सीतामढ़ी: डिजिटल इंडिया का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. जिले में ऑनलाइन माध्यम से कृषि विभाग के सभी काम किए जा रहे हैं. डीजल अनुदान से लेकर बीज प्राप्त करने की हर योजना का लाभ किसान ऑनलाइन माध्यम से ले रहे हैं. इससे किसानों को बिचौलिए से राहत मिल रही है.
कैसै मिलता है ऑनलाइन बीज?
सबसे पहले किसान बीज के लिए ऑनलाइन अप्लाई करते हैं. इसके बाद कृषि विभाग के समन्वयक उसका वेरिफिकेशन करते हैं और जिला कृषि पदाधिकारी के पास आवेदन भेजते हैं. वहां से किसानों के मोबाइल पर ओटीपी जेनरेट होती है. इसी ओटीपी के माध्यम से बीज डीलर किसानों को बिल जेनरेट कर बीज मुहैया करा रहे हैं.
ऑनलाइन बीज मिलने की दूसरी प्रक्रिया
दूसरी प्रक्रिया में विभाग किसानों का चयन करता है. मुख्यमंत्री तीव्र विस्तार योजना, बीज ग्राम योजना आदि के अनुरूप किसानों का चयन कर कृषि विभाग के समन्वयक प्रखंड कृषि पदाधिकारी को सूची भेजते हैं. वहां से जिला कृषि पदाधिकारी को आवेदन भेजा जाता है. इसके बाद पहली प्रक्रिया की तरह किसानों के मोबाइल पर ओटीपी आती है और किसान बीज और किट प्राप्त करते हैं.
किसान प्राप्त कर रहे रबी बीज
बता दें कि किसानों को मिली बीज के अनुदान की राशि किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से भुगतान की जाती है. अभी जिले में रबी बीज के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर गेहूं, मसूर, मटर, चना, कुर्थी, मक्का और खेसारी का बीज प्राप्त कर अपने खेतों में लगा रहे हैं.
किसानों को मिली राहत
कृषि विभाग के पदाधिकारी और किसानों का कहना है कि ऑनलाइन सिस्टम हो जाने से काफी राहत मिली है. इससे किसानों को योजनाओं का सीधा लाभ मिलता है और विभाग की ओर से किसानों को लाभ देने में पारदर्शिता बनी रहती है. पहले किसानों को कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे. कई बार किसानों को बिचौलियों के चंगुल में फंसकर उनके शोषण का शिकार होना पड़ता था. अब किसानों को इन सब से काफी राहत मिली है.
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