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सीतामढ़ी में बैंक हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, 1100 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित

बैंक कर्मचारियों के हड़ताल के दूसरे दिन (Second Day Banks Strike) सीतामढ़ी में विशाल धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाला जा रहा है. हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप दिखाई दे रही हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

बैंक हड़ताल
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Published : Dec 17, 2021, 12:51 PM IST

सीतामढ़ी: बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों के हड़ताल का आज दूसरा दिन (Bankers Protest In Sitamarhi) है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) ने 16 व 17 दिसंबर को बैंक हड़ताल करने का एलान किया है. केंद्र सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान संसद दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण (Privatization Of Bank) करने संकेत समेत वर्तमान शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल लाने की घोषणा के विरोध में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से 1100 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है. साथ ही ग्राहकों को भी काफी मुश्किलें हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें: निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों ने खोला मोर्चा, कहा- 'जनता के हित के बारे में भी सोचे सरकार'

देशभर मे दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के पहले दिन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. गौरतलब है कि इस हड़ताल में देश के 7 लाख कर्मचारी शामिल हैं. हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप दिखाई दे रही हैं. वहीं, सीतामढ़ी जिले में बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक ललित किशोर ने बताया कि 16 व 17 दिसंबर 2021 सुबह 9 बजे से बैंक ऑफ बड़ोदा के सभी कर्मचारी सीतामढ़ी कार्यालय में विशाल धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: सारण में बैंकर्स की हड़ताल, निजीकरण के विरोध में सड़क पर उतरे कर्मचारी

'सरकार अगर यह बिल पास करती है, तो इससे कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचेगा. सरकार की मंशा है कि 75% शेयर कॉरपोरेट घराने को बेच दिया जाए. जिससे इसका सीधा फायदा कॉरपोरेट को होगा और आम लोगों को बैंक के द्वारा जो सुविधा दी जा रही है, खाता खोलने से लेकर अन्य सुविधा, वह नहीं मिल पाएगी.' -ललित किशोर, शाखा प्रबंधक

जिले में दो दिनों के बैंक कर्मियों के संकेतीक हड़ताल के कारण जिले के विभिन्न बैंकों के 1100 करोड़ का लेनदेन का कार्य प्रभावित हुआ है. संघ द्वारा दोनों दिन बिल के विरोध में विशाल धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाला जा रहा है. केंद्र सरकार से संघ की ओर से मांग की गई है कि बैंकों का सार्वजनिक स्वामित्व बनाए रखें और बैंकों का निजीकरण न किया जाए. निजीकरण से कुछ खास लोगों को सुविधा होगी. वहीं बैंकों के बंद होने से जिले के कई व्यवसायिक कार्य भी प्रभावित रहा. नतीजतन, हड़ताल के कारण शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप रहीं. हालांकि इस बीच एटीएम के सामान्य रूप से लेन-देन जारी रहा.

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सीतामढ़ी: बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों के हड़ताल का आज दूसरा दिन (Bankers Protest In Sitamarhi) है. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) ने 16 व 17 दिसंबर को बैंक हड़ताल करने का एलान किया है. केंद्र सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान संसद दो राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण (Privatization Of Bank) करने संकेत समेत वर्तमान शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल लाने की घोषणा के विरोध में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया. बैंक कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से 1100 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है. साथ ही ग्राहकों को भी काफी मुश्किलें हो रही हैं.

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देशभर मे दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. हड़ताल के पहले दिन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. गौरतलब है कि इस हड़ताल में देश के 7 लाख कर्मचारी शामिल हैं. हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप दिखाई दे रही हैं. वहीं, सीतामढ़ी जिले में बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक ललित किशोर ने बताया कि 16 व 17 दिसंबर 2021 सुबह 9 बजे से बैंक ऑफ बड़ोदा के सभी कर्मचारी सीतामढ़ी कार्यालय में विशाल धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

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'सरकार अगर यह बिल पास करती है, तो इससे कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचेगा. सरकार की मंशा है कि 75% शेयर कॉरपोरेट घराने को बेच दिया जाए. जिससे इसका सीधा फायदा कॉरपोरेट को होगा और आम लोगों को बैंक के द्वारा जो सुविधा दी जा रही है, खाता खोलने से लेकर अन्य सुविधा, वह नहीं मिल पाएगी.' -ललित किशोर, शाखा प्रबंधक

जिले में दो दिनों के बैंक कर्मियों के संकेतीक हड़ताल के कारण जिले के विभिन्न बैंकों के 1100 करोड़ का लेनदेन का कार्य प्रभावित हुआ है. संघ द्वारा दोनों दिन बिल के विरोध में विशाल धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाला जा रहा है. केंद्र सरकार से संघ की ओर से मांग की गई है कि बैंकों का सार्वजनिक स्वामित्व बनाए रखें और बैंकों का निजीकरण न किया जाए. निजीकरण से कुछ खास लोगों को सुविधा होगी. वहीं बैंकों के बंद होने से जिले के कई व्यवसायिक कार्य भी प्रभावित रहा. नतीजतन, हड़ताल के कारण शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप रहीं. हालांकि इस बीच एटीएम के सामान्य रूप से लेन-देन जारी रहा.

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