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श्रद्धांजलि सभा में मंत्री शीला मंडल ने वीर कुंवर सिंह पर दिया विवादित बयान

बिहार की परिवहन मंत्री शिला मंडल ने शहीद रामफल मंडल की श्रद्धांजलि सभा में वीर कुंवर सिंह पर विवादित बयान दिया. उन्होंने शहादत को जाति से जोड़ते हुए कहा कि रामफल मंडल शहीद हुए. अपनी जान की बलि दे दी, लेकिन उनको इतना सम्मान नहीं मिला. अति पिछड़ी जाति के गुणों को दबाया गया.

shila mandal
परिवहन मंत्री शिला मंडल
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Published : Dec 4, 2020, 7:41 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 8:24 PM IST

सीतामढ़ी: बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने शुक्रवार को सीतामढ़ी में शहीद रामफल की श्रद्धांजलि सभा में बाबू वीर कुंवर सिंह पर विवादित बयान दिया. शीला मंडल ने कहा कि कुंवर सिंह का एक हाथ कटा तो वाहवाही हो गई. रामफल मंडल ने अपनी जान की बलि दे दी. उनका उतना नाम नहीं हुआ.

सीतामढ़ी के बाजपट्टी में शहीदों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शीला मंडल ने कहा "एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाहवाही हुई कि आज बच्चा-बच्चा उनको जानता है. हर किताब में वीर कुंवर सिंह के बारे में बताया जाता है, लेकिन हमारे शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता."

परिवहन मंत्री शिला मंडल

शीला मंडल ने आगे इसको जाति से जोड़ते हुए कहा "रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की बलि दे दी, लेकिन उनको इतना सम्मान नहीं मिला. अति पिछड़ी जाति के गुणों को दबाया गया. अति पिछड़ी जाति के गुणों को दबाया जाता था और दूसरे कुल के गुणों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था. रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है. अगर ये दूसरे वर्ग से होते तो आज इनके भी बच्चे बड़े-बड़े पदों पर होते."

आजादी की लड़ाई में शहीद हुए थे रामफल
गौरतलब है कि रामफल मंडल देश की आजादी की लड़ाई में शहीद हो गए थे. उनका घर बाजपट्टी प्रखंड के मथुरापुर में है. 23 अगस्त 1943 को उन्हें ब्रिटिश सरकार ने फांसी दी थी. उनपर 24 अगस्त 1942 को बाजपट्टी चौक पर अंग्रेज सरकार के तत्कालीन सीतामढ़ी अनुमंडल अधिकारी हरदीप नारायण सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर राममूर्ति झा, हवलदार श्यामलाल सिंह और चपरासी दरबेशी सिंह को गड़ासा से काटकर हत्या करने का आरोप था.

"15 साल पहले इनका नाम भी कहीं नहीं था. रामफल मंडल के सम्मान के लिए जितना काम होना चाहिए था नहीं हुआ. मैं वचन देती हूं कि जब तक पद पर रहूंगी इनके लिए कुछ करूंगी. शहीद के परिवार के पास घर नहीं है. यह देखकर बहुत दुख हुआ. हम प्रयास करेंगे कि इनको घर मिले."- शीला मंडल, परिवहन मंत्री

विवाद बढ़ा तो जताया खेद
वीर कुंवर सिंह पर दिए गए बयान से विवाद बढ़ा तो शीला मंडल ने खेद जताया. उन्होंने कहा कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाने का नहीं था. मेरे दिल में वीर कुंवर सिंह के प्रति असीम श्रद्धा है. मेरे बयान से जिस किसी की भी भावना को ठेस पहुंची है, इसके लिए मैं खेद प्रकट करती हूं.

सीतामढ़ी: बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने शुक्रवार को सीतामढ़ी में शहीद रामफल की श्रद्धांजलि सभा में बाबू वीर कुंवर सिंह पर विवादित बयान दिया. शीला मंडल ने कहा कि कुंवर सिंह का एक हाथ कटा तो वाहवाही हो गई. रामफल मंडल ने अपनी जान की बलि दे दी. उनका उतना नाम नहीं हुआ.

सीतामढ़ी के बाजपट्टी में शहीदों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शीला मंडल ने कहा "एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाहवाही हुई कि आज बच्चा-बच्चा उनको जानता है. हर किताब में वीर कुंवर सिंह के बारे में बताया जाता है, लेकिन हमारे शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता."

परिवहन मंत्री शिला मंडल

शीला मंडल ने आगे इसको जाति से जोड़ते हुए कहा "रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की बलि दे दी, लेकिन उनको इतना सम्मान नहीं मिला. अति पिछड़ी जाति के गुणों को दबाया गया. अति पिछड़ी जाति के गुणों को दबाया जाता था और दूसरे कुल के गुणों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता था. रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है. अगर ये दूसरे वर्ग से होते तो आज इनके भी बच्चे बड़े-बड़े पदों पर होते."

आजादी की लड़ाई में शहीद हुए थे रामफल
गौरतलब है कि रामफल मंडल देश की आजादी की लड़ाई में शहीद हो गए थे. उनका घर बाजपट्टी प्रखंड के मथुरापुर में है. 23 अगस्त 1943 को उन्हें ब्रिटिश सरकार ने फांसी दी थी. उनपर 24 अगस्त 1942 को बाजपट्टी चौक पर अंग्रेज सरकार के तत्कालीन सीतामढ़ी अनुमंडल अधिकारी हरदीप नारायण सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर राममूर्ति झा, हवलदार श्यामलाल सिंह और चपरासी दरबेशी सिंह को गड़ासा से काटकर हत्या करने का आरोप था.

"15 साल पहले इनका नाम भी कहीं नहीं था. रामफल मंडल के सम्मान के लिए जितना काम होना चाहिए था नहीं हुआ. मैं वचन देती हूं कि जब तक पद पर रहूंगी इनके लिए कुछ करूंगी. शहीद के परिवार के पास घर नहीं है. यह देखकर बहुत दुख हुआ. हम प्रयास करेंगे कि इनको घर मिले."- शीला मंडल, परिवहन मंत्री

विवाद बढ़ा तो जताया खेद
वीर कुंवर सिंह पर दिए गए बयान से विवाद बढ़ा तो शीला मंडल ने खेद जताया. उन्होंने कहा कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाने का नहीं था. मेरे दिल में वीर कुंवर सिंह के प्रति असीम श्रद्धा है. मेरे बयान से जिस किसी की भी भावना को ठेस पहुंची है, इसके लिए मैं खेद प्रकट करती हूं.

Last Updated : Dec 4, 2020, 8:24 PM IST

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