सीतामढ़ीः कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर सरकार ने जब पूरे देश को लॉकडाउन किया, तो उसके बाद से कोरोना के संक्रमण के डर से लोगों ने अंडा खाना छोड़ दिया. जिसके बाद से फार्म संचालकों का अंडा अब बाजार में नहीं दिख रहा है. फार्म संचालक भुखमरी के कगार पर है अब संचालकों को सरकार से राहत की उम्मीद है इसको लेकर संचालक संघ ने ईमेल के माध्यम से केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन से राहत को लेकर गुहार लगाया है.
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर जहां पूरा विश्व डरा और सहमा है. वहीं, कोरोना संक्रमण के डर से लोग मुर्गे का मीट या अंडा खाने से परहेज कर रहे हैं जिसके कारण फार्म संचालक भुखमरी के कगार पर आ गए है.
कर्मचारी और बैंक को देने के लिए नहीं है पैसे
फार्म संचालक संजीव कुमार का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से ही फार्म में तैयार हो रहे मुर्गे या अंडे लोग नहीं खरीद रहे है. लोगों को डर है कि कहीं इसमें कोरोना का संक्रमण तो नहीं है. इसको लेकर लोग अंडा या मुर्गा नहीं खरीद रहे है. संचालक ने बताया कि उनके पास अब फॉर्म में काम कर रहे कर्मचारी या बैंक से लिए कर्ज का किश्त जमा करने के लिए भी पैसे नहीं है.
फार्म संचालकों को सरकार से राहत की उम्मीद
जिले के फार्म संचालकों को सरकार से राहत की उम्मीद है. इसको लेकर जिले के फार्म संचालक संघ ने ई-मेल के माध्यम से केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन को अपने परेशानियों से अवगत करवाया है और राहत की मांग की है.
अंडे फेंकने पर मजबूर फार्म संचालक
फार्म संचालकों का कहना है कि मुर्गियों की ओर से पहले की अपेक्षा अंडे का पैदावार ज्यादा किया जा रहा है. लेकिन अंडे के खरीदार नहीं मिल रहे है. जिसके कारण फार्म संचालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुछ फार्म संचालक अंडे खराब होने की वजह से अंडे को फेंक रहे हैं. जिससे फार्म संचालकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
लॉक डाउन को लेकर नहीं मिल रहा मुर्गे का दाना
फार्म संचालक ने बताया कि लॉक डाउन को लेकर मुर्गी का दाना भी नहीं मिल रहा था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन टू के बाद से सरकार ने थोड़ी राहत देते हुए मवेशियों के दाने पर छूट दी. इसके बाद से दाना उपलब्ध हो रहा है.