सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में बथनाहा प्रखंड क्षेत्र को बालश्रम मुक्त घोषित किया गया है. बाल श्रम मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए निरंतर श्रम विभाग बचपन बचाओ आंदोलन चलाया. वहीं प्रखंड स्तरीय बाल सरंक्षण समिति ने भी काफी पहल की. गुरुवार को बथनाहा प्रखंड कार्यालय स्थित सभाकक्ष में श्रम विभाग, बचपन बचाओ आंदोलन और प्रखंड स्तरीय बाल सरंक्षण समिति के संयुक्त तत्वावधान में प्रखंड को बाल श्रम मुक्त क्षेत्र नो टॉलरेंस जोन घोषित किया गया. कार्यक्रम का उदघाटन श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार और बीडीओ अजीत कुमार प्रसाद ने किया.
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बथनाहा नो टॉलरेंस जोन घोषित: श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने घोषणा कार्यक्रम में बथनाहा प्रखंड क्षेत्र को बाल श्रम मुक्त क्षेत्र नो टॉलरेंस जॉन घोषित करते हुए कहा कि श्रम विभाग, बचपन बचाओ आंदोलन एवं प्रखंड स्तरीय बाल सरंक्षण समिति, हम सब ने मिलकर सामूहिक रूप से एक अच्छा प्रयास किया है. प्रखंड के हरेक होटल, ढाबा, दुकान, प्रतिष्ठान, ईंट भट्ठा आदि सबकी हमने जांच करवाई है. घोषणा के एक दिन पूर्व भी हमने जांच कराई थी कि कहीं ऐसा तो नहीं की किसी दुकान में बाल श्रमिक हो. पुनः जांच कर एक दिन पूर्व तीन बच्चों को बाल श्रम से विमुक्त करवाया गया है.
"श्रम विभाग, बचपन बचाओ आंदोलन एवं प्रखंड स्तरीय बाल सरंक्षण समिति, हम सब ने मिलकर सामूहिक रूप से एक अच्छा प्रयास किया है. प्रखंड के हरेक होटल, ढाबा, दुकान, प्रतिष्ठान, ईंट भट्ठा आदि सबकी हमने जांच करवाई है. घोषणा के एक दिन पूर्व भी हमने जांच कराई थी कि कहीं ऐसा तो नहीं की किसी दुकान में बाल श्रमिक हो. पुनः जांच कर एक दिन पूर्व तीन बच्चों को बाल श्रम से विमुक्त करवाया गया" - सुबोध कुमार, श्रम अधीक्षक
प्रखंड में चलेगा रोको, टोको अभियान: श्रम अधीक्षक ने कहा कि हमसभी लोग मिलकर रोको टोको अभियान प्रखंड क्षेत्र में चलाएंगे और कहीं भी कोई भी बाल श्रमिक कार्य नहीं करेगा. ऐसा हमलोग का प्रयास रहेगा. बीडीओ अजीत कुमार प्रसाद ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में बाल श्रम किसी भी बच्चें से ना करवाया जाय. इसके लिए नियमित रूप से बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की जा रही है. साथ ही बचपन बचाओ आंदोलन से सहयोग से भी काफी अच्छा कार्य बाल श्रम उन्मूलन के लिए प्रखंड क्षेत्र में हो रहा है. बाल मजदूरी बच्चों को उनके बचपन, उनके स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करना, बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है.
सभी बच्चों को गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार: बीडीओ ने कहा कि बच्चों को गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार है. इसलिए प्रखंड क्षेत्र में किसी भी बच्चे से बाल श्रम ना करवाया जाए. इसके लिए निरंतर रोको टोको अभियान चलाया जाएगा. कार्यक्रम में बथनाहा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सुशांत कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि मुकुंद कुमार चौधरी,बाल समिति के सदस्य आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए. मौके पर आदित्य कुमार चौधरी, चंद्रनाथ राम,प्रदीप कुमार, सुरेश कुमार, महिला पर्वेक्षिका प्रतिभा लाता, नेहा कुमारी, विभा सिंह, प्रयास संस्था के प्रतिनिधि अब्दुल मालिक खान आदि थे.