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कोरोना काल में भी घपला, मुखिया ने लोगों के बीच बांटा एक्सपायर साबुन - जीविका कार्यालय

मुखिया दयानंद ने कहा कि शिकायत मिलने पर साबुन वापस कर उसके स्थान पर दूसरा साबुन वितरण किया जा रहा है. इस मामले में हमारी किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं है. प्रशासन के आदेश पर निष्पक्ष भाव से साबुन व मास्क का वितरण किया जा रहा है.

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Published : Jul 22, 2020, 1:49 PM IST

शेखपुरा: कोरोना संकट काल में सरकार ने सभी पंचायतों से लोगों को साबुन मास्क और सैनिटाइजर वितरण करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन इस आपदा की घड़ी में भी मुखिया लूट-खसोट में लगे हुए हैं. ताजा मामला चेवाड़ा प्रखण्ड के चेवाड़ा पंचायत का है. जहां एक्सपायर हो चुका साबुन लोगों के बीच वितरित किया गया है.

पंचायत को उपलब्ध कराई गई थी राशि
जिला प्रशासन ने पंचायत के मुखिया को प्रति परिवार एक साबुन और चार मास्क वितरण करने का आदेश दिया था. इसके लिए सभी पंचायत को राशि भी उपलब्ध कराई गई थी. साथ ही मास्क की खरीद जीविका कार्यालय से ही करने के लिए कहा गया था. जिसके लिए 30 रुपये प्रति मास्क दर निर्धारित किया गया था, लेकिन पंचायत के मुखिया इस कोरोना काल मेे भी मालामाल होने में लगे हैं.

साबुन और मास्क के वितरण में घोटाला

पुरानी धोती से बनाया गया मास्क
ग्रामीणों ने बताया कि चेवाड़ा पंचायत के मुखिया दयानन्द चौधरी ने दुकानों से पुरानी धोती खरीदकर उससे मास्क बनवा लिया और लोगों के बीच उसे बांट दिया. जिसकी क्वालिटी काफी घटिया है. एक-दो बार साफ करने के बाद यह फट जाता है. जीविका से तैयार किया गया मास्क डबल लेयर का है. जो आसानी से दो महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

घोटाले की जांच की मांग
लोगों ने बताया कि साबुन भी पुराने स्टॉक से सस्ते कीमत पर खरीदकर बांट दिया गया है. साबुन का डेट एक्सपायर हो गया है. जिला प्रशासन को भी मामले की जानकारी है लेकिन सत्ताधारी दल से सरोकार रखने की वजह से मुखिया के गर्दन तक प्रशासन के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं. ग्रमीण इस घोटाले के जांच की मांग कर रहे हैं.

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लोगों के बीच बांटे गए एक्सपायर साबुन

'दुकानदार की लापरवाही'
ग्रामीणों को उपलब्ध कराए गए किसी साबुन का मैनुफैक्चर डेट 2016 तो किसी का 2018 अंकित है. वहीं, चेवाड़ा पंचायत के मुखिया दयानंद चौधरी ने बताया कि प्रशासन के आदेश पर पंचायत के प्रत्येक घर में 4 मास्क व साबुन उपलब्ध कराया जा रहा है. वितरण को लेकर बड़े पैमाने पर साबुन का क्रय किया गया था. जिसमें दुकानदार की लापरवाही के कारण स्टॉक में रखे एक्सपायर साबुन को भी भेज दिया गया.

'बिना जांच किए वितरित किए गए साबुन व मास्क'
मुखिया दयानंद चौधरी ने बताया कहा कि पंचायतों में सभी जगह अकेले साबुन व मास्क वितरण कराना संभव नहीं है. जिससे उनके समर्थकों ने बिना जांच किए साबुन व मास्क वितरण कर दिया. शिकायत मिलने पर उसे वापस कर उसके स्थान पर दूसरा साबुन वितरण किया जा रहा है. मुखिया ने कहा कि इस मामले में हमारी किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं है. प्रशासन के आदेश पर निष्पक्ष भाव से साबुन व मास्क का वितरण कर रहे हैं.

अधिकारी मीडिया के सवालों से रहे बचते
मामले में डीएम इनायत खान और स्थानीय बीडीओ सुनील कुमार सिंह कुछ भी बोलने से बचते दिखे. दोनों अधिकारियों से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. घोटालों की बात सामने आने पर भी कार्रवाई नहीं होना प्रशासन पर कई सवाल खड़े करता है.

शेखपुरा: कोरोना संकट काल में सरकार ने सभी पंचायतों से लोगों को साबुन मास्क और सैनिटाइजर वितरण करने के निर्देश दिए हैं. लेकिन इस आपदा की घड़ी में भी मुखिया लूट-खसोट में लगे हुए हैं. ताजा मामला चेवाड़ा प्रखण्ड के चेवाड़ा पंचायत का है. जहां एक्सपायर हो चुका साबुन लोगों के बीच वितरित किया गया है.

पंचायत को उपलब्ध कराई गई थी राशि
जिला प्रशासन ने पंचायत के मुखिया को प्रति परिवार एक साबुन और चार मास्क वितरण करने का आदेश दिया था. इसके लिए सभी पंचायत को राशि भी उपलब्ध कराई गई थी. साथ ही मास्क की खरीद जीविका कार्यालय से ही करने के लिए कहा गया था. जिसके लिए 30 रुपये प्रति मास्क दर निर्धारित किया गया था, लेकिन पंचायत के मुखिया इस कोरोना काल मेे भी मालामाल होने में लगे हैं.

साबुन और मास्क के वितरण में घोटाला

पुरानी धोती से बनाया गया मास्क
ग्रामीणों ने बताया कि चेवाड़ा पंचायत के मुखिया दयानन्द चौधरी ने दुकानों से पुरानी धोती खरीदकर उससे मास्क बनवा लिया और लोगों के बीच उसे बांट दिया. जिसकी क्वालिटी काफी घटिया है. एक-दो बार साफ करने के बाद यह फट जाता है. जीविका से तैयार किया गया मास्क डबल लेयर का है. जो आसानी से दो महीने तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

घोटाले की जांच की मांग
लोगों ने बताया कि साबुन भी पुराने स्टॉक से सस्ते कीमत पर खरीदकर बांट दिया गया है. साबुन का डेट एक्सपायर हो गया है. जिला प्रशासन को भी मामले की जानकारी है लेकिन सत्ताधारी दल से सरोकार रखने की वजह से मुखिया के गर्दन तक प्रशासन के हाथ नहीं पहुंच पा रहे हैं. ग्रमीण इस घोटाले के जांच की मांग कर रहे हैं.

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लोगों के बीच बांटे गए एक्सपायर साबुन

'दुकानदार की लापरवाही'
ग्रामीणों को उपलब्ध कराए गए किसी साबुन का मैनुफैक्चर डेट 2016 तो किसी का 2018 अंकित है. वहीं, चेवाड़ा पंचायत के मुखिया दयानंद चौधरी ने बताया कि प्रशासन के आदेश पर पंचायत के प्रत्येक घर में 4 मास्क व साबुन उपलब्ध कराया जा रहा है. वितरण को लेकर बड़े पैमाने पर साबुन का क्रय किया गया था. जिसमें दुकानदार की लापरवाही के कारण स्टॉक में रखे एक्सपायर साबुन को भी भेज दिया गया.

'बिना जांच किए वितरित किए गए साबुन व मास्क'
मुखिया दयानंद चौधरी ने बताया कहा कि पंचायतों में सभी जगह अकेले साबुन व मास्क वितरण कराना संभव नहीं है. जिससे उनके समर्थकों ने बिना जांच किए साबुन व मास्क वितरण कर दिया. शिकायत मिलने पर उसे वापस कर उसके स्थान पर दूसरा साबुन वितरण किया जा रहा है. मुखिया ने कहा कि इस मामले में हमारी किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं है. प्रशासन के आदेश पर निष्पक्ष भाव से साबुन व मास्क का वितरण कर रहे हैं.

अधिकारी मीडिया के सवालों से रहे बचते
मामले में डीएम इनायत खान और स्थानीय बीडीओ सुनील कुमार सिंह कुछ भी बोलने से बचते दिखे. दोनों अधिकारियों से इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है. घोटालों की बात सामने आने पर भी कार्रवाई नहीं होना प्रशासन पर कई सवाल खड़े करता है.

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