सीतामढ़ी: जिले में चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है.अस्पतालों में सरकारी चिकित्सकों की भारी कमी है, और इसका खामियाजा 34 लाख से अधिक की आबादी को भुगतना पड़ रहा है. अधिकांश सृजित पद खाली पड़े हैं. इस कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है.
निजी नर्सिंग होम पर निर्भर मरीज
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए विभाग की ओर से 367 चिकित्सकों का पद सृजित किया गया है. इनमे सिविल सर्जन का पद भी शामिल है, लेकिन हकीकत कुछ और है. अभी सृजित पद की तुलना में केवल 50 चिकित्सक ही तैनात हैं और 317 पद रिक्त पड़े हैं. इसलिए जिले के अधिकांश बीमार मरीजों को इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम और अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है.
अस्पतालों में अन्य पद भी रिक्त
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के अलावा अन्य पद जैसे नर्स, फार्मासिस्ट, कंपाउंडर, लिपिक का पद भी सृजित पदों की तुलना में खाली है. अस्पताल में तैनात अधिकारी और प्रभारी का कहना है कि बरसों से विभाग की ओर से इन रिक्त पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं की गई है.
सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था
जिले में 34 लाख 23 हजार 574 आबादी पर केवल 50 डॉक्टर ही तैनात है. यहां एक सदर अस्पताल, 16 पीएचसी, 1 रेफरल अस्पताल और 2 अनुमंडल अस्पताल बनाए गए हैं. जिसमें इन 50 चिकित्सकों की तैनाती की गई है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि अनुमंडल अस्पताल में 9 चिकित्सकों के पद सृजित है, लेकिन सिर्फ दो दो चिकित्सक ही तैनात किए गए हैं.
डीएम ने भी माना कमी है
इस कमी को डीएम भी स्वीकार करते हैं. उन्होंने बताया है कि जल्द ही सृजित पदों पर डॉक्टरों की बहाली की जायगी. इसके लिए विभाग से पत्राचार किया गया है. जल्द ही रिक्त पदों को भर कर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुचारू रूप दिया जाएगा.