शेखपुरा: विधानसभा क्षेत्र में कुल 25,6453 मतदाता है. जो किसी प्रत्याशी की तख्तापलट के लिए मायने रखते है. शहर की मूल समस्या है ट्रैफिक व्यवस्था. आलम यह रहता है कि भीड़भाड़ वाले चांदनी चौक से आधा किलोमीटर दूर दल्लु चौक पर बाइक से पहुंचने में घण्टों समय लग जाता है.
इस समस्या के निराकरण के लिए ना तो अधिकारी कभी गंभीर हुए और नाही कभी शेखपुरा से चुने गए विधायकों ने किसी तरह की कोशिश की. इसको लेकर शहरी क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है. हालांकि, जनता के बीच एक बार फिर से आए प्रत्याशियों ने इस बार जाम की समस्या से निजात दिलाने की बात कही है.
लगभग हर दिन लगता है जाम
ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए शहर के लोगों ने अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई. लेकिन आश्वाशन के सिवा लोगों को कुछ नहीं हासिल हो सका. शहर के चांदनी चौक, कटरा चौक, सब्जी मंडी, दल्लु चौक, बुधौली बाजार में लगभग प्रतिदिन जाम लगते रहता है. जाम की समस्या दूर कराने में ना तो प्रशासन ने दिलचस्पी दिखाई और नाही चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में किसी करह की कोई पहल की.
चुनावी मुद्दा नहीं बन सका ट्रैफिक समस्या
शहर के लोगों ने जाम की परेशानी को चुनावी मुद्दा बनाने का मन बनाया था. लेकिन राजनीतिक कारणों से इस बार के चुनाव में भी ट्रैफिक जाम चुनावी मुद्दा बनने से वंचित रह गया. बता दें कि बीते साल जाम से निपटने के लिए कटरा चौक से तरछा तक सड़क के बीचों-बीच मुख्य मार्ग पर रस्सी के सहारे अस्थायी बैरिकेटिंग बनाया गया था. लेकिन सड़क के दोनों किनारे फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे मे थे. इस वजह से जाम की समस्या और भी विकारल होने लगी थी. जिसके बाद प्रशासन ने अस्थायी बैरिकेटिंग को भी हटा लिया था.
इलाके के लोगों में आक्रोश
शहर के कटरा चौक एवं बुधौली बाजार में आए दिन जाम की समस्या बरकरार रहता है. लेकिन प्रशासन द्वारा ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था भी नही किया गया है. लिहाजा जाम लगने के बाद स्थानीय लोग ही जाम को खुलवाने में लग जाते हैं. शहर में जाम की प्रमुख वजह अवैध पार्किंग, सड़क किनारे अवैध तरीके से दुकान लगाने वाले फुटकर विक्रेता हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जाम की समस्या शहर के लोगों के लिए आदत सी बन गई है. बता दें कि शेखपुरा में सुबह आठ से रात्रि आठ बजे तक नो इंट्री का प्रावधान है. लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के कारण यह नियम सही से लागू ही नहीं हो पाया. जिस वजह से बड़े वाहन भी शहर में बिना रोकटोक के दाखिल होते हैं. जिस वजह से जाम की परेशानी और भी बढ़ती जाती है.