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अप्रवासी श्रमिकों से डीएम ने की मुलाकात, सुविधा उपलब्ध कराने का दिया निर्देश

जिलाधिकारी ने समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बथनाहा प्रखंड के डायन छपरा में चल रहे चर्म उद्योग से संबंधित क्लस्टर में कार्य कर रहे प्रवासी श्रमिकों से मुलाकर किया. इस दौरान उनके उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार की उपलब्धता के संबध में व्यापक विचार विमर्श किया गया.

DM met immigrant workers
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Published : Jan 6, 2021, 10:45 PM IST

सीतामढ़ी: कोरोनाकाल में विभिन्न राज्यों से लौटे कुशल श्रमिकों को अपने ही राज्य और जिले में रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार के प्रयास का सकरात्मक परिणाम दिखाई पड़ने लगा है. जिला नवप्रवर्तन क्लस्टर योजना के तहत पांच चयनित क्लस्टर में से चार क्लस्टर कार्य शुरू हो चुका है. इससे जिले के कई श्रमिक को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ा गया है. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोग लाभान्वित होंगे.

इस योजना के तहत चमड़े के सामान जूते, चप्पल, बेल्ट और रेडीमेट क्लस्टर शुरू किए गए हैं. कुशल और हुनरमंद प्रवासी श्रमिक को अपने जिले में रोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बिहार बनाने की दिशा शुरू किए गए प्रयास का सकरात्मक परिणाम दृष्टिगोचर होने लगा है. आधुनिक मशीन से स्वयं अपने हाथों से ही स्थानीय उत्पाद बनाकर उनकी खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है.

प्रवासी श्रमिकों से मिलीं डीएम
जिलाधिकारी ने बुधवार को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बथनाहा प्रखंड के डायन छपरा में चल रहे चर्म उद्योग से संबंधित क्लस्टर में कार्य कर रहे प्रवासी श्रमिकों से मुलाकर किया. इस दौरान उनके उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार की उपलब्धता के संबध में व्यापक विचार विमर्श किया गया. उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें आगे भी हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. उनके द्वारा निर्मित जूते, चप्पल, पर्स, बेल्ट आदि सामग्रियों का भी जिलाधिकारी ने अवलोकन किया.

प्रवासी श्रमिक को मदद
उक्त कलस्टर से जुड़े प्रवासी श्रमिक भाई अवधेश राम, छोटेलाल राम से मिलकर उनके कार्यों की जिलाधिकारी ने जमकर तारीफ भी किया. उन्होंने उनसे जरदोजी पंजाबी जूती बनाने की सलाह भी दिया, ताकि ग्राहक को अच्छी गुणवत्ता वाली नई उत्पाद मिल सके. जिलाधिकारी ने उपस्थित डीडीसी को भी प्रवासी श्रमिक भाइयों को हर संभव सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

स्वरोजगार या रोजगार से जोड़ने का कार्य
जिलाधिकारी के निर्देशन में बाहर से आये श्रमिक के दक्षता के आधार पर उनकी सूची भी बनाई गई थी. ताकि उनकी कार्य दक्षता के आलोक में उन्हें स्वरोजगार या रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य किया जा सके. उसी सूची के आलोक में इच्छुक श्रमिक भाइयों को अपने ही घर में रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन के प्रयास का सकरात्मक प्रभाव अब दिखने लगा है.

सीतामढ़ी: कोरोनाकाल में विभिन्न राज्यों से लौटे कुशल श्रमिकों को अपने ही राज्य और जिले में रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर सरकार के प्रयास का सकरात्मक परिणाम दिखाई पड़ने लगा है. जिला नवप्रवर्तन क्लस्टर योजना के तहत पांच चयनित क्लस्टर में से चार क्लस्टर कार्य शुरू हो चुका है. इससे जिले के कई श्रमिक को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ा गया है. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोग लाभान्वित होंगे.

इस योजना के तहत चमड़े के सामान जूते, चप्पल, बेल्ट और रेडीमेट क्लस्टर शुरू किए गए हैं. कुशल और हुनरमंद प्रवासी श्रमिक को अपने जिले में रोजगार से जोड़ कर आत्मनिर्भर बिहार बनाने की दिशा शुरू किए गए प्रयास का सकरात्मक परिणाम दृष्टिगोचर होने लगा है. आधुनिक मशीन से स्वयं अपने हाथों से ही स्थानीय उत्पाद बनाकर उनकी खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है.

प्रवासी श्रमिकों से मिलीं डीएम
जिलाधिकारी ने बुधवार को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बथनाहा प्रखंड के डायन छपरा में चल रहे चर्म उद्योग से संबंधित क्लस्टर में कार्य कर रहे प्रवासी श्रमिकों से मुलाकर किया. इस दौरान उनके उत्पाद की गुणवत्ता और बाजार की उपलब्धता के संबध में व्यापक विचार विमर्श किया गया. उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उन्हें आगे भी हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. उनके द्वारा निर्मित जूते, चप्पल, पर्स, बेल्ट आदि सामग्रियों का भी जिलाधिकारी ने अवलोकन किया.

प्रवासी श्रमिक को मदद
उक्त कलस्टर से जुड़े प्रवासी श्रमिक भाई अवधेश राम, छोटेलाल राम से मिलकर उनके कार्यों की जिलाधिकारी ने जमकर तारीफ भी किया. उन्होंने उनसे जरदोजी पंजाबी जूती बनाने की सलाह भी दिया, ताकि ग्राहक को अच्छी गुणवत्ता वाली नई उत्पाद मिल सके. जिलाधिकारी ने उपस्थित डीडीसी को भी प्रवासी श्रमिक भाइयों को हर संभव सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

स्वरोजगार या रोजगार से जोड़ने का कार्य
जिलाधिकारी के निर्देशन में बाहर से आये श्रमिक के दक्षता के आधार पर उनकी सूची भी बनाई गई थी. ताकि उनकी कार्य दक्षता के आलोक में उन्हें स्वरोजगार या रोजगार से जोड़ने के लिए कार्य किया जा सके. उसी सूची के आलोक में इच्छुक श्रमिक भाइयों को अपने ही घर में रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन के प्रयास का सकरात्मक प्रभाव अब दिखने लगा है.

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