सीतामढी: ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी रुन्नीसैदपुर पहुंचे और राहत शिविरों का जायजा लिया. उन्होंने सामुदायिक रसोई का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उपस्थित कर्मियों को निर्देश दिया गया कि खाना पूरी सफाई के साथ-साथ पौष्टिक होनी चाहिए. उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में खेल रहे बच्चों से बाढ़ की स्थिति एवं राहत कार्यों का फीडबैक लिया. इसके बाद वो प्रखंड के मध्य विद्यालय रूनी और मध्य विद्यालय अतरी पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना.
हालांकि बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि प्रधान सचिव ज्यादातर गांव में आए तो जरूर पर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात नहीं की. टोल प्लाजा स्थित राहत शिविर को रूनी मध्य विद्यालय, मननपुर मध्य विद्यालय और अतरी मध्य विद्यालय में शिफ्ट किया गया है.
बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश
बता दें कि बाढ़ पीड़ितों के लिए हाईटेक राहत शिविर का आयोजन किया गया था लेकिन जैसे ही सीएम के आने की सूचना मिली, रातों-रात राहत शिविर को बंद कर दिया गया. इससे बाढ़ पीड़ितों में काफी आक्रोश है. इनका कहना है कि राहत शिविर के नाम पर धोखा हुआ है. बिना सुचित किए ही राहत शिविर को हटा दिया गया.
क्या कहते हैं डीएम
इस मामले में जिलाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहत शिविर को हटाया गया है. टोल प्लाजा से करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल में राहत शिविर संचालित किया गया है. मुख्यमंत्री का कहना था कि टोल प्लाजा के पास राहत शिविर लगाना खतरे से खाली नहीं है इसलिए अविलंब उसे शिफ्ट किया गया.