शेखपुरा: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण कैदी को इलाज के लिए रात भर इंतजार करना पड़ा. वहीं, शनिवार की सुबह तक कोई डॉक्टर के द्वारा उसकी जांच नहीं की गई. पत्रकारों के पहुंचने पर कंपाउंडर के द्वारा गिरफ्तार कैदी को नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया. जिसको लेकर कैदी के साथ रह रहे हवलदार को भी रात भर परेशानियों का सामना करना पड़ा.
ये भी पढ़ें- पूर्णिया के सदर अस्पताल में कोरोना नियमों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां, मरीजों पर गहराया संकट
सदर अस्पताल में इलाज के लिए रात भर भटकता रहा कैदी मरीज
हवलदार नारायण प्रसाद यादव ने बताया कि शुक्रवार की देर रात्रि मंडल कारा से कैदी श्याम प्रभु बिंद को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. लेकिन रात भर कैदी को इलाज नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि उक्त कैदी को सदर थाना पुलिस के द्वारा नशे की हालत में जेल भेजा था.
कैदी मरीज को इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्र भेजा गया
जिसके बाद युवक की शुक्रवार की देर रात अचानक तबियत बिगड़ने लगी. जिसको लेकर जेल अधीक्षक द्वारा इलाज के लिए कैदी को सदर अस्पताल भेज दिया गया, लेकिन शुक्रवार की रात से ही डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण शनिवार की सुबह तक कैदी का इलाज नहीं किया गया. सुबह पत्रकार जब सदर अस्पताल पहुंचे तो आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन के द्वारा कैदी को नशा मुक्ति केंद्र में भेज दिया गया.
ये भी पढ़ें- नहीं मिली एम्बुलेंस, कोरोना संक्रमित का शव कूड़ा ढोने वाले वाहन में ले गए
सदर अस्पताल में मरीजों को समय पर नहीं मिलता इलाज
गौरतलब है कि इन दिनों सदर अस्पताल की व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. जिसके कारण कई बार इसके मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं शुक्रवार को भी सुबह सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज नहीं किए जाने के कारण आधा दर्जन से अधिक घायल मरीज आक्रोशित होकर निजी क्लीनिक में इलाज कराने चले गए. इस लापरवाही के कारण जिलेवासियों में सदर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है.