सीतामढ़ी: लॉकडाउन के दौरान प्रशासन के सामने चुनौतियां कम नहीं है. प्रवासी लगातार घर वापसी कर रहे हैं और इसकी वजह से संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है. सीतामढ़ी में कोविड-19 की जांच को लेकर यात्रियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला. जिसकी वजह से पुलिस की घेराबंदी भी काम नहीं आई.
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दरअसल मुंबई-रक्सौल वाया सीतामढ़ी पहुंचने वाली कोविड स्पेशल ट्रेन 05548 के पहुंचने से पहले ही रेल पुलिस, सामान्य पुलिस और सुरक्षा बल ने घेराबंदी कर ली थी. ताकि कोई भी यात्री बिन कोरोना जांच कराए यहां से निकल न सके. लेकिन जैसे ही यात्रियों का हुजूम यहां पहुंचा प्रशासन की घेरा बंदी कमजोर पड़ गई और यात्री बिना टेस्ट कराए ही यहां से निकल भागे.
किए गए थे तगड़े इंतजाम
मुंबई-रक्सौल वाया सीतामढ़ी के इंतजार में घंटो पहले से राजकीय रेल पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के अलावा जिला प्रशासन की टीम चाक चौबंद व्यवस्था के साथ स्थानीय रेलवे स्टेशन के चारों तरफ घेरा लगाकर डटी रही. लेकिन स्पेशल ट्रेन अपने नियत समय दोपहर 2 बजकर 45 मिनट की बजाय 6 बजकर 52 मिनट पर पहुंचीं यानी 4 घंटा 7 मिनट लेट. ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची. सभी व्यवस्था के साथ प्रशासनिक टीम डेटे रहे, ताकि बीते दिनों की तरह एक भी रेल यात्री बिना कोविड-19 टेस्ट कराए स्टेशन से भाग न सके.
घेराबंदी नहीं आई काम
जैसे ही ट्रेन पहुंची यात्रियों के हुजूम के सामने प्रशासनिक घेरा बंदी काम नहीं आई. और यात्री घेरा तोड़ते हुए सैकड़ो की तादात में बिना कोविड टेस्ट कराए स्टेशन से भागते नजर आए.
अधिकारियों के सामने ही भाग निकले यात्री
इस दौरान जिला प्रशासन टीम के सदर एसडीओ राकेश कुमार, डीएसपी रमाकांत उपाध्याय, बीडीओ डुमरा मुकेश कुमार व रीगा एसआई अनिल कुमार के अलावा स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद के अलावा रेलवे सुरक्षा बल के कमांडर अनिता कुमारी, उप निरीक्षक पीके झा, टी शिव बहादुर और राजकीय रेल थानाध्यक्ष राज कुमार राम अपने दल बल के साथ मौजूद थे. तकरीबन 30 मिनट तक यात्री अपनी कोविड टेस्ट को लेकर लाइन में खड़े रहे.और फिर सैकड़ों यात्री यहां से भाग निकले.
रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल
आधे घंटा बीतने के बाद एकाएक प्लेटफार्म नंबर एक पर अफरा तफरी का माहौल बन गया और लाइन में खड़े यात्री बिना टेस्ट कराए हल्ला करते भागने में सफल रहे. मौजूद प्रशासनिक टीम की एक भी नहीं चली सभी बस ताकते रह गए. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी मोर्चा संभालते हुए भाग रहे कुछ यात्रियों को रोकने में सफल रहे. कुल 482 भागते यात्रियों को रोका जा सका. वहीं इन यात्रियों में सभी यात्री निगेटिव पाए गए हैं.
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