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सीतामढ़ी में भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, पीएम का फूंका पुतला

सीतामढ़ी में भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने काला दिवस मनाया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया.

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Published : May 26, 2021, 10:24 PM IST

प्रधानमंत्री का फूंका पुतला
प्रधानमंत्री का फूंका पुतला

सीतामढ़ी: वैश्विक महामारी को लेकर जहां एक तरफ पूरे बिहार में लॉकडाउन है. वहीं बुधवार को एआईकेएससीसी और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर गांधी मैदान में काले झंडे के साथ किसानों ने काला दिवस मनाया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन कर नारेबाजी की.

इसे भी पढ़ें: अररिया: कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने मनाया काला दिवस

किसान विरोधी मोदी सरकार
एआईकेएससीसी के घटक संगठन संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा उत्तर बिहार, अभा किसान सभा, किसान सभा, जय किसान आन्दोलन के साथ किसान कांग्रेस के नेताओं ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए हठधर्मिता छोड़, तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की. उन्होंने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, बिजली बिल वापस लेने और बिहार सरकार से पैक्स के अतिरिक्त एसफसी, एफसीआई से भी गांव-गांव से गेंहू खरीद कराने की मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की.

ये भी पढ़ें: जमुई: किसानों के समर्थन में भाकपा-माले ने मनाया काला दिवस, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी

सरकार लाश गिनने की बजाय किसानों की माने मांग
किसान नेता ने कहा कि सरकार शहीद किसानों की लाशें गिनने के बजाए उनकी मांगों को मानकर दिल्ली और देश में आन्दोलन कर रहे किसानों को खेतों मे लौटाए. ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसानों ने काले झंडे और कृषि यंत्र कुदाल, खुरपी और हंसिया के साथ प्रदर्शन किया. डुमरा प्रखण्ड के धनुषी गांव में विमलेश कुमार, बलुआ में ओमप्रकाश संजय कुमार, बेली गांव में राजद किसान सेल के वरिष्ठ नेता हरिओमशरण नारायण अधिवक्ता, मजदूर सेल के शिबजी राम, रीगा के दोहरा में विजय कुमार सिंह, श्रीकृष्ण सिंह समेत काला दिवस मनाया.

कई लोग रहे उपस्थित
किसानों ने प्रधानमंत्री से वादानुसार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने और तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की. बता दें कि इस कार्यक्रम में किसान नेता डॉ.आनन्द किशोर, प्रो. दिगम्बर ठाकुर, जलंधर यदुबंशी, चन्द्रदेव मंडल, संजीव कुमार सिंह, वरिष्ठअधिवक्ता राम मिश्र समेत कई लोग शामिल थे.

सीतामढ़ी: वैश्विक महामारी को लेकर जहां एक तरफ पूरे बिहार में लॉकडाउन है. वहीं बुधवार को एआईकेएससीसी और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर गांधी मैदान में काले झंडे के साथ किसानों ने काला दिवस मनाया. साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला दहन कर नारेबाजी की.

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किसान विरोधी मोदी सरकार
एआईकेएससीसी के घटक संगठन संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा उत्तर बिहार, अभा किसान सभा, किसान सभा, जय किसान आन्दोलन के साथ किसान कांग्रेस के नेताओं ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए हठधर्मिता छोड़, तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की. उन्होंने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, बिजली बिल वापस लेने और बिहार सरकार से पैक्स के अतिरिक्त एसफसी, एफसीआई से भी गांव-गांव से गेंहू खरीद कराने की मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की.

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सरकार लाश गिनने की बजाय किसानों की माने मांग
किसान नेता ने कहा कि सरकार शहीद किसानों की लाशें गिनने के बजाए उनकी मांगों को मानकर दिल्ली और देश में आन्दोलन कर रहे किसानों को खेतों मे लौटाए. ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसानों ने काले झंडे और कृषि यंत्र कुदाल, खुरपी और हंसिया के साथ प्रदर्शन किया. डुमरा प्रखण्ड के धनुषी गांव में विमलेश कुमार, बलुआ में ओमप्रकाश संजय कुमार, बेली गांव में राजद किसान सेल के वरिष्ठ नेता हरिओमशरण नारायण अधिवक्ता, मजदूर सेल के शिबजी राम, रीगा के दोहरा में विजय कुमार सिंह, श्रीकृष्ण सिंह समेत काला दिवस मनाया.

कई लोग रहे उपस्थित
किसानों ने प्रधानमंत्री से वादानुसार स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने और तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की. बता दें कि इस कार्यक्रम में किसान नेता डॉ.आनन्द किशोर, प्रो. दिगम्बर ठाकुर, जलंधर यदुबंशी, चन्द्रदेव मंडल, संजीव कुमार सिंह, वरिष्ठअधिवक्ता राम मिश्र समेत कई लोग शामिल थे.

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