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सीतामढ़ी के कई गांवों में राशन कार्ड से वंचित लोगों को है जीविका दीदी का इंतजार - सीतामढ़ी के कई गांवों में लोगों को जीविका दीदी का इंतजार है

लॉकडाउन के समय सरकारी खाद्यान्न से वंचित लोगों को जीविका दीदी का इंतजार है. क्योंकि सरकार ने राशन कार्ड से वंचित लोगों का राशन कार्ड बनाने की जिम्मेदारी जीविका दीदी को दी है.

सीतामढ़ी
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Published : Apr 21, 2020, 10:52 PM IST

सीतामढ़ी: कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन में गरीब लोगों की मदद के लिए सरकार ने पीडीएस संचालकों को नियमित राशन के अलावे मुफ्त राशन देने का निर्देश दिया है. लेकिन कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं होने के कारण वो इस लाभ से वंचित हो रहे हैं. जिले के वैसे लोगों को अपने गांव में जीविका दीदी के आने का इंतजार है.

बता दें कि सरकार की ओर से राशन कार्ड से वंचित परिवारों को राशन कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी जीविका दीदी को दी गई है. सरकारी निर्देश के अनुसार जीविका दीदी गांव में जाकर वैसे परिवार की तलाश करेंगी, जिस परिवार में राशन कार्ड अब तक नहीं बन पाया है. इसके साथ ही जीविका दीदी गांव में रहने वाले लोगों के बीच मास्क और सैनिटाइजर का भी वितरण करेगी. लेकिन जिले का कई ऐसा पंचायत और गांव है जहां के लोग जीविका दीदी के संबंध में बिल्कुल अनभिज्ञ है.

लोगों को सरकारी खाद्यान्न नहीं मिलने की सता रही चिंता
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पंचायत और गांव में कोई भी जीविका दीदी राशन कार्ड बनवाने, मास्क और सेनेटाइजर वितरण के लिए नहीं आई है. जीविका दीदी क्या होती है और उनका क्या काम है यह हमें नहीं पता. सरकारी आदेश के बावजूद कई गांव और पंचायतों में जीविका दीदी नहीं पहुंच पाई है.इसी कारण से अब लोगों को यह चिंता सताने लगी है कि अगर राशन कार्ड नहीं बनेगा तो उन्हें सरकारी खाद्यान्न कैसे मिलेगा.

नहीं किया गया है मास्क और सेनेटाइजर का वितरण
बताया जाता है कि जिले के बेलसंड प्रखंड के किसी गांव में जीविका दीदी ने राशन कार्ड से वंचित परिवारों का सर्वे नहीं किया है. किसी भी बस्ती में मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण नहीं किया गया है. रूपौली पंचायत के सौली गांव और चंदौली पंचायत के चंदौली गांव में लोगों बताया कि लॉकडाउन में भुखमरी से बचाने के लिए राशन कार्ड से वंचितों को भी राशन देने के लिए सरकार के घोषणा से आशा जगी है. इसीलिए हमसब जीविका दीदी का आने का रास्ता देख रहे हैं.

सीतामढ़ी: कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन में गरीब लोगों की मदद के लिए सरकार ने पीडीएस संचालकों को नियमित राशन के अलावे मुफ्त राशन देने का निर्देश दिया है. लेकिन कई लोगों के पास राशन कार्ड नहीं होने के कारण वो इस लाभ से वंचित हो रहे हैं. जिले के वैसे लोगों को अपने गांव में जीविका दीदी के आने का इंतजार है.

बता दें कि सरकार की ओर से राशन कार्ड से वंचित परिवारों को राशन कार्ड बनवाने की जिम्मेदारी जीविका दीदी को दी गई है. सरकारी निर्देश के अनुसार जीविका दीदी गांव में जाकर वैसे परिवार की तलाश करेंगी, जिस परिवार में राशन कार्ड अब तक नहीं बन पाया है. इसके साथ ही जीविका दीदी गांव में रहने वाले लोगों के बीच मास्क और सैनिटाइजर का भी वितरण करेगी. लेकिन जिले का कई ऐसा पंचायत और गांव है जहां के लोग जीविका दीदी के संबंध में बिल्कुल अनभिज्ञ है.

लोगों को सरकारी खाद्यान्न नहीं मिलने की सता रही चिंता
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पंचायत और गांव में कोई भी जीविका दीदी राशन कार्ड बनवाने, मास्क और सेनेटाइजर वितरण के लिए नहीं आई है. जीविका दीदी क्या होती है और उनका क्या काम है यह हमें नहीं पता. सरकारी आदेश के बावजूद कई गांव और पंचायतों में जीविका दीदी नहीं पहुंच पाई है.इसी कारण से अब लोगों को यह चिंता सताने लगी है कि अगर राशन कार्ड नहीं बनेगा तो उन्हें सरकारी खाद्यान्न कैसे मिलेगा.

नहीं किया गया है मास्क और सेनेटाइजर का वितरण
बताया जाता है कि जिले के बेलसंड प्रखंड के किसी गांव में जीविका दीदी ने राशन कार्ड से वंचित परिवारों का सर्वे नहीं किया है. किसी भी बस्ती में मास्क और सेनेटाइजर का भी वितरण नहीं किया गया है. रूपौली पंचायत के सौली गांव और चंदौली पंचायत के चंदौली गांव में लोगों बताया कि लॉकडाउन में भुखमरी से बचाने के लिए राशन कार्ड से वंचितों को भी राशन देने के लिए सरकार के घोषणा से आशा जगी है. इसीलिए हमसब जीविका दीदी का आने का रास्ता देख रहे हैं.

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