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सीतामढ़ी: बारिश और आंधी से फसल पूरी तरह बर्बाद, किसानों ने की सरकार से आर्थिक मदद की मांग - सीतामढ़ी में फसल बर्बाद

सीतामढ़ी में बारिश और आंधी के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. इस प्राकृतिक आपदा ने फसल को तबाह कर किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है.

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Published : Apr 21, 2020, 5:30 PM IST

सीतामढ़ी: जिले में बारिश और तेज आंधी के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. 14 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच अब तक कई बार हो चुकी बारिश के कारण गेहूं, दलहन, मक्का और सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. जिले के 30 प्रतिशत किसानों के खेत में गेहूं कटनी के बाद दाना निकालने के लिए रखा गया था. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण वो सभी फसल खेत में ही बर्बाद हो रहे हैं. इसके अलावा सब्जी की फसल भी ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह खराब हो गई है. इस कारण किसान के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.

सरकार से आर्थिक मदद की मांग
किसान महादेव मंडल ने बताया कि एक सप्ताह के दौरान अब तक कई बार हो चुकी ओलावृष्टि, बारिश और तेज आंधी के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. हम सरकार से मांग करते हैं कि किसान की दशा को देखते हुए उसे आर्थिक मदद की जाए. बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के कारण जहां कई फसल बर्बाद हुए हैं.

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बारिश से बर्बाद हुए फसल

वहीं हजारों हेक्टेयर में लगे आम और लीची की फसल भी पूरी तरह तबाह हो गई है. इस बार आम और लीची के पेड़ों में मंजर देखकर किसान बेहद खुश थे और उन्हें अच्छी पैदावार होने की संभावना थी. लेकिन बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी के कारण आम और लीची की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.

बारिश से भारी तबाही
इस मामले पर जेडीयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि बेमौसम हो रही बारिश, ओलावृष्टि और आंधी के कारण जिले में भारी तबाही हुई है. इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव से पत्र लिखकर जिले के किसानों को इनपुट अनुदान प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया है. पीड़ित किसानों का बताना है कि इस वर्ष कई प्रकार की प्राकृतिक आपदा ने किसानों के जीवन को तबाह कर रख दिया है.

कोरोना संक्रमण के कारण कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं इस प्राकृतिक आपदा ने फसल को तबाह कर किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है. ऐसे में अब किसानों के सामने भुखमरी के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते किसानों को मदद नहीं पहुंचाती है, तो किसान के सामने आत्महत्या के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा.

सीतामढ़ी: जिले में बारिश और तेज आंधी के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. 14 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच अब तक कई बार हो चुकी बारिश के कारण गेहूं, दलहन, मक्का और सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. जिले के 30 प्रतिशत किसानों के खेत में गेहूं कटनी के बाद दाना निकालने के लिए रखा गया था. लेकिन मौसम की बेरुखी के कारण वो सभी फसल खेत में ही बर्बाद हो रहे हैं. इसके अलावा सब्जी की फसल भी ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह खराब हो गई है. इस कारण किसान के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है.

सरकार से आर्थिक मदद की मांग
किसान महादेव मंडल ने बताया कि एक सप्ताह के दौरान अब तक कई बार हो चुकी ओलावृष्टि, बारिश और तेज आंधी के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. हम सरकार से मांग करते हैं कि किसान की दशा को देखते हुए उसे आर्थिक मदद की जाए. बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के कारण जहां कई फसल बर्बाद हुए हैं.

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बारिश से बर्बाद हुए फसल

वहीं हजारों हेक्टेयर में लगे आम और लीची की फसल भी पूरी तरह तबाह हो गई है. इस बार आम और लीची के पेड़ों में मंजर देखकर किसान बेहद खुश थे और उन्हें अच्छी पैदावार होने की संभावना थी. लेकिन बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी के कारण आम और लीची की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है.

बारिश से भारी तबाही
इस मामले पर जेडीयू जिला अध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान ने बताया कि बेमौसम हो रही बारिश, ओलावृष्टि और आंधी के कारण जिले में भारी तबाही हुई है. इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव से पत्र लिखकर जिले के किसानों को इनपुट अनुदान प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया है. पीड़ित किसानों का बताना है कि इस वर्ष कई प्रकार की प्राकृतिक आपदा ने किसानों के जीवन को तबाह कर रख दिया है.

कोरोना संक्रमण के कारण कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं इस प्राकृतिक आपदा ने फसल को तबाह कर किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है. ऐसे में अब किसानों के सामने भुखमरी के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार समय रहते किसानों को मदद नहीं पहुंचाती है, तो किसान के सामने आत्महत्या के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा.

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