सीतामढ़ी: जिले में अप्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए काउंसलिंग कराई गई. कोरोना महामारी संकटकाल में बाहर के प्रदेशों से आए सभी मजदूरों को जिले में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर जिला प्रशासन कृतसंकल्पित है. नवप्रवर्तन योजना, क्लस्टर योजना, मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली सहित केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाओं के तहत सभी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए काफी तेजी से कार्य किया जा रहा है.
मजदूरों के लिए बनवाया गया काउंसिलिंग सेंटर
इस बैठक में जिलाधिकारी ने मजदूरों से कहा कि डीआरसीसी में डिस्ट्रीक्ट लेवल काउंसिलिंग सेन्टर बनाया गया है. इसमें सभी इच्छुक मजदूर भाइयों का रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी पंजीकृत मजदूरों को रोजगार को लेकर उन्हें परामर्श भी दिया जाएगा. इसके साथ ही विभिन्न विभागों के माध्यम से स्टॉल लगाकर उनके कौशल के हिसाब से उन्हें रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा.
29 हजार मजदूरों का किया गया सर्वे
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को लाभान्वित किया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि लगभग 29 हजार श्रमिकों का स्किल सर्वे किया गया है. इसमे 211 श्रमिकों ने गुरुवार को डीआरसीसी में अपना पंजीकरण करवाया है. इनमें से अधिकतर मजदूर रेडीमेड गारमेंट्स, सिलाई, कढ़ाई के कामों में दक्ष है.
अपने राज्य में ही किया जाएगा काम
इस मौके पर कलाम हुसैन, सफी अहमद, मोहम्द चांद, नूर मोहम्मद सहित अन्य अप्रवासी श्रमिक काफी खुश नजर आए. खलीलुजमा सूरत में रेडीमेड गारमेंट्स फैक्ट्री के जनरल मैनेजर ने कहा कि वह अपने अनुभव और कौशल का उपयोग अब अपने जिले में भी करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें क्लस्टर में भी शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि अपनो के बीच अपने ही घर में काम करना काफी अच्छा लगेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सब का हुनर अपने ही राज्य के विकास में काम आएगा, इससे लोगों को खुशी के साथ गर्व भी होगा.
कईं अधिकारी रहें मौजूद
इस अवसर पर डीडीसी प्रभात कुमार, निदेशक डीआरडीए, मुमुक्ष चौधरी, डीपीआरओ परिमल कुमार महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, जिला नियोजन पदाधिकारी, रजिया इदरीसी, प्रबंधक डीआरसीसी पूनम पाल सहित कई अधिकारी और काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक उपस्थित रहे.