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रीगा मिल प्रबंधन ने गन्ना के प्रभेद को किया रिजेक्ट, किसानों की बढ़ी परेशानी - पेराई सत्र

किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन ने विगत सत्र का पैसा भी बकाया रखा है और 150 और 110 प्रभेद लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण हम हजारों किसान बेमौत मारे जा रहे हैं. खेत में लगे इन दोनों प्रभेदों का आखिर किसान करे तो क्या करे.

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Published : Jan 2, 2020, 10:24 AM IST

सीतामढ़ीः जिले में रीगा शुगर मिल प्रबंधन ने गन्ने के प्रभेद को रिजेक्ट कर दिया है. जिससे नए वर्ष में हजारों किसानों के बीच आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. रीगा शुगर मिल प्रबंधन के फैसले से नए वर्ष में 4 जिलों के करीब 30 हजार किसानों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.

मिल प्रबंधन ने इस पेराई सत्र में गन्ने का 150 और 110 प्रभेद की आपूर्ति लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिले के किसानों के सामने विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है.

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गन्ने की खेती

गन्ना किसान परेशान
2 वर्ष पूर्व मील की ओर से 150 और 110 प्रभेद लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया था. वर्ष 2017 और 18 में इन दोनों प्रभेदों को मिल ने चीनी बनाने के लिए किसानों से खरीदा था. करीब 20% किसानों के खेत में अंतिम वर्ष यह फसल लगी हुई है. इसके बावजूद प्रबंधन ने इन दोनों प्रभेदों को लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण किसानों में मायूसी व्याप्त है.

क्या कहना है किसानों का
किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन विगत सत्र का पैसा भी बकाया रखा है और 150 और 110 प्रभेद लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण हम हजारों किसान बेमौत मारे जा रहे हैं. खेत में लगे इन दोनों प्रभेदों का आखिर किसान करे तो क्या करें.

देखें पूरी रिपोर्ट

किसानों का करोड़ों बकाया
विगत पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति देने वाले करीब 30 हजार किसानों का मिल प्रबंधन के पास पचासी करोड़ रुपया बकाया है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है. जबकि पेराई का नया सत्र भी चल रहा है. मिल प्रबंधन का बताना है कि सरकार की नीति के कारण किसानों का भुगतान लंबित है. अगर सरकार विगत सत्र में उत्पादित 70 करोड़ की चीनी की बिक्री का आदेश देती है, तो उस चीनी की बिक्री कर किसानों के बकाए का भुगतान किया जा सकता है. लेकिन गन्ना विभाग की ओर से उस चीनी पर रोक लगा दी गई है.

क्या कहना है जीएम का
शुगर मिल के जीएम शशि गुप्ता का कहना है कि विगत पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना की आपूर्ति की थी. उन किसानों का 13 जनवरी 2018 तक का भुगतान किया गया है. इसके बावजूद करीब 85 करोड़ रूपया किसानों का बकाया है. जिसका भुगतान कर पाने में कई प्रकार की समस्या आ रही है

सीतामढ़ीः जिले में रीगा शुगर मिल प्रबंधन ने गन्ने के प्रभेद को रिजेक्ट कर दिया है. जिससे नए वर्ष में हजारों किसानों के बीच आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. रीगा शुगर मिल प्रबंधन के फैसले से नए वर्ष में 4 जिलों के करीब 30 हजार किसानों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.

मिल प्रबंधन ने इस पेराई सत्र में गन्ने का 150 और 110 प्रभेद की आपूर्ति लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिले के किसानों के सामने विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है.

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गन्ने की खेती

गन्ना किसान परेशान
2 वर्ष पूर्व मील की ओर से 150 और 110 प्रभेद लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया था. वर्ष 2017 और 18 में इन दोनों प्रभेदों को मिल ने चीनी बनाने के लिए किसानों से खरीदा था. करीब 20% किसानों के खेत में अंतिम वर्ष यह फसल लगी हुई है. इसके बावजूद प्रबंधन ने इन दोनों प्रभेदों को लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण किसानों में मायूसी व्याप्त है.

क्या कहना है किसानों का
किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन विगत सत्र का पैसा भी बकाया रखा है और 150 और 110 प्रभेद लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण हम हजारों किसान बेमौत मारे जा रहे हैं. खेत में लगे इन दोनों प्रभेदों का आखिर किसान करे तो क्या करें.

देखें पूरी रिपोर्ट

किसानों का करोड़ों बकाया
विगत पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति देने वाले करीब 30 हजार किसानों का मिल प्रबंधन के पास पचासी करोड़ रुपया बकाया है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है. जबकि पेराई का नया सत्र भी चल रहा है. मिल प्रबंधन का बताना है कि सरकार की नीति के कारण किसानों का भुगतान लंबित है. अगर सरकार विगत सत्र में उत्पादित 70 करोड़ की चीनी की बिक्री का आदेश देती है, तो उस चीनी की बिक्री कर किसानों के बकाए का भुगतान किया जा सकता है. लेकिन गन्ना विभाग की ओर से उस चीनी पर रोक लगा दी गई है.

क्या कहना है जीएम का
शुगर मिल के जीएम शशि गुप्ता का कहना है कि विगत पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना की आपूर्ति की थी. उन किसानों का 13 जनवरी 2018 तक का भुगतान किया गया है. इसके बावजूद करीब 85 करोड़ रूपया किसानों का बकाया है. जिसका भुगतान कर पाने में कई प्रकार की समस्या आ रही है

Intro:रीगा शुगर मिल प्रबंधन ने गन्ने के प्रभेद को किया रिजेक्ट नए वर्ष में हजारों किसानों के बीच गहराया आर्थिक संकट।Body:रीगा शुगर मिल प्रबंधन के फैसले से नए वर्ष में 4 जिलों के करीब 30 हजार किसानों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। मिल प्रबंधन ने इस पिराई सत्र में गन्ने का 150 और 110 प्रभेद की आपूर्ति लेने से इनकार कर दिया है। इस कारण सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिले के किसानों के सामने विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। अब किसान अपने इस दो प्रभेदों को किस प्रकार चालान करें यह चिंता का विषय बना हुआ है। गन्ने की फसल 3 वर्षों का होता है। 2 वर्ष पूर्व मील की ओर से 150 और 110 प्रभेद लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया था। वर्ष 2017 और 18 में इन दोनों प्रभेदों को मिल ने चीनी बनाने के लिए किसानों से खरीदा था। करीब 20% किसानों के खेत में अंतिम वर्ष यह फसल लगी हुई है। इसके बावजूद प्रबंधन ने इन दोनों प्रभेदों को लेने से इंकार कर दिया है। जिस कारण किसानों में मायूसी व्याप्त है। किसानों का बताना है कि मिल प्रबंधन विगत सत्र का पैसा भी बकाया रखा है। ऊपर से 150 और 110 प्रभेद लेने से इंकार कर दिया है। जिस कारण हम हजारों किसान बेमौत मारे जा रहे हैं। खेत में लगे इन दोनों प्रभेदों को आखिर किसान करे तो क्या करें।
किसानों का करोड़ों बकाया:___________
विगत पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति देने वाले करीब 30 हजार किसानों का मिल प्रबंधन के पास पचासी करोड़ रुपया बकाया है। जिसका भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है। जबकि पेराई का नया सत्र भी चल रहा है। मिल प्रबंधन का बताना है कि सरकार की नीति के कारण किसानों का भुगतान लंबित है। अगर सरकार विगत सत्र में उत्पादित 70 करोड़ की चीनी की बिक्री का आदेश देती है तो उस चीनी की बिक्री कर किसानों के बकाए का भुगतान किया जा सकता है । लेकिन गन्ना विभाग के द्वारा उस चीनी पर रोक लगा दी गई है। सरकार की नीति और मिल प्रबंधन की उदासीनता के कारण कड़ी मेहनत कर गन्ना उपजाने वाले किसान बेमौत मारे जा रहे हैं। लेकिन इनकी समस्याओं पर कोई विचार नहीं करता। आखिर किसान जाए तो जाए कहां ऊपर से अब दो प्रभेदों पर भी रोक लगा दी गई है। इसलिए किसानों का दर्द और ज्यादा नासूर बन गया है।
बाइट 1. कामेश कुमार सिंह। गन्ना किसान पीला शर्ट में।
बाइट 2. संजय यादव। गन्ना किसान।
बाइट 3. शशि गुप्ता। जीएम। रीगा शुगर मिल सीतामढ़ी।
विजुअल 4,5,6,7,8,9,10Conclusion:शुगर मिल के जीएम शशि गुप्ता का बताना है कि विगत पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना की आपूर्ति की थी उन किसानों का 13 जनवरी 2018 तक का भुगतान किया गया है। इसके बावजूद करीब 85 करोड़ रूपया किसानों का बकाया है। जिसका भुगतान कर पाने में कई प्रकार की समस्या आरे आ रही है।
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