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आशा कार्यकर्ताओं ने पीएचसी का घेराव कर किया जमकर हंगामा, लगाया रिश्वत मांगने का आरोप

सीतामढ़ी में आशा कार्यकर्ताओं ने पीएचसी कार्यालय में प्रदर्शन किया (protest in Sitamarhi). इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाए कि पीएसची के कर्मचारी रिश्वत की मांग करते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

सीतामढ़ी में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
सीतामढ़ी में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
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Published : Mar 28, 2022, 8:22 PM IST

सीतामढ़ी: रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सीतामढ़ी के बैरगनिया पीएचसी कार्यालय (Asha workers protest in Bairgania PHC Office) का घेराव किया. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पीएचसी के कर्मी रिश्वत मांगते हैं. जब रिश्वत नहीं मिलता तो उनके काम नहीं किए जाते. वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.

यह भी पढ़ें: नियमितिकरण और मानदेय बढ़ाने के लिए ग्राम रक्षा दल ने किया बिहार विधानसभा का घेराव

मानदेय का भुगतान रोका: आशा कार्यकर्ताओं ने घूसखोरी बंद करने की मांग की है. उनका कहना है कि सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी 5 हजार पर पांच सौ की घूसखोरी की मांग करते हैं. पैसा नहीं देने पर कार्यों का निष्पादन नहीं किया जाता है. पूछने पर कर्मी टालमटोल करते हैं. कई बार मानदेय के रूप में जो भुगतान होता है, उसे भी रोक दिया जाता. जब इस विषय पर सिविल सर्जन से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, फिर भी मामले की जांच की जाएगी.


प्रोत्साहन राशि देने की मांग: आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार और जिला प्रशासन से उनके कार्य के बदले 21 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन देने के लिए दिया गया था, वह भी कर्मचारियों ने नहीं दिया. कर्मचारी मोबाइल के बदले एक हजार की मांग रहे है. आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर्मचारी रवैया नहीं बदलते हैं तो आगे इससे बड़ा आंदोलन होगा.

यह भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई के खिलाफ पटना में महिला कांग्रेस नेताओं का प्रदर्शन, गीत गाकर मोदी सरकार पर कसा तंज


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सीतामढ़ी: रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सीतामढ़ी के बैरगनिया पीएचसी कार्यालय (Asha workers protest in Bairgania PHC Office) का घेराव किया. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पीएचसी के कर्मी रिश्वत मांगते हैं. जब रिश्वत नहीं मिलता तो उनके काम नहीं किए जाते. वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.

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मानदेय का भुगतान रोका: आशा कार्यकर्ताओं ने घूसखोरी बंद करने की मांग की है. उनका कहना है कि सिविल सर्जन कार्यालय के कर्मी 5 हजार पर पांच सौ की घूसखोरी की मांग करते हैं. पैसा नहीं देने पर कार्यों का निष्पादन नहीं किया जाता है. पूछने पर कर्मी टालमटोल करते हैं. कई बार मानदेय के रूप में जो भुगतान होता है, उसे भी रोक दिया जाता. जब इस विषय पर सिविल सर्जन से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, फिर भी मामले की जांच की जाएगी.


प्रोत्साहन राशि देने की मांग: आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार और जिला प्रशासन से उनके कार्य के बदले 21 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन देने के लिए दिया गया था, वह भी कर्मचारियों ने नहीं दिया. कर्मचारी मोबाइल के बदले एक हजार की मांग रहे है. आशा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कर्मचारी रवैया नहीं बदलते हैं तो आगे इससे बड़ा आंदोलन होगा.

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