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शेखपुरा: आत्मनिर्भर भारत के तहत महिलाएं अजमा रही अपनी किस्मत, DM से मदद की मांग - women

शेखपुरा में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जुट से निर्मित सामनों को लेकर महिलाएं अपनी किस्मत गढ़ रही है. वही, कुटीर उधोग को स्थापित करने के लिए 7.5 लाख की आवश्यकता है. जिसके लिए डीएम और आरसेटी से मदद की गुहार लगाई है.

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आत्मनिर्भर बनी महिलाएं
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Published : Aug 11, 2020, 7:26 PM IST

शेखपुरा: आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जुट से निर्मित सामानों का निर्माण कर जिले के महिलाएं अपनी किस्मत गढ़ रही है. जिसमें जिले की कुल 11 महिलाएं जुट से निर्मित सामग्री बनाने का कार्य की शुरुआत की है. उनके द्वारा निर्मित समाग्री जिले वासियों को अत्यंत पसंद आ रही हैं. हालांकि कम पूंजी रहने के कारण महिलाएं अपने निजी राशि 15 से 20 हजार की लागत से कार्य का शुभारंभ किया है.

जुट से निर्मित कई सामाग्री आरसेटी से मदद की गुहार लगाई

इस बाबत शेखपुरा जुट उद्योग की अध्यक्ष गौरी देवी, सचिव बंटी कुमारी और प्रगति विजय राज आदि सदस्यों ने बताया कि महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान जुलाई महीने में आत्मनिर्भर भारत के तहत यह कार्य शुरू किया गया. जिसमें जुट से निर्मित थैला, बैग, सजावट की सामान, मोबाइल रखने का स्टैंड, पायदान सहित अन्य विभिन्न प्रकार के सामग्री का निर्माण किया जा रहा है. जो मजबूत और देखने में काफी आकर्षक लग रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि रोजगार विस्तार के बाद इस कार्य में अन्य महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा ताकि महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बने.

कुटीर उधोग को स्थापित करने में 7.5 लाख रुपए की खर्च

जुट उधोग की अध्यक्ष गौरी देवी ने कहा कि अधिक मात्रा में जुट से निर्मित सामानों का निर्माण हेतु एक छोटा सा कुटीर उद्योग की आवश्यकता हैं. ताकि भारी मात्रा में समाग्री का निर्माण कर सके. जिसको लेकर विभिन्न प्रकार के मशीन लगाए जाएंगे. जिसमें लगभग 7.5 लाख रुपए तक की खर्च आ रही है.

डीएम से मदद की मांग

जुट उधोग की महिलाएं ने जिसे स्थापित करने के लिए डीएम और आरसेटी से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, उनके द्वारा भी आश्वासन दिया गया है कि बैंक से ऋण दिलवाकर सभी प्रकार के मशीन उपलब्ध करा दिया जाएगा. मशीन स्थापित होने के बाद अधिक मात्रा में जुट सामग्री का निर्माण होगा और उसे बेचा भी जाएगा. जिससे महिलाएं अपने मेहनत के अनुकूल फायदा कमा सकती है. वहीं, कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण दूसरे व अन्य जिले से वापस आए प्रवासियों को भी रोजगार मिल सकेगा.

शेखपुरा: आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत जुट से निर्मित सामानों का निर्माण कर जिले के महिलाएं अपनी किस्मत गढ़ रही है. जिसमें जिले की कुल 11 महिलाएं जुट से निर्मित सामग्री बनाने का कार्य की शुरुआत की है. उनके द्वारा निर्मित समाग्री जिले वासियों को अत्यंत पसंद आ रही हैं. हालांकि कम पूंजी रहने के कारण महिलाएं अपने निजी राशि 15 से 20 हजार की लागत से कार्य का शुभारंभ किया है.

जुट से निर्मित कई सामाग्री आरसेटी से मदद की गुहार लगाई

इस बाबत शेखपुरा जुट उद्योग की अध्यक्ष गौरी देवी, सचिव बंटी कुमारी और प्रगति विजय राज आदि सदस्यों ने बताया कि महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान जुलाई महीने में आत्मनिर्भर भारत के तहत यह कार्य शुरू किया गया. जिसमें जुट से निर्मित थैला, बैग, सजावट की सामान, मोबाइल रखने का स्टैंड, पायदान सहित अन्य विभिन्न प्रकार के सामग्री का निर्माण किया जा रहा है. जो मजबूत और देखने में काफी आकर्षक लग रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि रोजगार विस्तार के बाद इस कार्य में अन्य महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा ताकि महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बने.

कुटीर उधोग को स्थापित करने में 7.5 लाख रुपए की खर्च

जुट उधोग की अध्यक्ष गौरी देवी ने कहा कि अधिक मात्रा में जुट से निर्मित सामानों का निर्माण हेतु एक छोटा सा कुटीर उद्योग की आवश्यकता हैं. ताकि भारी मात्रा में समाग्री का निर्माण कर सके. जिसको लेकर विभिन्न प्रकार के मशीन लगाए जाएंगे. जिसमें लगभग 7.5 लाख रुपए तक की खर्च आ रही है.

डीएम से मदद की मांग

जुट उधोग की महिलाएं ने जिसे स्थापित करने के लिए डीएम और आरसेटी से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, उनके द्वारा भी आश्वासन दिया गया है कि बैंक से ऋण दिलवाकर सभी प्रकार के मशीन उपलब्ध करा दिया जाएगा. मशीन स्थापित होने के बाद अधिक मात्रा में जुट सामग्री का निर्माण होगा और उसे बेचा भी जाएगा. जिससे महिलाएं अपने मेहनत के अनुकूल फायदा कमा सकती है. वहीं, कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण दूसरे व अन्य जिले से वापस आए प्रवासियों को भी रोजगार मिल सकेगा.

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