सीतामढ़ी: देश में आयुष्मान भारत योजना लागू हुए एक साल का वक्त बीत चुका है. लेकिन जिले की अधिकांश आबादी को अब तक इस योजना का लाभ सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है. आर्थिक रूप से गरीब और लाचार लोगों को अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं.
लोगों का आरोप
इस योजना का लाभ लेने से जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों की ज्यादातर आबादी अब तक वंचित है, इसमें रुन्नीसैदपुर, सोनबरसा, सुरसंड, पुपरी, बथनाहा, रीगा, सुप्पी, मेजरगंज, बेलसंड, परसौनी सहित कुल 17 प्रखंड शामिल है. लोगों का आरोप है कि उन्हें या तो इस योजना से संबंधित जानकारी नहीं दी गई, या फिर योजना के लिए जरूरी गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए अवैध रूप से पैसों की मांग की गई.
सरकारी तंत्र की दलील
सीतामढ़ी सदर अस्पताल के सीएस का कहना है कि कई लोग राशन कार्ड नहीं होने के कारण तो कुछ जानकारी के अभाव में योजना से जुड़ नहीं सके. हालांकि वे और डीएम लिस्ट में छुटे हुए लोगों के नाम जल्द से जल्द जुड़वाने का भरोसा देते नजर आए.
क्या है आयुष्मान भारत योजना
दरअसल आयुष्मान भारत योजना या फिर यूं कहे कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है. योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से शुरू किया था, जबकि अंत्योदय के जनक पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जन्मतिथि 25 सितंबर 2018 से प्रधानमंत्री मोदी की ओर से ही इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया. योजना के तहत सरकार देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है. वास्तविक तौर पर सरकार की ओर से यह देश के गरीबों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है.
कैसे उठाए आयुष्मान भारत योजना का लाभ
- स्वास्थ्य बीमा के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल से योजना में बिना पैसे दिए कैशलेस इलाज किया जा रहा है.
- योजना के तहत मापदंडों को पूरा करने वाले निजी अस्पताल ऑनलाइन पैनल में रखे गए हैं.
- देश के किसी भी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है.
- नीति आयोग कैशलेस या पेपरलेस इलाज के लिए पहले ही आईटी फ्रेमवर्क विकसित कर चुका है.
इस तरह पूरी होगी अस्पताल में भर्ती की प्रक्रिया
- आयुष्मान भारत योजना का लाभुक अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई फी नहीं देगा. अस्पताल में एडमिट होने से लेकर इलाज तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जायेगा.
- यहां तक कि अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जायेंगे.
- योजना के तहत लिस्टेड सभी अस्पतालों में एक आयुष्मान मित्र होगा, जो मरीज की मदद करेगा और उसे अस्पताल की सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा.
- अस्पताल में मौजूद हेल्प डेस्क मरीज के डॉक्यूमेंट चेक करने, स्कीम में नामांकन की वेरिफिकेशन करेगा.
- आयुष्मान भारत योजना में शामिल मरीज देश के किसी भी सरकारी या फिर लिस्टेड निजी अस्पताल में इलाज करा सकेगा.
क्या है आयुष्मान भारत योजना में विशेष
- आयुष्मान भारत योजना में शामिल परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है.
- मोदी केयर के नाम से मशहूर इस योजना में पुरानी बीमारियां भी कवर की गयी हैं
- इलाज के दौरान ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च भी शामिल है.
- बीमारी के दौरान सभी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज स्कीम के तहत कवर होंगे
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत योजना में 1354 पैकेज शामिल किये है
- इसमें कोरोनरी बायपास, घुटना बदलना और स्टेंट डालने इलाज शामिल हैं.
- इस योजना में इलाज का खर्च केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना से 15-20 % कम है
आयुष्मान भारत योजना में किसे मिल रहा है कवरेज?
- महिला, बच्चे और सीनियर सिटीजन को इस योजना में खास तौर पर शामिल किये जाने की कोशिश है.
- आयुष्मान भारत योजना में शामिल होने के लिए परिवार के आकार और उम्र का कोई बंधन नहीं है.
- सरकारी अस्पताल और पैनल में लिस्टेड अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों का कैशलेस/पेपरलेस इलाज हो सकेगा.
कौन ले सकता है आयुष्मान भारत योजना का लाभ
- देश के 10.74 करोड़ परिवार इसका लाभ ले सकते हैं.
- इन परिवार की पहचान गरीब और सुविधाओं से वंचित लोगों के तौर पर की गई है.
- योजना का लाभ लेने के लिए सामाजिक-आर्थिक-जातिय जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है.
- परिवार के आकार या उम्र की कोई सीमा तय नहीं की गई है.
- ऐसे ग्रामीण परिवार जिसमें 16 से 59 साल का कोई पुरूष नहीं है और महिला उसकी मुखिया है उन परिवारों को लाभ मिलेगा.
- एससी और एसटी में शामिल परिवारों को लाभ मिलेगा.
- बिना जमीन वाले मजदूरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा
- शहरी क्षेत्र में बेघर लोग, कचरा बीनने वाले, भिखारी, घरेलू नौकर, मोची, हॉकर, मजदूर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कूली, स्वीपर भी इसमें शामिल है.
किस अस्पताल में होगा लाभुक का इलाज
- सभी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी इलाज करा सकते हैं.
- इसके साथ ही सरकार के पैनल में लिस्टेड निजी अस्पताल में भी इलाज हो सकता है.
- पैनल में शामिल होने के लिए निजी अस्पताल में कम से कम 10 बेड और इसे बढ़ाने की क्षमता होनी चाहिए.
- लाभार्थी सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 14555 पर भी कॉल कर सकते हैं.
- योजना में आपका नाम है या नहीं यह आप Mera.pm.jay.gov.in पर चेक कर सकते हैं
आयुष्मान भारत योजना पर कैसे होगा अमल?
- राष्ट्रीय स्तर पर आयुष्मान भारत योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन देख रही है.
- राज्य स्तर पर योजना के देखरेख की जिम्मेदारी प्रदेश स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के पास है.
आयुष्मान भारत योजना पर खर्च होने वाली रकम कहां से आएगी?
- आयुष्मान भारत योजना पर आने वाली लागत राज्य और केंद्र सरकारें दोनों आपस में बांट रही हैं.
- योजना में राज्य की हिस्सेदारी जरूरी है
- राज्य की स्वास्थ्य एजेंसी को केंद्र सरकार एसक्रो अकाउंट से सीधे पैसे भेज रही है.
- योजना की अनुमानित लागत 12 हजार करोड़ रुपये है.
मोदी सरकार की इस योजना से देश की एक बड़ी आबादी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकेगी. खासकर गरीब तबके के लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी.