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सीतामढ़ी: पंचतत्व में विलीन हुए शहीद सुशील, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार - राजकीय सम्मान

श्रीनगर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सुशील कुमार सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक आवास पहुंचा. शव के गांव पहुंचने के बाद गमगीन माहौल में शहीद सुशील का अंतिम संस्कार हुआ. मौके पर जदयू एमएलसी ने गांव में भव्य शहीद स्मारक बनाने की बात कही.

शहीद सुशील पंचतत्व में विलीन
शहीद सुशील पंचतत्व में विलीन
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Published : Feb 29, 2020, 5:11 PM IST

सीतामढ़ी: 27 फरवरी को श्रीनगर के अनंतनाग में मुठभेड़ में शहीद हुए सुशील कुमार सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव डुमरी कला पहुंची. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के शव को पहले सम्मान के साथ पटना से डुमरा मुख्यालय लाया गया. जिसके बाद उनका शव उनके गांव के लिए रवाना हुआ. मौके पर हजारों युवा शहीद सुशील कुमार अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे.

40 किमी लंबी शव यात्रा
शहीद सुशील कुमार सिंह के शव यात्रा को लेकर 40 किमी लंबी रैली निकाली गई. हजारों की भीड़ सुशील को एक झलक देखने को बेताब रहे. शव यात्रा के कारण शहीद के शव को उनके घर तर पहुंचने में लगभग 6 घंटे का समय लगा. शहीद के शव को उनके छोटे भाई ने मुखाग्नि दी.मौके पर महिला पुलिस बटालियन ने सुशील कुमार सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी.

शहीद को देखने के लिए उमड़ी भीड़
शहीद के शव को देखने के लिए उमड़ी भीड़

'परिवार का भरण-पोषण दूभर'
मौके पर शहीद सुशील की मां पुनीता देवी ने बताया कि सुशील उनके परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था. उसकी शहादत के बाद अब उनके परिवार का भरण-पोषण पर संकट आ गया है. उन्होंने कहा कि बेटे के शहादत पर गर्व है. लेकिन परिवार को अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने सरकार से अपने छोटे बेटे या बहु को नौकरी देने की मांग की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बनाया जाएगा भव्य स्मारक'
शहीद सुशील कुमार सिंह के शव यात्रा में स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा क्षेत्र के हजारों युवा शामिल थे. जिन्होंने राष्ट्रीय गान के साथ शहीद सुशील अमर रहे के जयकारे लगाकर सुशील को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर स्थानीय एमएलसी, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा सेना के पदाधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और जिले के कोने-कोने से आए हजारों की संख्या में लोगों ने सुशील के पार्थिव शरीर पर फूलमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया. मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि अगर सेना सुशील की स्मारक स्थल का निर्माण नहीं कराती है, तो निजी कोष से भव्य स्मारक का निर्माण करवाया जाएगा.

शहीद सुशील कुमार की तस्वीर
शहीद सुशील कुमार की तस्वीर

सीतामढ़ी: 27 फरवरी को श्रीनगर के अनंतनाग में मुठभेड़ में शहीद हुए सुशील कुमार सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव डुमरी कला पहुंची. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के शव को पहले सम्मान के साथ पटना से डुमरा मुख्यालय लाया गया. जिसके बाद उनका शव उनके गांव के लिए रवाना हुआ. मौके पर हजारों युवा शहीद सुशील कुमार अमर रहें और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे.

40 किमी लंबी शव यात्रा
शहीद सुशील कुमार सिंह के शव यात्रा को लेकर 40 किमी लंबी रैली निकाली गई. हजारों की भीड़ सुशील को एक झलक देखने को बेताब रहे. शव यात्रा के कारण शहीद के शव को उनके घर तर पहुंचने में लगभग 6 घंटे का समय लगा. शहीद के शव को उनके छोटे भाई ने मुखाग्नि दी.मौके पर महिला पुलिस बटालियन ने सुशील कुमार सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी.

शहीद को देखने के लिए उमड़ी भीड़
शहीद के शव को देखने के लिए उमड़ी भीड़

'परिवार का भरण-पोषण दूभर'
मौके पर शहीद सुशील की मां पुनीता देवी ने बताया कि सुशील उनके परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य था. उसकी शहादत के बाद अब उनके परिवार का भरण-पोषण पर संकट आ गया है. उन्होंने कहा कि बेटे के शहादत पर गर्व है. लेकिन परिवार को अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने सरकार से अपने छोटे बेटे या बहु को नौकरी देने की मांग की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'बनाया जाएगा भव्य स्मारक'
शहीद सुशील कुमार सिंह के शव यात्रा में स्कूली छात्र-छात्राओं के अलावा क्षेत्र के हजारों युवा शामिल थे. जिन्होंने राष्ट्रीय गान के साथ शहीद सुशील अमर रहे के जयकारे लगाकर सुशील को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर स्थानीय एमएलसी, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा सेना के पदाधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और जिले के कोने-कोने से आए हजारों की संख्या में लोगों ने सुशील के पार्थिव शरीर पर फूलमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया. मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी देवेश चंद्र ठाकुर ने बताया कि अगर सेना सुशील की स्मारक स्थल का निर्माण नहीं कराती है, तो निजी कोष से भव्य स्मारक का निर्माण करवाया जाएगा.

शहीद सुशील कुमार की तस्वीर
शहीद सुशील कुमार की तस्वीर
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