ETV Bharat / state

नालंदा के बाद अब सीतामढ़ी में बच्चों को को-वैक्सीन की जगह लगाई गई कोविशील्ड, हंगामा देख सेंटर छोड़कर भागे स्वास्थ्यकर्मी

नालंदा के बाद सीतामढ़ी में दो किशोरों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दिया (Covishield vaccinated instead of Covaxin) गया. इसके बाद परिजनों के साथ बच्चों ने सड़क जाम कर जमकर हंगामा किया. गलत वैक्सीन देने को लेकर डुमरा थाने में भी शिकायत की गयी है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Sitamarhi
Sitamarhi
author img

By

Published : Jan 7, 2022, 6:34 AM IST

Updated : Jan 7, 2022, 10:15 AM IST

सीतामढ़ी : बिहार में नालंदा के बाद अब सीतामढ़ी में किशोरों को गलत वैक्सीन (Wrong Vaccination to Children in Nalanda) दी गयी. जिला मुख्यालय डायट भवन में लगाए गए कोविड वैक्सिनेशन सेंटर में इसको लेकर गुरुवार को लोगों ने काफी हंगामा किया. टीका देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डुमरा प्रखंड के कुमार चौक के रहने वाले 16 वर्षीय दो किशोरों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया.

ये भी पढ़ें- पहले दिन ही बच्चों के वैक्सीनेशन में गड़बड़ी: नालंदा में दो भाइयों को Covaxin की जगह दे दी Covishield

पीड़ित दोनों छात्रों की पहचान 16 वर्षीय नैतिक कुमार और आकाश रस्तोगी के रूप में की गयी है. दोनों छात्रों ने बताया कि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम है. दरअसल, जानकारी के अभाव में दोनों बच्चे डायट भवन में चले गए. जहां कोविशील्ड का टीका लगाया जा रहा था. जबकि उन्हें बगल में मौजूद एमपी हाई स्कूल जाना था. जहां को-वैक्सीन का टीकाकरण हो रहा था.

दखें रिपोर्ट.

छात्रों का कहना है कि रजिस्टर मेंटेन करने वाले को उन्होंने कहा था कि मेरी उम्र 18 वर्ष से कम है, वैक्सीन लेने आए हैं. रजिस्टर मेंटेन करने वाले कर्मी ने रजिस्टर पर लिखकर उन्हें टीका लेने के लिए भेज दिया. जिसके बाद दोनों बच्चों को कोविशील्ड की वैक्सीन दे दी गई. इसके बाद दोनों बच्चे जब रजिस्ट्रेशन कराने काउंटर पर पहुंचे तो रजिस्ट्रेशन करने वाले कर्मी ने कहा कि आपको वैक्सीन यहां नहीं दी जाएगी. आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है. आप लोगों के उम्र के बच्चों को बगल में एमपी हाई स्कूल में वैक्सीन दी जा रही है. यह सुनते ही दोनों छात्र भौचक्के रह गए और अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों में हो रहा बच्चों का कोरोना टीकाकरण, छात्र बोले- 'वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं'

मामले को लेकर परिजनों ने डुमरा थाने जाकर इसकी शिकायत की. आरोप है कि डुमरा थाना की पुलिस उन्हें वहां से भगा दिया. कहा कि इसमें मैं क्या कर सकता हूं. जिसके बाद दोनों छात्र अपने परिजनों के साथ सेंटर पर हंगामा करने लगे.

छात्रों ने बताया कि गलत वैक्सीन दिया गया है. मुझे काफी डर सता रहा है. मेरी जिंदगी का रिस्क कौन लेगा. दोनों छात्रों ने अपने परिजनों के साथ डायट भवन के सामने सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर मुख्य सड़क को जाम कर दिया. वहीं, टीका लगाने वाले कर्मी डर से केंद्र छोड़कर भाग गए.

ये भी पढ़ें- Covid-19 Vaccination: 15-18 आयुवर्ग का टीकाकरण, होगा कोरोना से बचाव

जाम के कारण दर्जनों गाड़ियां जाम में फंसी दिखाई दीं. सड़क जाम की सूचना मिलने पर एसडीओ राकेश कुमार, डुमरा थानाध्यक्ष सशस्त्र बलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर किशोर व उनके परिजनों को शांत कराया. वरीय अधिकारी के निर्देश पर दोनों किशोरों को चिकित्सक की देख-रेख में पीएचसी डुमरा में रखा गया. मिली जानकारी के अनुसार डायट भवन केंद्र में स्वयं सेवी संस्थान डाक्टर फार यू के कर्मी ने टीका लगाया है.

''टीका लगाये गये दोनों किशोर ठीक हैं. उन्हे ढेड़ घंटे तक चिकित्सक की देख-रेख में रखने के बाद घर भेज दिया गया. बिना रजिस्ट्रेशन के दोनों किशोरों को टीका लगाने की बात सामने आ रही है. जांच के बाद डाक्टर फार यू के कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''- डॉक्टर सुरेश चंद्र लाल, सिविल सर्जन, सीतामढ़ी

बता दें कि बिहार में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले 3 जनवरी को जब 15 से 18 वर्ष की आयु वाले किशोरों को वैक्सीन देने की शुरुआत हुई थी. उसी दिन नालंदा में भी दो भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दिया गया था. हालांकि इसको लेकर कार्रवाई भी हुई थी. ऐसे में अब इस मामले में क्या होता है यह देखने वाली बात होगी.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

सीतामढ़ी : बिहार में नालंदा के बाद अब सीतामढ़ी में किशोरों को गलत वैक्सीन (Wrong Vaccination to Children in Nalanda) दी गयी. जिला मुख्यालय डायट भवन में लगाए गए कोविड वैक्सिनेशन सेंटर में इसको लेकर गुरुवार को लोगों ने काफी हंगामा किया. टीका देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डुमरा प्रखंड के कुमार चौक के रहने वाले 16 वर्षीय दो किशोरों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका लगा दिया गया.

ये भी पढ़ें- पहले दिन ही बच्चों के वैक्सीनेशन में गड़बड़ी: नालंदा में दो भाइयों को Covaxin की जगह दे दी Covishield

पीड़ित दोनों छात्रों की पहचान 16 वर्षीय नैतिक कुमार और आकाश रस्तोगी के रूप में की गयी है. दोनों छात्रों ने बताया कि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम है. दरअसल, जानकारी के अभाव में दोनों बच्चे डायट भवन में चले गए. जहां कोविशील्ड का टीका लगाया जा रहा था. जबकि उन्हें बगल में मौजूद एमपी हाई स्कूल जाना था. जहां को-वैक्सीन का टीकाकरण हो रहा था.

दखें रिपोर्ट.

छात्रों का कहना है कि रजिस्टर मेंटेन करने वाले को उन्होंने कहा था कि मेरी उम्र 18 वर्ष से कम है, वैक्सीन लेने आए हैं. रजिस्टर मेंटेन करने वाले कर्मी ने रजिस्टर पर लिखकर उन्हें टीका लेने के लिए भेज दिया. जिसके बाद दोनों बच्चों को कोविशील्ड की वैक्सीन दे दी गई. इसके बाद दोनों बच्चे जब रजिस्ट्रेशन कराने काउंटर पर पहुंचे तो रजिस्ट्रेशन करने वाले कर्मी ने कहा कि आपको वैक्सीन यहां नहीं दी जाएगी. आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है. आप लोगों के उम्र के बच्चों को बगल में एमपी हाई स्कूल में वैक्सीन दी जा रही है. यह सुनते ही दोनों छात्र भौचक्के रह गए और अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी.

ये भी पढ़ें- प्राइवेट स्कूलों में हो रहा बच्चों का कोरोना टीकाकरण, छात्र बोले- 'वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं'

मामले को लेकर परिजनों ने डुमरा थाने जाकर इसकी शिकायत की. आरोप है कि डुमरा थाना की पुलिस उन्हें वहां से भगा दिया. कहा कि इसमें मैं क्या कर सकता हूं. जिसके बाद दोनों छात्र अपने परिजनों के साथ सेंटर पर हंगामा करने लगे.

छात्रों ने बताया कि गलत वैक्सीन दिया गया है. मुझे काफी डर सता रहा है. मेरी जिंदगी का रिस्क कौन लेगा. दोनों छात्रों ने अपने परिजनों के साथ डायट भवन के सामने सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर मुख्य सड़क को जाम कर दिया. वहीं, टीका लगाने वाले कर्मी डर से केंद्र छोड़कर भाग गए.

ये भी पढ़ें- Covid-19 Vaccination: 15-18 आयुवर्ग का टीकाकरण, होगा कोरोना से बचाव

जाम के कारण दर्जनों गाड़ियां जाम में फंसी दिखाई दीं. सड़क जाम की सूचना मिलने पर एसडीओ राकेश कुमार, डुमरा थानाध्यक्ष सशस्त्र बलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर किशोर व उनके परिजनों को शांत कराया. वरीय अधिकारी के निर्देश पर दोनों किशोरों को चिकित्सक की देख-रेख में पीएचसी डुमरा में रखा गया. मिली जानकारी के अनुसार डायट भवन केंद्र में स्वयं सेवी संस्थान डाक्टर फार यू के कर्मी ने टीका लगाया है.

''टीका लगाये गये दोनों किशोर ठीक हैं. उन्हे ढेड़ घंटे तक चिकित्सक की देख-रेख में रखने के बाद घर भेज दिया गया. बिना रजिस्ट्रेशन के दोनों किशोरों को टीका लगाने की बात सामने आ रही है. जांच के बाद डाक्टर फार यू के कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.''- डॉक्टर सुरेश चंद्र लाल, सिविल सर्जन, सीतामढ़ी

बता दें कि बिहार में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले 3 जनवरी को जब 15 से 18 वर्ष की आयु वाले किशोरों को वैक्सीन देने की शुरुआत हुई थी. उसी दिन नालंदा में भी दो भाइयों को को-वैक्सीन की जगह कोविशील्ड का टीका दिया गया था. हालांकि इसको लेकर कार्रवाई भी हुई थी. ऐसे में अब इस मामले में क्या होता है यह देखने वाली बात होगी.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : Jan 7, 2022, 10:15 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.