सीतामढ़ी: निगरानी विभाग के हत्थे चढ़े जिले के पूर्व सिविल सर्जन रविंद्र कुमार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. बता दें कि पूर्व सिविल सर्जन पर डाटा ऑपरेटरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में धांधली और ब्लीचिंग पाउडर की खरीदारी में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरतने का आरोप लगा है.
जिले में आई बाढ़ के बाद उससे होने वाली बीमारी से बचाव को लेकर चूना और ब्लीचिंग पाऊडर मंगाया गया था. जिसमें धांधली का मामला सामने आया है. पूर्व सिविल सर्जन के ऊपर लगे आरोप की जांच करने गुरुवार को निगरानी विभाग के डीएसपी पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व सीविल सर्जन के कार्यों का जायजा लिया.
'दोषी पाये जाने पर होगी कार्रवाई'
निगरानी विभाग डीएसपी संतोष सिंह गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व सिविल सर्जन के कार्यकाल में किये गए कार्यों की जांच की. डीएसपी संतोष सिंह ने बताया की पूर्व सिविल सर्जन जिले में बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल-खेल रहे हैं. जिसकी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि वे इस मामले की निगरानी कर रहे हैं. जांच में दोषी पाये जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डाटा ऑपरेटरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में धांधली
बता दें कि डीएसपी संतोष सिंह तीन दिनों से जिले के कई प्रखंडों में संचालित सरकारी अस्पतालों की निगरानी कर रहे थे. सूत्रों की माने तो पूर्व सिविल सर्जन ने अपने कार्यकाल में बिना जिलाधिकारी से अनुमति लिए बिना डाटा ऑपरेटरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के कार्य में धांधली की है. बता दें कि सीतामढ़ी के डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने इस मामले जांच कराई थी. जांच रिपोर्ट में पूर्व सिविल सर्जन पर अनियमितता बरतने का मामला सामने आया था. जिसकी शिकायत विभाग के प्रधान सचिव से जिला अधिकारी ने की थी. जिसकी जांच की जा रही है.