सीतामढ़ी: जिले में रेड क्रॉस सोसाइटी (Red Cross Society) के ब्लड बैंक (Blood Bank) से दिए गए रक्त चढ़ाने से दो महिलाओं की मौत (Death Of Women) हो गई. परिजनों ने डॉक्टरों की मांग पर रेडक्रॉस से ब्लड लिया था. जहां खून चढ़ने के थोड़ी देर बाद ही मरीज की स्थिति बेहद खराब होने लगी. जिससे महिला की मौत हो गई. डॉक्टर का कहना है कि खून की खराबी की वजह से ही महिला की मौत हुई है.
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घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सोमवार को प्रतापनगर के फेकन कुमार की पत्नी मालती देवी का ऑपरेशन हुआ. जिसके बाद उसे डॉक्टर की सलाह पर दो यूनिट खून चढ़ाया गया. इसी दौरान उसकी स्थिति बिगड़ी और मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने महिला की मौत पर जमकर हंगामा किया. इस तरह का मामला बीते 9 जून को भी आया था. जहां आदर्श नगर के मनीष तिवारी की पत्नी उर्वशी को सीजेरियन ऑपरेशन के बाद खून की जरूरत होने पर परिजन रेडक्रॉस से ही ब्लड लाकर चढ़ाये थे. जिसके बाद उसकी तबियत खराब होने से उसकी मौत हो गई.
इसी क्रम में 9 जून को एक और मामला सामने आया. जिले के चर्चित कातिब नंद किशोर हत्या मामले में भी रेड क्रॉस का ही खून चढ़ाया गया था. जिससे स्वास्थ्य मरीज की मौत हो गई.
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खून चढ़ाते महिला की मौत
शहर के सुप्रसिद्ध सर्जन नंदीपत मेमोरियल के संचालक डॉ. वरुण कुमार ने भी इसे स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि एक गर्भवती महिला उनके क्लिनिक में प्रसव के लिए आज सुबह भर्ती हुई. स्थिति गंभीर देखते हुए उसका सर्जरी कर बच्चा निकाल दिया गया. लेकिन खून की कमी के कारण उसे खून चढ़ाना अनिवार्य था. परिजनों ने रेड क्रॉस से खून लेकर दिया. जहां खून चढ़ने के दौरान ही महिला की स्थिति खराब होने लगी. जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे उच्चस्तरीय अस्पताल रेफर कर दिया. जहां अस्पताल ले जाने के क्रम में महिला की मौत हो गई.
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एक्सपायरी ब्लड से मौत
वहीं, परिजनों की हंगामा किए जाने पर चिकित्सकों ने खून का बैग चेक किया तो उनकी आंखें खुली रह गई. उस बैग पर एक्सपायरी डेट 2020 का था. वहीं, जारी करने की तिथि 2021 की थी. वह भी व्हाइटनर का प्रयोग कर बदला गया था. वहीं, परिजनों के हंगामा की सूचना पर पहुंची पुलिस लोगों को शांत कराया. जहां परिजनों ने शव को लेकर घर चले गये. पोस्टमार्टम से भी इंकार कर दिया था. फिलहाल, मामल में अबतक मृतक के पिरजन ने किसी तरह का शिकायत नहीं की है.