ETV Bharat / state

Sitamarhi News: नेपाल भारत बॉर्डर पर गिरफ्तार विदेशी महिलाओं को मिली 8 दिन बाद जमानत, कल होंगी रिहा

बिहार के सीतामढ़ी में भारत नेपाल सीमा पर गिरफ्तार दो विदेशी महिलाओं को कोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि अभी भी पुलिस उनके पासपोर्ट की जांच कर रही है. इस मामले में किसी दलाल के चक्कर में फंसने का भी मामला सामने आ रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Feb 14, 2023, 6:45 PM IST

सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी में 8 दिन पहले भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों ने जिस विदेशी महिला को भारत-नेपाल सीमा पर संदिग्ध परिस्थितियों में पकड़ा था उनको जमानत मिल गई है. दरअसल, मंगलवार को व्यवहार न्यायालय सीतामढ़ी में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के आर के पांडे के न्यायालय में हाईकोर्ट के अधिवक्ता वरुण नारंग और रूचर गुप्ता ने उज्बेकिस्तान की महिला रेणो और ओगुलिजन का पक्ष दंडाधिकारी के समक्ष रखा.

ये भी पढ़ें- SSB Action in Bihar: भारत से नेपाल सीमा में एंट्री के दौरान 2 उज्बेकिस्तानी महिला गिरफ्तार, पासपोर्ट की होगी जांच

''ये दो विदेशी महिलाएं भारत टूर वीजा लेकर घूमने आईं थीं. भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी ने इन्हें डिटेंशन में लिया. चूंकी महिलाओं को न तो हिन्दी आती थी न ही अंग्रेजी आती थी इसलिए कम्यूनिकेशन गैप के चलते इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जो कि सरासर नियम के विरुद्ध है. उनकी जांच में मानक प्रक्रियाओं को फॉलो नहीं किया गया''- रूचर गुप्ता, अधिवक्ता

कोर्ट में महिलाओं की तरफ से वकीलों ने रखी दलील: कोर्ट में अधिवक्ताओं ने कहा कि दोनों उज्बेकिस्तान की महिलाओं के पास भारत और नेपाल घूमने का 24 फरवरी तक का वीजा और पासपोर्ट उपलब्ध था. अधिवक्ताओं ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि कायदे से एसएसबी जवान और पुलिस को ऑनलाइन पासपोर्ट और वीजा की जांच करनी चाहिए लेकिन एसएसबी और जिला पुलिस ने ऐसा नहीं किया. फर्जी तरीके से 420/120 बी जैसी धाराओं को लगाकर दोनों महिलाओं को जेल भेज दिया. अधिवक्ताओं ने कहा कि भाषाओं को नहीं समझ पाने के कारण भी यह मामला हुआ.


दोनों विदेशी महिलाओं को दिया जमानत: प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी आरके पांडे ने उज्बेकिस्तान की महिलाओं का पक्ष सुनने के बाद जमानत दे दी. दोनों महिलाएं बुधवार को जेल से रिहा कर दी जाएंगी. इस मामले को लेकर दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि एसएसबी के जवान और बिहार पुलिस ने जो काम किया है उसे भारत देश की बदनामी हुई. समय रहते अगर एंबेसी के जरिए उज्बेकिस्तान की महिलाओं के परिजन अगर उनसे संपर्क नहीं करते तो महिलाओं को जेल में न जाने कितने दिन बिताना पड़ता. जबकि महिलाएं वैध पासपोर्ट और वीजा लेकर ही भारत और नेपाल घूमने आई थी.


पासपोर्ट की हो रही है जांच: पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों महिलाओं के पासपोर्ट के जांच को लेकर विदेश मंत्रालय दिल्ली भेजा गया पासपोर्ट के जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी पूछताछ को लेकर पुलिस को भाषा समझने की दिक्कत आ रही है. जिसकी वजह से ट्रांसलेटर को खोजने की प्रकिया चल रही है.


दलालों के चक्कर में फंसने की आशंका ?: खुफिया एजेंसियों की जांच और पुलिसिया जांच के दौरान प्रथम दृष्टया यह भी माना जा रहा है कि महिला ऑथराइज तरीके से वीजा के सहारे भारत घूमने आई थीं. दलालों के चक्कर में फंस कर महिला बगैर वीजा के नेपाल घूमने जा रही थीं. विदेशी महिला के साथ एक बिहार का युवक भी गिरफ्तार हुआ था जिसकी पहचान बथनाहा थाना इलाके के हरिबेला गांव निवासी अमित कुमार के रूप में हुई है. हालांकि पुलिस अमित से भी कराई से पूछताछ करने में जुटी है.

सीतामढ़ी : बिहार के सीतामढ़ी में 8 दिन पहले भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवानों ने जिस विदेशी महिला को भारत-नेपाल सीमा पर संदिग्ध परिस्थितियों में पकड़ा था उनको जमानत मिल गई है. दरअसल, मंगलवार को व्यवहार न्यायालय सीतामढ़ी में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के आर के पांडे के न्यायालय में हाईकोर्ट के अधिवक्ता वरुण नारंग और रूचर गुप्ता ने उज्बेकिस्तान की महिला रेणो और ओगुलिजन का पक्ष दंडाधिकारी के समक्ष रखा.

ये भी पढ़ें- SSB Action in Bihar: भारत से नेपाल सीमा में एंट्री के दौरान 2 उज्बेकिस्तानी महिला गिरफ्तार, पासपोर्ट की होगी जांच

''ये दो विदेशी महिलाएं भारत टूर वीजा लेकर घूमने आईं थीं. भारत नेपाल सीमा पर एसएसबी ने इन्हें डिटेंशन में लिया. चूंकी महिलाओं को न तो हिन्दी आती थी न ही अंग्रेजी आती थी इसलिए कम्यूनिकेशन गैप के चलते इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जो कि सरासर नियम के विरुद्ध है. उनकी जांच में मानक प्रक्रियाओं को फॉलो नहीं किया गया''- रूचर गुप्ता, अधिवक्ता

कोर्ट में महिलाओं की तरफ से वकीलों ने रखी दलील: कोर्ट में अधिवक्ताओं ने कहा कि दोनों उज्बेकिस्तान की महिलाओं के पास भारत और नेपाल घूमने का 24 फरवरी तक का वीजा और पासपोर्ट उपलब्ध था. अधिवक्ताओं ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि कायदे से एसएसबी जवान और पुलिस को ऑनलाइन पासपोर्ट और वीजा की जांच करनी चाहिए लेकिन एसएसबी और जिला पुलिस ने ऐसा नहीं किया. फर्जी तरीके से 420/120 बी जैसी धाराओं को लगाकर दोनों महिलाओं को जेल भेज दिया. अधिवक्ताओं ने कहा कि भाषाओं को नहीं समझ पाने के कारण भी यह मामला हुआ.


दोनों विदेशी महिलाओं को दिया जमानत: प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी आरके पांडे ने उज्बेकिस्तान की महिलाओं का पक्ष सुनने के बाद जमानत दे दी. दोनों महिलाएं बुधवार को जेल से रिहा कर दी जाएंगी. इस मामले को लेकर दोनों अधिवक्ताओं ने कहा कि एसएसबी के जवान और बिहार पुलिस ने जो काम किया है उसे भारत देश की बदनामी हुई. समय रहते अगर एंबेसी के जरिए उज्बेकिस्तान की महिलाओं के परिजन अगर उनसे संपर्क नहीं करते तो महिलाओं को जेल में न जाने कितने दिन बिताना पड़ता. जबकि महिलाएं वैध पासपोर्ट और वीजा लेकर ही भारत और नेपाल घूमने आई थी.


पासपोर्ट की हो रही है जांच: पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों महिलाओं के पासपोर्ट के जांच को लेकर विदेश मंत्रालय दिल्ली भेजा गया पासपोर्ट के जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी पूछताछ को लेकर पुलिस को भाषा समझने की दिक्कत आ रही है. जिसकी वजह से ट्रांसलेटर को खोजने की प्रकिया चल रही है.


दलालों के चक्कर में फंसने की आशंका ?: खुफिया एजेंसियों की जांच और पुलिसिया जांच के दौरान प्रथम दृष्टया यह भी माना जा रहा है कि महिला ऑथराइज तरीके से वीजा के सहारे भारत घूमने आई थीं. दलालों के चक्कर में फंस कर महिला बगैर वीजा के नेपाल घूमने जा रही थीं. विदेशी महिला के साथ एक बिहार का युवक भी गिरफ्तार हुआ था जिसकी पहचान बथनाहा थाना इलाके के हरिबेला गांव निवासी अमित कुमार के रूप में हुई है. हालांकि पुलिस अमित से भी कराई से पूछताछ करने में जुटी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.