ETV Bharat / state

परंपरागत खेती छोड़ किसानों ने अपनाया आधुनिक खेती, अब हो रही लाखों की कमाई - melon cultivation

आधुनिक खेती के जरिए जिले के किसान ज्यादा से ज्यादा कमाई कर रहे है. इस कारण अब वे अपने परिवार का भरण पोषण काफी अच्छे तरीके से कर पा रहे हैं और उनकी माली हालत में काफी सुधार हो गया है.

sitamarhi
sitamarhi
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 10:06 PM IST

सीतामढ़ी: जिले के कई प्रखंडों के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक तरीके से तरबूज और खरबूज की खेती कर अपनी तकदीर की इबादत लिख रहे हैं. साढ़े 3 से 4 महीने में इस खेती के माध्यम से किसान अब 2 से ₹30,0000 प्रति एकड़ की कमाई कर रहे हैं. तरबूज और खरबूज की आधुनिक खेती से किसानों की माली हालत में काफी सुधार हुआ है.

किसानों का बताना है कि परंपरागत खेती से पेट भरना और परिवार का भरण पोषण करना बेहद मुश्किल हो रहा था. लिहाजा किसानों ने इस खेती को अपनाया और इसके माध्यम से अब उनकी माली हालत में काफी सुधार हो गया है. इसलिए किसान अब इस खेती का और ज्यादा विस्तार करना चाहते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा कमाई कर सके.

sitamadhi
आधुनिक तरीके से किसान कर रहे खेती

इन प्रखंडों में की जा रही खेती
जिले के करीब 10 प्रखंडों के किसानों ने आधुनिक तरीके से तरबूज और खरबूज की खेती को शुरू किया है. जिसमें सोनबरसा प्रखंड के किसान अरुण सिंह, इंद्रजीत सिंह, डुमरा प्रखंड के किसान राममूर्ति सिंह, रीगा प्रखंड के किसान राम विनय सिंह, सुरसंड प्रखंड के किसान जिज्ञासु सिंह, कटैया गांव के किसान अरविंद सिंह, सुप्पी प्रखंड के किसान सुधीर कुमार झा, ससौला गांव के किसान मुकेश कुमार महतो, मनिहारी गांव के किसान मनोज प्रसाद, बथनाहा प्रखंड के किसान मुकेश यादव सहित कुछ अन्य किसान शामिल हैं. सभी करीब 100 हेक्टेयर में आधुनिक तरीके से ड्रिप इरीगेशन विधि से तरबूज और खरबूज की खेती कर ज्यादा कमाई कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

प्रति एकड़ कमाई
तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि परंपरागत खेती से उन्हें अच्छी आमदनी नहीं होती थी. लिहाजा उन्होंने इस आधुनिक खेती को अपनाया. एक एकड़ में तरबूज लगाने का खर्च करीब ₹40,000 और खरबूज लगाने का खर्च करीब ₹50,000 आता है. और साढ़े 3 माह से 4 माह के भीतर इस फसल से 2 से ₹30,0000 प्रति एकड़ की दर से मुनाफा मिल रहा है. इस फसल के कट जाने के बाद शिमला मिर्च और खीरा की फसल लगाकर उसी खेत से दोहरी कमाई भी हो जाती है. इसलिए अब किसान धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, दलहन की खेती छोड़कर तरबूज और खरबूज की खेती करने में जुटे हुए हैं.

sitamadhi
तरबूज

विदेशी बीज का प्रयोग
तरबूज और खरबूज की खेती के लिए किसान ताइवान उत्पादित बीज और ड्रिप इरीगेशन विधि का प्रयोग कर ज्यादा से ज्यादा पैदावार कर रहे हैं. इसके लिए किसान अपने खेतों की जुताई कर उसके अंदर बेड का निर्माण कर मल्चिंग पेपर डालते हैं. उसके बाद पौधे लगाए जाते है. किसानों का बताना है कि ड्रिप इरीगेशन विधि से जहां उत्पादन दो से 3 गुना अधिक हो जाता है. वहीं, लेबर खर्च काफी कम हो जाता है. इस प्रकार से किसान आधुनिक खेती कर आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं जो जिले के लिए शुभ संकेत है.

sitamadhi
खीरा और शिमला मिर्च की खेती से भी हो रही दोहरी कमाई

तरबूज और खरबूज की वैरायटी
तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों का बताना है कि तरबूज और खरबूज की कई किस्में हैं, जिसमें जन्नत, आरोही, किरण टू, सुप्रीट टू सबसे बेहतर किस्म है. इसकी मांग बाजारों में अधिक है. इसलिए इसी किस्म की खेती ज्यादातर किसान कर रहे हैं.

बाजार मूल्य और गुणवत्ता
आधुनिक खेती कर रहे किसानों ने बताया कि इस तरबूज और खरबूज का बाजार मूल्य सामान्य तरबूज और खरबूज की अपेक्षा अधिक है. ताइवान बीज से उत्पादित तरबूज और खरबूज अन्य तरबूज और खरबूज से अत्यधिक मीठा होता है. इसलिए इसकी बिक्री सबसे पहले हो जाती है और इसकी मांग बाजारों में अधिक है. सामान्य तरबूज और खरबूज से ₹10 प्रति केजी अधिक मूल्य पर इसकी बिक्री हो रही है.

सीतामढ़ी: जिले के कई प्रखंडों के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक तरीके से तरबूज और खरबूज की खेती कर अपनी तकदीर की इबादत लिख रहे हैं. साढ़े 3 से 4 महीने में इस खेती के माध्यम से किसान अब 2 से ₹30,0000 प्रति एकड़ की कमाई कर रहे हैं. तरबूज और खरबूज की आधुनिक खेती से किसानों की माली हालत में काफी सुधार हुआ है.

किसानों का बताना है कि परंपरागत खेती से पेट भरना और परिवार का भरण पोषण करना बेहद मुश्किल हो रहा था. लिहाजा किसानों ने इस खेती को अपनाया और इसके माध्यम से अब उनकी माली हालत में काफी सुधार हो गया है. इसलिए किसान अब इस खेती का और ज्यादा विस्तार करना चाहते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा कमाई कर सके.

sitamadhi
आधुनिक तरीके से किसान कर रहे खेती

इन प्रखंडों में की जा रही खेती
जिले के करीब 10 प्रखंडों के किसानों ने आधुनिक तरीके से तरबूज और खरबूज की खेती को शुरू किया है. जिसमें सोनबरसा प्रखंड के किसान अरुण सिंह, इंद्रजीत सिंह, डुमरा प्रखंड के किसान राममूर्ति सिंह, रीगा प्रखंड के किसान राम विनय सिंह, सुरसंड प्रखंड के किसान जिज्ञासु सिंह, कटैया गांव के किसान अरविंद सिंह, सुप्पी प्रखंड के किसान सुधीर कुमार झा, ससौला गांव के किसान मुकेश कुमार महतो, मनिहारी गांव के किसान मनोज प्रसाद, बथनाहा प्रखंड के किसान मुकेश यादव सहित कुछ अन्य किसान शामिल हैं. सभी करीब 100 हेक्टेयर में आधुनिक तरीके से ड्रिप इरीगेशन विधि से तरबूज और खरबूज की खेती कर ज्यादा कमाई कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

प्रति एकड़ कमाई
तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि परंपरागत खेती से उन्हें अच्छी आमदनी नहीं होती थी. लिहाजा उन्होंने इस आधुनिक खेती को अपनाया. एक एकड़ में तरबूज लगाने का खर्च करीब ₹40,000 और खरबूज लगाने का खर्च करीब ₹50,000 आता है. और साढ़े 3 माह से 4 माह के भीतर इस फसल से 2 से ₹30,0000 प्रति एकड़ की दर से मुनाफा मिल रहा है. इस फसल के कट जाने के बाद शिमला मिर्च और खीरा की फसल लगाकर उसी खेत से दोहरी कमाई भी हो जाती है. इसलिए अब किसान धान, गेहूं, मक्का, गन्ना, दलहन की खेती छोड़कर तरबूज और खरबूज की खेती करने में जुटे हुए हैं.

sitamadhi
तरबूज

विदेशी बीज का प्रयोग
तरबूज और खरबूज की खेती के लिए किसान ताइवान उत्पादित बीज और ड्रिप इरीगेशन विधि का प्रयोग कर ज्यादा से ज्यादा पैदावार कर रहे हैं. इसके लिए किसान अपने खेतों की जुताई कर उसके अंदर बेड का निर्माण कर मल्चिंग पेपर डालते हैं. उसके बाद पौधे लगाए जाते है. किसानों का बताना है कि ड्रिप इरीगेशन विधि से जहां उत्पादन दो से 3 गुना अधिक हो जाता है. वहीं, लेबर खर्च काफी कम हो जाता है. इस प्रकार से किसान आधुनिक खेती कर आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं जो जिले के लिए शुभ संकेत है.

sitamadhi
खीरा और शिमला मिर्च की खेती से भी हो रही दोहरी कमाई

तरबूज और खरबूज की वैरायटी
तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों का बताना है कि तरबूज और खरबूज की कई किस्में हैं, जिसमें जन्नत, आरोही, किरण टू, सुप्रीट टू सबसे बेहतर किस्म है. इसकी मांग बाजारों में अधिक है. इसलिए इसी किस्म की खेती ज्यादातर किसान कर रहे हैं.

बाजार मूल्य और गुणवत्ता
आधुनिक खेती कर रहे किसानों ने बताया कि इस तरबूज और खरबूज का बाजार मूल्य सामान्य तरबूज और खरबूज की अपेक्षा अधिक है. ताइवान बीज से उत्पादित तरबूज और खरबूज अन्य तरबूज और खरबूज से अत्यधिक मीठा होता है. इसलिए इसकी बिक्री सबसे पहले हो जाती है और इसकी मांग बाजारों में अधिक है. सामान्य तरबूज और खरबूज से ₹10 प्रति केजी अधिक मूल्य पर इसकी बिक्री हो रही है.

Last Updated : Jun 7, 2020, 10:06 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.