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रीगा शुगर मिल की दो इकाइयां डिस्टलरी और फर्टिलाइजर बंद, 175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट - riga sugar mill closed

25 वर्षों से संचालित रीगा शुगर कंपनी लिमिटेड की डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को बंद कर दिया गया है. जिले का एकमात्र उद्योग रीगा शुगर कंपनी लिमिटेड प्रबंधन और श्रमिक यूनियन के बीच जारी विवाद के कारण चीनी मिल के बाद अब डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को भी बंद कर दिया गया है. जिस कारण इन दोनों इकाई में कार्यरत करीब 175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.

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Published : Dec 27, 2020, 7:05 PM IST

सीतामढ़ी: डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई के बंद हो जाने से इन दोनों इकाईयों में कार्यरत करीब 175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. डिस्टलरी के जीएम एस के मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि चीनी मिल के श्रमिक संगठन द्वारा बॉयलर और टरबाइन का संचालन बंद कर दिया गया है. और श्रमिकों को काम पर आने से रोक दिया गया है. जिस कारण डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई का संचालन कर पाना संभव नहीं है.

डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई बंद
डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इन दोनों इकाई को बंद करने का फैसला लिया गया है. साथ ही 25 दिसंबर से इन दोनों इकाई में कार्यरत श्रमिकों को काम पर आने से मना कर दिया गया है. इन दोनों इकाई के बंद होने से सालाना करीब 100 करोड़ से अधिक का नुकसान होगा.

देखें रिपोर्ट

'ऑयल मार्केटिंग कंपनी से एग्रीमेंट के तहत तिमाही 25 लाख लीटर इथेनॉल आपूर्ति करने का एग्रीमेंट किया गया है. उत्पादन ठप होने से अब एग्रीमेंट के अनुसार 25 लाख लीटर तिमाही इथेनॉल की आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. जिस कारण डिस्टलरी डिवीजन को करीब ₹3 प्रति लीटर की दर से अर्थ दंड देना होगा. डिस्टलरी डिवीजन में 1 करोड़ 35 लाख लीटर एथेनॉल के उत्पादन से करीब 81 करोड़ रूपया सालाना व्यवसाय होता था जो अब नहीं हो पाएगा. सालाना 7 हजार टन फर्टिलाइजर उत्पादन से करीब 13 करोड़ का व्यवसाय हो रहा था जो बंद हो चुका है.'- एस के मिश्रा, जीएम, डिस्टलरी डिवीजन शुगर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड

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175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट

'डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को संचालित रखने के लिए जो विद्युत आपूर्ति होती है. उसका बॉयलर और टरबाइन चीनी मिल परिसर से संचालित होता है. लेकिन श्रमिक यूनियन द्वारा टरबाइन और बॉयलर चलाने वाले कर्मियों को काम पर आने से रोक दिया गया है. इसलिए डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को संचालित करने के लिए बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. जिसे देखते हुए प्रबंधन ने अब इन दोनों इकाई को बंद करने का नोटिस लगाकर 25 दिसंबर से श्रमिकों को काम पर आने से रोक दिया है. जिस कारण हम श्रमिकों के सामने अब काफी आर्थिक संकट गहरा गया है. अधिकांश श्रमिकों के सामने अब कई तरह की समस्या आ बनी हुई है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई बेटियों की शादी और बीमार परिजनों का इलाज सब प्रभावित हो गया है'- वीरेंद्र कुमार झा, महासचिव, श्रमिक महासंघ, डिस्टलरी डिवीजन

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डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई बंद

25 सालों से संचालित मिल बंद
रीगा शुगर कंपनी लिमिटेड की डिस्टलरी और फर्टिलाइजर डिवीजन 1 अगस्त 1995 से संचालित हो रही थी. डिस्टलरी डिवीजन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था. डिस्टलरी में अल्कोहल का उत्पादन होता था. लेकिन नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद से डिस्टलरी में एथेनॉल का उत्पादन हो रहा था. डिस्टलरी के जीएम एस के मिश्रा ने बताया कि इस डिस्टलरी में प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ 35 लाख लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाता रहा है. जिसकी आपूर्ति पेट्रोलियम कंपनियों को किया जाता था. वहीं फर्टिलाइजर इकाई में सालाना 7 हजार टन फर्टिलाइजर का उत्पादन हो रहा था जो अब पूरी तरह से बंद हो गया है.

सीतामढ़ी: डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई के बंद हो जाने से इन दोनों इकाईयों में कार्यरत करीब 175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है. डिस्टलरी के जीएम एस के मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि चीनी मिल के श्रमिक संगठन द्वारा बॉयलर और टरबाइन का संचालन बंद कर दिया गया है. और श्रमिकों को काम पर आने से रोक दिया गया है. जिस कारण डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई का संचालन कर पाना संभव नहीं है.

डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई बंद
डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इन दोनों इकाई को बंद करने का फैसला लिया गया है. साथ ही 25 दिसंबर से इन दोनों इकाई में कार्यरत श्रमिकों को काम पर आने से मना कर दिया गया है. इन दोनों इकाई के बंद होने से सालाना करीब 100 करोड़ से अधिक का नुकसान होगा.

देखें रिपोर्ट

'ऑयल मार्केटिंग कंपनी से एग्रीमेंट के तहत तिमाही 25 लाख लीटर इथेनॉल आपूर्ति करने का एग्रीमेंट किया गया है. उत्पादन ठप होने से अब एग्रीमेंट के अनुसार 25 लाख लीटर तिमाही इथेनॉल की आपूर्ति नहीं की जा सकेगी. जिस कारण डिस्टलरी डिवीजन को करीब ₹3 प्रति लीटर की दर से अर्थ दंड देना होगा. डिस्टलरी डिवीजन में 1 करोड़ 35 लाख लीटर एथेनॉल के उत्पादन से करीब 81 करोड़ रूपया सालाना व्यवसाय होता था जो अब नहीं हो पाएगा. सालाना 7 हजार टन फर्टिलाइजर उत्पादन से करीब 13 करोड़ का व्यवसाय हो रहा था जो बंद हो चुका है.'- एस के मिश्रा, जीएम, डिस्टलरी डिवीजन शुगर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड

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175 श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट

'डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को संचालित रखने के लिए जो विद्युत आपूर्ति होती है. उसका बॉयलर और टरबाइन चीनी मिल परिसर से संचालित होता है. लेकिन श्रमिक यूनियन द्वारा टरबाइन और बॉयलर चलाने वाले कर्मियों को काम पर आने से रोक दिया गया है. इसलिए डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई को संचालित करने के लिए बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. जिसे देखते हुए प्रबंधन ने अब इन दोनों इकाई को बंद करने का नोटिस लगाकर 25 दिसंबर से श्रमिकों को काम पर आने से रोक दिया है. जिस कारण हम श्रमिकों के सामने अब काफी आर्थिक संकट गहरा गया है. अधिकांश श्रमिकों के सामने अब कई तरह की समस्या आ बनी हुई है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई बेटियों की शादी और बीमार परिजनों का इलाज सब प्रभावित हो गया है'- वीरेंद्र कुमार झा, महासचिव, श्रमिक महासंघ, डिस्टलरी डिवीजन

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डिस्टलरी और फर्टिलाइजर इकाई बंद

25 सालों से संचालित मिल बंद
रीगा शुगर कंपनी लिमिटेड की डिस्टलरी और फर्टिलाइजर डिवीजन 1 अगस्त 1995 से संचालित हो रही थी. डिस्टलरी डिवीजन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था. डिस्टलरी में अल्कोहल का उत्पादन होता था. लेकिन नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद से डिस्टलरी में एथेनॉल का उत्पादन हो रहा था. डिस्टलरी के जीएम एस के मिश्रा ने बताया कि इस डिस्टलरी में प्रत्येक वर्ष 1 करोड़ 35 लाख लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाता रहा है. जिसकी आपूर्ति पेट्रोलियम कंपनियों को किया जाता था. वहीं फर्टिलाइजर इकाई में सालाना 7 हजार टन फर्टिलाइजर का उत्पादन हो रहा था जो अब पूरी तरह से बंद हो गया है.

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