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शेखपुरा: दर्जनों लोग में है कोरोना के लक्षण, जागरूकता के अभाव में नहीं करवा रहे जांच

जिले में लोग जागरूकता के अभाव न तो कोरोना का टेस्ट करवाने और ना ही टीका लगवाने को तैयार हैं. गांव में दर्जनों लोगों को कोरोना के लक्षण है मगर जागरूकता के कारण लोग डर में जी रहे हैं.

शेखपुरा
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Published : May 23, 2021, 3:38 PM IST

शेखपुरा : जिले के घाटकुसुम्भा प्रखंड के अंतर्गत पानापुर पंचायत के लोग जागरूकता के अभाव में ना तो कोरोना का जांच करवा रहे और न ही टीका लगवा रहे हैं. गांव में दर्जनों लोग सर्दी, खांसी और बुखार यानी कोरोना के लक्षण है लेकिन जांच इसलिए नहीं करा रहे हैं कि अगर कहीं कोरोना निकल आया तो लोग उनसे दूरी बना लेंगे.

ये भी पढ़ें: शेखपुरा: प्रभारी मंत्री की वर्चुअल बैठक में विधायक ने की शिकायत, कई मुद्दे पेश किये

टीकाकरण को लेकर लोगों में फैला है भ्रम
अगर टीकाकरण की बात करें तो इसे लेकर भी लोगों में भ्रम फैला है जिसके कारण लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं. दरअसल एक महीने पहले गांव में कैंप लगाकर 40 से 45 लोगों का टीकाकरण किया गया था. जहां टीकाकरण के बाद कुछ लोगों को बुखार आ गया तब से लोग यहां टीका लगवाने से इंकार कर रहे हैं. ग्रामीणों के बीच कोरोना की जांच के अलावा वैक्सीन को लेकर भी तरह-तरह की अफवाहें फैली हैं.

जागरूकता के अभाव के कारण है लोगों में डर का महौल

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वो लोगों को वैक्सीन लगवाने की अपील कर रही हैं. गांव की एएनएम क्रांति कुमारी व सेविका रेखा कुमारी ने कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी है. बीमार होने पर ग्रामीण मेडिकल स्टोर से कोई भी दवा लेकर खा ले रहे हैं, लेकिन जांच कराने से कतरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब टीकाकरण के प्रति जागरूकता को लेकर गांव जाते हैं तो वृद्ध कहते हैं कि -''सरकार को पेंशन नहीं देना पड़े, इसलिए टीके लगवाकर मारना चाहती है''. कई बार तो लोग एएनएम और आंगनवाड़ी सेविका पर आक्रोशित भी हो जाते है. जागरूकता को लेकर जब बीडीओ दीपक कुमार कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के माध्यम से सभी लोगों में जागरूकता लाया जाएगा और एक दो दिनों में वहां कैंप लगाकर टीकाकरण किया जाएगा.

शेखपुरा : जिले के घाटकुसुम्भा प्रखंड के अंतर्गत पानापुर पंचायत के लोग जागरूकता के अभाव में ना तो कोरोना का जांच करवा रहे और न ही टीका लगवा रहे हैं. गांव में दर्जनों लोग सर्दी, खांसी और बुखार यानी कोरोना के लक्षण है लेकिन जांच इसलिए नहीं करा रहे हैं कि अगर कहीं कोरोना निकल आया तो लोग उनसे दूरी बना लेंगे.

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टीकाकरण को लेकर लोगों में फैला है भ्रम
अगर टीकाकरण की बात करें तो इसे लेकर भी लोगों में भ्रम फैला है जिसके कारण लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं. दरअसल एक महीने पहले गांव में कैंप लगाकर 40 से 45 लोगों का टीकाकरण किया गया था. जहां टीकाकरण के बाद कुछ लोगों को बुखार आ गया तब से लोग यहां टीका लगवाने से इंकार कर रहे हैं. ग्रामीणों के बीच कोरोना की जांच के अलावा वैक्सीन को लेकर भी तरह-तरह की अफवाहें फैली हैं.

जागरूकता के अभाव के कारण है लोगों में डर का महौल

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वो लोगों को वैक्सीन लगवाने की अपील कर रही हैं. गांव की एएनएम क्रांति कुमारी व सेविका रेखा कुमारी ने कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी है. बीमार होने पर ग्रामीण मेडिकल स्टोर से कोई भी दवा लेकर खा ले रहे हैं, लेकिन जांच कराने से कतरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब टीकाकरण के प्रति जागरूकता को लेकर गांव जाते हैं तो वृद्ध कहते हैं कि -''सरकार को पेंशन नहीं देना पड़े, इसलिए टीके लगवाकर मारना चाहती है''. कई बार तो लोग एएनएम और आंगनवाड़ी सेविका पर आक्रोशित भी हो जाते है. जागरूकता को लेकर जब बीडीओ दीपक कुमार कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि के माध्यम से सभी लोगों में जागरूकता लाया जाएगा और एक दो दिनों में वहां कैंप लगाकर टीकाकरण किया जाएगा.

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