सीतामढ़ी: कोरोना वायरस को लेकर सरकार सभी प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों से अपील कर रही है कि अपने कर्मचारियों का वेतन समय से दें. वहीं, बिहार सरकार ने सीतामढ़ी जिले में कार्यरत मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 25 मार्च को आठ करोड़ चालीस लाख जारी कर दिया था. लेकिन जिला प्रशासन के लापरवाही के वजह से अब वेतन भुगतान नहीं हो सका है.
इस संबंध में स्थानीय मो.कमर अखतर ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना सीतामढ़ी और लिपिक पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके लापरवाही और कार्य शैली के वजह से मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं मिल सका है, जबकि जिले के नियमित शिक्षकों का वेतन फरवरी तक भुगतान कर दिया गया. इससे साफ प्रतित होता है कि इनके तरफ से जान बूझकर मदरसा शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. 31 मार्च को राशि लैप्स हो गया. जबकि बिहार के अन्य जिलों मे गंभीरता से लिया गया, तो मदरसा शिक्षकों का वेतन भुगतान हो गया है.
'घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है'
मदरसा रहमानिया मेहसौल के अध्यक्ष मो अरमान अली ने बताया कि सरकार के उप सचिव ने 25 मार्च को महालेखाकार को 67 करोड़ पचास लाख मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु एलॉटमेंट कर दिया था. सीतामढ़ी जिले के मदरसा शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 8 करोड़ 40 लाख रुपया जारी किया गया था. लेकिन हम लोग को 12 महीनों से वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से घर परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. वहीं, मदरसा शिक्षकों ने दोषी पदाधिकारी और लिपिक पर करवाई की मांग की.