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कैंसर रोगियों की पहचान के लिए वरदान साबित हो रहा शेखपुरा सदर अस्पताल में संचालित कैंसर क्लिनिक

Sheikhpura News: शेखपुरा में कैंसर रोगियों की पहचान के लिए कैंसर क्लिनिक मुख्य भूमिका निभा रहा है. अब तक इस क्लिनिक के जरिए हजारों लोगों की जांच की जा चुकी है. पढ़ें पूरी खबर.

शेखपुरा सदर अस्पताल में संचालित कैंसर क्लिनिक
शेखपुरा सदर अस्पताल में संचालित कैंसर क्लिनिक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 10, 2024, 7:30 PM IST

शेखपुरा: शेखपुरा सदर अस्पताल में कैंसर रोगियों की पहचान के लिए संचालित कैंसर क्लिनिक वरदान साबित हो रहा है. यहां बड़ी संख्या में कैंसर के लक्षण से संबंधित रोगियों की जांच की जाती है और उसका सैंपल भी बाहर भेजा जाता है. जहां पुष्टि होने के बाद उन सभी के बेहतर इलाज के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर कैंसर हॉस्पिटल या तो नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पटना भेजा जाता है.

दिसंबर 2023 तक लोगों की जांच: कैंसर क्लीनिक में पदस्थापित डॉक्टर अंजली राय ने जानकारी देते हुए बताया कि "17 नवंबर 2022 से कैंसर क्लीनिक की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद अलग-अलग जगह पर टीम बनाकर जांच की गई. दिसंबर 2023 तक कुल 23367 लोगों की स्क्रीनिंग (जांच) की गई, जिसमें 10 हजार पुरुष और 13367 महिलाएं शामिल हैं."

कैंसर मरीजों की पहचान: इस आंकड़े में खास तौर पर मुंह के कैंसर के 383 मरीजों की पहचान हुई, जिसमें 23 मरीज हाइली सस्पेक्ट थे. इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर के लिए 8477 महिलाओं की जांच की गई जिसमें 48 सस्पेक्टेड और उसमें 10 हायली सस्पेक्टेड की पहचान की गई. उन्होंने बताया कि बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के लिए 504 महिलाओं की जांच की गई, जिसमें हायली सस्पेक्टेड 32 मरीजों की पहचान की गई.

जांच अभियान चलाकर मरीजों की पहचान: डॉ अंजलि राय ने बताया कि "सस्पेक्टेड और हायली सस्पेक्टेड मरीजों की बेहतर जांच के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर कैंसर हॉस्पिटल और एनएमसीएच पटना रेफर किया गया. जहां आयुष्मान कार्ड धारकों का मुफ्त में इलाज संभव है. जिले में 17 नवंबर 2022 से कैंसर क्लीनिंक सदर अस्पताल में संचालित है, जहां अलग-अलग प्रखंडों में जांच अभियान चलाया जाता है ताकि कैंसर से संबंधित लक्षण वाले मरीजों की पहचान की जा सके."

जांच में 15 कैंसर रोगियों की पहचान: डॉ अंजलि राय ने बताया कि "कैंप लगाकर अलग-अलग जगह पर जांच की गई है. जहां 15 कैंसर रोगियों की पुष्टि हुई है. जिसमें ओरल यानी मुंह के कैंसर के 7, ब्रेस्ट कैंसर के 4 और सर्वाइकल यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के 4 मरीजों की पहचान हुई. जबकि अन्य मामलों में 09 कैंसर के रोगी पहले से ही मौजूद थे. इस प्रकार कुल 24 कैंसर होगी जिले में मिले है."

ऐसे लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से जांच जरूरी: डॉक्टर ने कहा कैंसर के कई प्रकार हैं, जिसमें उससे संबंधित लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से उसकी जांच करना काफी जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि "बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के लक्षणों में माहवारी के बीच की अवधि में और संभोग के बाद रक्तस्राव प्रमुख हैं. सफेद बदबूदार स्राव और पीठ के निचले हिस्से में या पेट के निचले भाग में दर्द भी हो सकता है. कुछ मामलों में कोई लक्षण नहीं भी हो सकता."

ऐसे लक्षण पाए जाने पर सर्तकता जरूरी: ओरल कैंसर के लक्षणों में कान, मुंह और चेहरे में दर्द की शिकायत, मुंह में छाले, बदबूदार सांस या लाल और सफ़ेद प्लाक होना, खांसी होना या गले की लसीका ग्रंथियों का बढ़ना इत्यादि लक्षण हैं. स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैं. ऐसे लक्षण मिलने पर तुरंत चिकित्सकों से मुलाकात करके जांच करवाने की आवश्यक होती है. शुरुआती जांच में अगर कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका इलाज संभव है.

जांच शिविर लगाकर कैंसर की जांच: डॉ अंजलि राय ने बताया कि जिले में 50 जगह से ज्यादा स्थानों पर कैंसर की जांच के लिए शिविर लगाया जा चुका है. ज्यादातर लोग कैंसर की जांच के नाम पर दूर भागते नजर आते हैं, परंतु इसकी जांच अगर सही समय पर हो जाए तो इसका इलाज काफी संभव है और लोगों की जान बचाई जा सकती है.

"कैंसर की जांच और उनके पहचान के लिए सदर अस्पताल तत्पर है. सदर अस्पताल के प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि कैंसर रोगियों की पहचान आसानी से हो सके और उनका सैंपल आसानी से बाहर भेजा जा सके, इसके लिए उन्होंने प्रबंध कर रखा है. साथ ही डॉक्टर से बात करके कर्मियों की कमी होने पर अतिरिक्त कर्मी भी उन्हें दी जाती है ताकि कैंसर रोगियों की समय पर पहचान की जा सके."- अस्पताल प्रबंधक

पढ़ें: कैंसर का हॉटस्पॉट बना बिहार, गोपालगंज में 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग में 20 मरीज मिले

शेखपुरा: शेखपुरा सदर अस्पताल में कैंसर रोगियों की पहचान के लिए संचालित कैंसर क्लिनिक वरदान साबित हो रहा है. यहां बड़ी संख्या में कैंसर के लक्षण से संबंधित रोगियों की जांच की जाती है और उसका सैंपल भी बाहर भेजा जाता है. जहां पुष्टि होने के बाद उन सभी के बेहतर इलाज के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर कैंसर हॉस्पिटल या तो नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पटना भेजा जाता है.

दिसंबर 2023 तक लोगों की जांच: कैंसर क्लीनिक में पदस्थापित डॉक्टर अंजली राय ने जानकारी देते हुए बताया कि "17 नवंबर 2022 से कैंसर क्लीनिक की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद अलग-अलग जगह पर टीम बनाकर जांच की गई. दिसंबर 2023 तक कुल 23367 लोगों की स्क्रीनिंग (जांच) की गई, जिसमें 10 हजार पुरुष और 13367 महिलाएं शामिल हैं."

कैंसर मरीजों की पहचान: इस आंकड़े में खास तौर पर मुंह के कैंसर के 383 मरीजों की पहचान हुई, जिसमें 23 मरीज हाइली सस्पेक्ट थे. इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर के लिए 8477 महिलाओं की जांच की गई जिसमें 48 सस्पेक्टेड और उसमें 10 हायली सस्पेक्टेड की पहचान की गई. उन्होंने बताया कि बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के लिए 504 महिलाओं की जांच की गई, जिसमें हायली सस्पेक्टेड 32 मरीजों की पहचान की गई.

जांच अभियान चलाकर मरीजों की पहचान: डॉ अंजलि राय ने बताया कि "सस्पेक्टेड और हायली सस्पेक्टेड मरीजों की बेहतर जांच के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर कैंसर हॉस्पिटल और एनएमसीएच पटना रेफर किया गया. जहां आयुष्मान कार्ड धारकों का मुफ्त में इलाज संभव है. जिले में 17 नवंबर 2022 से कैंसर क्लीनिंक सदर अस्पताल में संचालित है, जहां अलग-अलग प्रखंडों में जांच अभियान चलाया जाता है ताकि कैंसर से संबंधित लक्षण वाले मरीजों की पहचान की जा सके."

जांच में 15 कैंसर रोगियों की पहचान: डॉ अंजलि राय ने बताया कि "कैंप लगाकर अलग-अलग जगह पर जांच की गई है. जहां 15 कैंसर रोगियों की पुष्टि हुई है. जिसमें ओरल यानी मुंह के कैंसर के 7, ब्रेस्ट कैंसर के 4 और सर्वाइकल यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के 4 मरीजों की पहचान हुई. जबकि अन्य मामलों में 09 कैंसर के रोगी पहले से ही मौजूद थे. इस प्रकार कुल 24 कैंसर होगी जिले में मिले है."

ऐसे लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से जांच जरूरी: डॉक्टर ने कहा कैंसर के कई प्रकार हैं, जिसमें उससे संबंधित लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर से उसकी जांच करना काफी जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि "बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के लक्षणों में माहवारी के बीच की अवधि में और संभोग के बाद रक्तस्राव प्रमुख हैं. सफेद बदबूदार स्राव और पीठ के निचले हिस्से में या पेट के निचले भाग में दर्द भी हो सकता है. कुछ मामलों में कोई लक्षण नहीं भी हो सकता."

ऐसे लक्षण पाए जाने पर सर्तकता जरूरी: ओरल कैंसर के लक्षणों में कान, मुंह और चेहरे में दर्द की शिकायत, मुंह में छाले, बदबूदार सांस या लाल और सफ़ेद प्लाक होना, खांसी होना या गले की लसीका ग्रंथियों का बढ़ना इत्यादि लक्षण हैं. स्तन कैंसर के लक्षणों में स्तन में गांठ होना, निपल से खून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल हैं. ऐसे लक्षण मिलने पर तुरंत चिकित्सकों से मुलाकात करके जांच करवाने की आवश्यक होती है. शुरुआती जांच में अगर कैंसर के लक्षण पाए जाते हैं तो उनका इलाज संभव है.

जांच शिविर लगाकर कैंसर की जांच: डॉ अंजलि राय ने बताया कि जिले में 50 जगह से ज्यादा स्थानों पर कैंसर की जांच के लिए शिविर लगाया जा चुका है. ज्यादातर लोग कैंसर की जांच के नाम पर दूर भागते नजर आते हैं, परंतु इसकी जांच अगर सही समय पर हो जाए तो इसका इलाज काफी संभव है और लोगों की जान बचाई जा सकती है.

"कैंसर की जांच और उनके पहचान के लिए सदर अस्पताल तत्पर है. सदर अस्पताल के प्रबंधक धीरज कुमार ने बताया कि कैंसर रोगियों की पहचान आसानी से हो सके और उनका सैंपल आसानी से बाहर भेजा जा सके, इसके लिए उन्होंने प्रबंध कर रखा है. साथ ही डॉक्टर से बात करके कर्मियों की कमी होने पर अतिरिक्त कर्मी भी उन्हें दी जाती है ताकि कैंसर रोगियों की समय पर पहचान की जा सके."- अस्पताल प्रबंधक

पढ़ें: कैंसर का हॉटस्पॉट बना बिहार, गोपालगंज में 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग में 20 मरीज मिले

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