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सीतामढ़ी के प्रसिद्ध पशु रामनवमी मेले के अस्तित्व पर गहराया संकट

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Published : Apr 12, 2022, 3:25 PM IST

बिहार के सीतामढ़ी के प्रसिद्ध पशु रामनवमी मेले (Sitamarhi Famous Animal Ramnavami Fair) के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है. कोरोना महामारी के बाद पहली दफा इस स्थान पर पशु मेला लगा है. पशुपालक किसानों के द्बारा बताया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है.

पशु रामनवमी मेले
पशु रामनवमी मेले

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में प्रसिद्ध पशु रामनवमी मेले (Animal Fare In Sitamarhi)के अस्तित्व पर संकट गहराता दिख रहा है. बीते दो वर्ष से कोरोना महामारी (Sitamarhi Famous Animal Ramnavami Fair)) के बाद पहली दफा इस मेले का आयोजन किया गया है. पिछले कई वर्षों से यह आयोजन माता सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में विश्व प्रसिद्ध रामनवमी पशु मेला का आयोजन होता आ रहा है. इस वर्ष भी जिला प्रशासन और मेले के आयोजन कर्ता के द्बारा मेले की शुरुआत की गई है. जिला प्रशासन के अनुसार इस मेले को लेकर काफी तैयारी की जा चुकी है. लगभग हजारों की संख्या में लोगों के अपने पशुओं को लेकर यहां पहुंचने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें-विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला पर 3 साल से आयोजन पर 'ग्रहण'! लोगों ने जतायी नाराजगी

लॉकडाउन के बाद लगा पशु मेला: बिहार के सोनपुर में लगने वाले पशु मेले के (Animal Fare In Bihar) बाद जिले का रामनवमी पशु मेले को दूसरा स्थान प्राप्त था. इस मेले में देश के कोने-कोने से लोग पशु खरीदने आते थे. वहीं पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग अच्छी नस्ल की पशु खरीदारी के लिए सीतामढ़ी के रामनवमी मेला में पहुंचते थे. कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी को लेकर जब भारत सरकार ने लॉकडाउन लगाया, उस समय कोरोना महामारी के कारण बीते 2 साल तक रामनवमी पशु मेले का आयोजन नहीं हो पाया था. कोरोना महामारी के बाद पहली बार जब पशु मेला लगाया गया तो रामनवमी पशु मेले में पहले की तरह पशु औुर ग्राहक दोनों ज्यादा संख्या में नहीं दिखे. आपको बता दें कि देश के आजादी के बाद से ही रामनवमी पशु मेला का आयोजन होता आ रहा है. लाखों की संख्या में रामनवमी पशु मेले में पशुओं की खरीदारी और बिक्री की जाती रही है. कोरोना महामारी के बाद लगने वाले रामनवमी पशु मेला सीमित होकर रह गया है.


ये भी पढ़ें- रेस में हारा अनंत सिंह का 'लाडला', 'साधु' ने दी शिकस्त
मेले में सुविधाओं का घोर अभाव- अपने पशुओं को बेचने आए पशुपालक किसानों का कहना है कि रामनवमी पशु मेले में सुविधाओं का घोर अभाव है. इस मेले में जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. पहले की तरह शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. पशुपालकों का कहना है कि पूर्व में रामनवमी मेले के दौरान पशुपालक किसानों के लिए जिला प्रशासन की ओर से सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती रही है. पशुपालक किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से पशुपालकों से टैक्स लेने में कोई कमी नहीं की जा रही है. जिला प्रशासन के तरफ से सुविधा के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि सुविधाओं की कमी के कारण भी अब पशुपालक अब रामनवमी मेले में नहीं आ रहे हैं. वहीं पशुपालक किसान हरेंद्र राय ने बताया कि रास्ते में पशुओं को रामनवमी मेले में बेचने के लिए लाने के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा रोका जाता है. इस कारण से किसान रामनवमी मेले की ओर रुख नहीं कर रहे हैं. इस बाबत ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रश्न किया तो नगर निगम के आयुक्त मुमुक्षु चौधरी (President Of Municipality Mumukshu Chaudhary In Sitamarhi) ने कुछ भी बोलने से इनकार किया.


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सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में प्रसिद्ध पशु रामनवमी मेले (Animal Fare In Sitamarhi)के अस्तित्व पर संकट गहराता दिख रहा है. बीते दो वर्ष से कोरोना महामारी (Sitamarhi Famous Animal Ramnavami Fair)) के बाद पहली दफा इस मेले का आयोजन किया गया है. पिछले कई वर्षों से यह आयोजन माता सीता की जन्म स्थली सीतामढ़ी में विश्व प्रसिद्ध रामनवमी पशु मेला का आयोजन होता आ रहा है. इस वर्ष भी जिला प्रशासन और मेले के आयोजन कर्ता के द्बारा मेले की शुरुआत की गई है. जिला प्रशासन के अनुसार इस मेले को लेकर काफी तैयारी की जा चुकी है. लगभग हजारों की संख्या में लोगों के अपने पशुओं को लेकर यहां पहुंचने की उम्मीद है.

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मेले में सुविधाओं का घोर अभाव- अपने पशुओं को बेचने आए पशुपालक किसानों का कहना है कि रामनवमी पशु मेले में सुविधाओं का घोर अभाव है. इस मेले में जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. पहले की तरह शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. पशुपालकों का कहना है कि पूर्व में रामनवमी मेले के दौरान पशुपालक किसानों के लिए जिला प्रशासन की ओर से सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती रही है. पशुपालक किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से पशुपालकों से टैक्स लेने में कोई कमी नहीं की जा रही है. जिला प्रशासन के तरफ से सुविधा के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. किसानों का कहना है कि सुविधाओं की कमी के कारण भी अब पशुपालक अब रामनवमी मेले में नहीं आ रहे हैं. वहीं पशुपालक किसान हरेंद्र राय ने बताया कि रास्ते में पशुओं को रामनवमी मेले में बेचने के लिए लाने के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा रोका जाता है. इस कारण से किसान रामनवमी मेले की ओर रुख नहीं कर रहे हैं. इस बाबत ईटीवी भारत के संवाददाता ने प्रश्न किया तो नगर निगम के आयुक्त मुमुक्षु चौधरी (President Of Municipality Mumukshu Chaudhary In Sitamarhi) ने कुछ भी बोलने से इनकार किया.


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