने मत का प्रयोग करते हैं और मतदान करते हैं.

यह भी पढ़ें- दरभंगा में दिखा चुनावी उत्साह, वोट डालने नाव से मतदान केंद्र पहुंचे वोटर

सीतामढ़ीः बिहार के सीतामढ़ी में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) को लेकर छठे चरण का मतदान संपन्न हो गया है. बेलसंड प्रखंड और मेजरगंज प्रखंड में बुधवार को छठे चरण का मतदान संपन्न हुआ. मतदान को लेकर दोनों प्रखंडों के लोगों में उत्साह भी था. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी भी हजारों की तादाद में लोग नाव के सहारे ही अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. ना तो जिला प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है और ना ही जनप्रतिनिधि. बुधवार को भी लोग नाव से मतदान करने पहुंचे थे.

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बेलसंड प्रखंड के दरियापुर पंचायत में पड़ने वाला नुनोरा गांव सहित अन्य कई गांव टापू की तरह पानी से घिरे हैं. कई दशकों से नाव के सहारे वहां के हजारों लोग अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. कई जनप्रतिनिधियों ने पुल बनाने का तो आश्वासन दिया लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया. अब भी लोग नाव के सहारे मतदान करने को मजबूर हैं.

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निनोरा गांव के ग्रामीण मोहम्मद सदरे आलम ने बताया कि 30 वर्षों से गांव के लोग अगर बीमार पड़ते हैं या उन्हें कोई जरूरी सामान खरीदना होता है तो नाव के सहारे ही जाते हैं. मोहम्मद रसीम अंसारी ने कहा कि वे लोग नाव के सहारे अपना जीवन जीने को मजबूर हैं. अधिकारी या जनप्रतिनिधि आश्वासन तो देते हैं लेकिन पूरा नहीं करते. रसीम ने कहा कि हम लोग नाव पर सवार होकर भी अपने मत का प्रयोग करते हैं और मतदान करते हैं.

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