सीतामढ़ी : यास चक्रवात के चलते लगातार तीन दिनों से हुई मूसलाधार बारिश से जिले से गुजरने वाली नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. बागमती नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि व तेज धारा में बेलसंड प्रखंड के चंदौली घाट पर बना चचरी पुल देखते-देखते ही बह गया
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कई लोगों ने लगाई छलांग
वहीं इस दौरान नदी पार कर रहे कई लोगों ने दौड़कर अपनी जान बचायी. वहीं कुछ ने तो दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी. चचरी पुल बह जाने से लोगों के लिए अब नदी आर पार करने के लिए एक मात्र सहारा नाव रह गया है. जिस कारण दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. इस बागमती नदी के ऊपर बने चचरी पुल के सहारे लोग साल के 6 माह आना-जाना करते हैं.
दर्जनों गांव से सपंर्क टूटा
यह चचरी पुल दर्जनों गांव डुमरा, नुनौरा, दरियापुर, हासोर, मौलनागर, सिरोपट्टी सहित अन्य की गांवों को जोड़ने का काम करती थी. बेलसंड अनुमंडल मुख्यालय का एकमात्र लाइफ लाइन चचरी था. इस पुल के बह जाने से सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और शिवहर पथ पर आवागमन बाधित है. अब लोगों को नाव या कटोझा होकर लम्बी दूरी तय कर आना जाना पड़ेगा.
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बता दें कि चन्दौली घाट पर चचरी पुल हर वर्ष जन सहयोग से बनाया जाता है. जिसकी लागत करीब 4 लाख आता है. यह चचरी पुल सिर्फ 6 महीना ही चलता है. बाढ़ आने पर हर वर्ष बाढ़ के पानी में बह जाता है. लेकिन इस बार चक्रवात के कारण समय से पहले जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई. इसलिए मई महीने में ही बाढ़ के पानी में चचरी पुल बह गया. शनिवार की सुबह से ही चचरी पुल पर आवाजाही बंद हो गई.