सीतामढ़ीः कोविड संकट, बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं के बीच किसानों को इस बार धान की बंपर पैदावार (Bumper Production of Paddy) से काफी उम्मीदें थी. खेतों में लहलहाते धान की फसल देखकर किसान काफी खुश थे. लेकिन अंत में हुई भारी बारिश ने उनके चेहरे से मुस्कान उड़ा दिए.
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पिछले दिनों बिहार के सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों में हुई लगातार बारिश के कारण किसानों की नींद उड़ गई है. हुआ यूं कि धान की फसल लगभग तैयार है. इस बीच बारिश की वजह से खेत पानी से भर गए. नतीजा ये हुआ कि धान के पौधे झुक गए और बाली पानी में डूब गई है. फसल सड़ने को लेकर किसान काफी चिंतित हैं.
किसान महेंद्र महतो बताते हैं कि उनकी फसल तो तैयार ही थी. लेकिन बरसात की वजह से वे नहीं काट सके. उम्मीद थी कि हल्की बारिश होगी और कुछ दिनों के बाद जमीन सूखने के बाद धान की कटाई शुरू करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब आलम ये है कि धान की बाली झुककर पानी में डूब गए हैं. धान की अच्छी पैदावार होने के बाद भी अब हजारों एकड़ की फसल बर्बाद हो रहे हैं.
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फसल बर्बाद होने पर किसान देवेंद्र प्रसाद यादव कहते हैं कि भारी बारिश के कारण खेतों में बारिश का पानी जमा है. ऐसे में फसल की कटाई संभव नहीं है. देवेन्द्र ने बताया कि उन्होंने महाजन से कर्ज लेकर इस बार धान की खेती की थी. उम्मीद थी कि फसल बेचकर कर्ज चुका देंगे, लेकिन अब यह संभव नहीं दिख रहा है. उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.