सीतामढ़ीः जिले में रीगा शुगर मिल प्रबंधन ने गन्ने के प्रभेद को रिजेक्ट कर दिया है. जिससे नए वर्ष में हजारों किसानों के बीच आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. रीगा शुगर मिल प्रबंधन के फैसले से नए वर्ष में 4 जिलों के करीब 30 हजार किसानों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.
मिल प्रबंधन ने इस पेराई सत्र में गन्ने का 150 और 110 प्रभेद की आपूर्ति लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिले के किसानों के सामने विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है.
गन्ना किसान परेशान
2 वर्ष पूर्व मील की ओर से 150 और 110 प्रभेद लगाने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया था. वर्ष 2017 और 18 में इन दोनों प्रभेदों को मिल ने चीनी बनाने के लिए किसानों से खरीदा था. करीब 20% किसानों के खेत में अंतिम वर्ष यह फसल लगी हुई है. इसके बावजूद प्रबंधन ने इन दोनों प्रभेदों को लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण किसानों में मायूसी व्याप्त है.
क्या कहना है किसानों का
किसानों का कहना है कि मिल प्रबंधन विगत सत्र का पैसा भी बकाया रखा है और 150 और 110 प्रभेद लेने से इंकार कर दिया है. जिस कारण हम हजारों किसान बेमौत मारे जा रहे हैं. खेत में लगे इन दोनों प्रभेदों का आखिर किसान करे तो क्या करें.
किसानों का करोड़ों बकाया
विगत पेराई सत्र में गन्ने की आपूर्ति देने वाले करीब 30 हजार किसानों का मिल प्रबंधन के पास पचासी करोड़ रुपया बकाया है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया जा सका है. जबकि पेराई का नया सत्र भी चल रहा है. मिल प्रबंधन का बताना है कि सरकार की नीति के कारण किसानों का भुगतान लंबित है. अगर सरकार विगत सत्र में उत्पादित 70 करोड़ की चीनी की बिक्री का आदेश देती है, तो उस चीनी की बिक्री कर किसानों के बकाए का भुगतान किया जा सकता है. लेकिन गन्ना विभाग की ओर से उस चीनी पर रोक लगा दी गई है.
क्या कहना है जीएम का
शुगर मिल के जीएम शशि गुप्ता का कहना है कि विगत पेराई सत्र में जिन किसानों ने गन्ना की आपूर्ति की थी. उन किसानों का 13 जनवरी 2018 तक का भुगतान किया गया है. इसके बावजूद करीब 85 करोड़ रूपया किसानों का बकाया है. जिसका भुगतान कर पाने में कई प्रकार की समस्या आ रही है