सीतामढ़ी: कोरोना वायरस को लेकर सरकार ने जहां एक तरफ पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया हैं. वहीं, जिले के किसानों को आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने परेशान कर रखा है. जिले में अभी भी 15% गेहूं खेतों में ही लगी हुई है. पहले लॉकडाउन को लेकर किसानों को मजदूर नहीं मिले. जिससे रबी की फसल गेहूं की कटनी समय से नहीं हो सकी. अब जब सरकार ने राहत दी तो प्रकृति कहर बरपा रही है.
दरअसल, आंधी-बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसल खेतों में ही सड़ गई. वहीं, ओलावृष्टि के कारण गेहूं के कुछ दाने टूटकर खेतों में ही गिर गए. बीते दिनों हो रही लगातार बारिश के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों के गेहूं अभी भी खेतों में ही लगे हैं.
बारिश में दौनी करने को मजबूर किसान
भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र सोनबरसा में अभी भी किसानों की फसल खेतों में ही लगी है. 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि को लेकर अब किसान खेतों में खुद जाकर फसल को काटकर दौनी करते दिख रहे हैं. ऐसे में भाजपा नेता और पैक्स अध्यक्ष अरुण गोप ने जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सरकार से जिले के किसानों को तेलंगाना और पंजाब के तर्ज पर राहत पैकेज देने की मांग की है.
सरकार से आस
पैक्स अध्यक्ष अरुण गोप ने बताया कि गेहूं की फसल के साथ-साथ आम और लीची के फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो गई है. किसान अब भुखमरी के कगार पर हैं. सरकार को अब किसानों के लिए विशेष पैकेज का ऐलान करना चाहिए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके. किसान अपने परिवार का भरण-पोषण करने को लेकर चिंतित दिख रहे हैं.