सीतामढ़ी. 1959 से संचालित जिले के चंदौली में स्थित जगन्नाथ सिंह कॉलेज में इन दिनों प्रिंसिपल और कर्मियों के बीच जारी विवाद को लेकर आए दिन कार्य बहिष्कार होता रहता है. इसका खामियाजा कॉलेज के करीब 1200 छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.
कॉलेज के प्रभारी प्रिंसिपल पंकज कुमार राय का आरोप है कि कुछ प्रोफेसर और कर्मियों की मिलीभगत से कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी की गई है. इसकी शिकायत उन्होंने विश्वविद्यालय से की है.
"कॉलेज की गड़बड़ी को दूर करने के लिए जब मैंने प्रयास शुरू किया तो प्रोफेसर और कर्मी मेरा विरोध करने लगे. ये लोग कार्य बहिष्कार कर देते हैं, जिस कारण कॉलेज का कामकाज बाधित होता है और पठन-पाठन ठप हो जाता है. इन लोगों की मांग है कि मैं कॉलेज से चला जाऊं. पूरा षड्यंत्र प्रोफेसर डॉ दशरथ प्रजापति का है. जब दशरथ काम संभाल रहे थे तब के फॉर्म का कोई लेखा-जोखा नहीं है. इनके कारण इनकम टैक्स ने कॉलेज के 60 लाख रुपए जब्त कर लिए. मेरी शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने जांच दल बना दिया है. जांच दल जब जाएगा तो पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी."- पंकज कुमार राय, प्रभारी प्रिंसिपल, जगन्नाथ सिंह कॉलेज
प्रिंसिपल पर लगाया तनाशाही का आरोप
इस संबंध में कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. दशरथ प्रजापति और अकाउंटेंट आभास कुमार ने बताया कि प्राचार्य पंकज कुमार राय कर्मचारियों के साथ तानाशाही रवैया अपनाते हैं. वह कॉलेज के कागजात घर ले जाते हैं, जिससे काम करने में कठिनाई होती है. जरूरी कागजात मांगे जाने पर भड़क जाते हैं. वहीं, अकाउंटेंट आभास कुमार का बताना है कि वित्तीय अनियमितता की बात गलत और निराधार है.
"मेरी लड़ाई विश्वविद्यालय से है. मेरी बहाली 1996 में हुई, जबकि प्रभारी प्रिंसिपल पंकज कुमार राय की नियुक्ति 2003 में हुई. इसके बावजूद उन्हें कॉलेज का प्रभारी प्रिंसिपल बना दिया गया. इसी बात को लेकर विवाद चल रहा है, जिस कारण आए दिन कर्मी कार्य बहिष्कार कर रहे हैं."- डॉ. दशरथ प्रजापति, हिंदी विभागाध्यक्ष, जगन्नाथ सिंह कॉलेज
शिक्षकों की लड़ाई का खामियाजा भुगत रहे छात्र
प्रिंसिपल और कॉलेज कर्मियों के बीच जारी विवाद से तंग आ चुके छात्र-छात्राओं ने कॉलेज परिसर में अदालत लगाकर विवाद का निपटारा कराने की कोशिश की. छात्र शिवनाथ कुमार और अविनाश कुमार ने बताया कि प्राचार्य और कॉलेज कर्मियों के बीच आपसी विवाद का खामियाजा इस कॉलेज में पढ़ने वाले करीब 1200 छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. पढ़ाई के साथ कॉलेज का पूरा काम प्रभावित है. इसलिए हमलोग तंग आकर प्रिंसिपल और कर्मियों को साथ लेकर आए ताकि वे आपस में बात कर अपना विवाद खत्म करें. हमें उम्मीद है कि इस समस्या का समाधान जल्द होगा ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से हो.