शेखपुरा: जिला कृषि विभाग के प्रधान लिपिक रविंद्र कुमार को घूस लेने के दौरान निगरानी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है. पटना से पहुंची निगरानी विभाग की टीम ने 20 हजार रुपये घूस ले रहे प्रधान लिपिक को रंगे हाथ दबोच लिया और फिर अपने साथ पटना ले गयी. निगरानी टीम की इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक महकमे में पूरी तरह हड़कंप मच गया.
निगरानी विभाग में की शिकायत
जानकारी के मुताबिक कृषि समन्वयक सुनील कुमार ने कृषि विभाग के प्रधान लिपिक रविंद्र कुमार पर इंक्रीमेंट बढ़ाने के नाम पर 2-2 हजार रुपये लेने का आरोप लगाया है. वहीं, जो समन्वयक घुस नहीं दे रहे थे, उनका इंक्रीमेंट रोका दिया जा रहा था. तत्पश्चात इसकी लिखित शिकायत कृषि समन्वयक ने पटना के निगरानी विभाग में कर दी.
कृषि कार्यालय में भष्ट्राचार
निगरानी की टीम ने इसकी सत्यता की जांच कर ट्रैप किया और कृषि विभाग के कार्यालय में रिश्वत लेने के क्रम में प्रधान लिपिक को निगरानी की टीम ने दबोच लिया. पटना से पहुंचे निगरानी विभाग के डीएसपी बीके वर्मा की अगुवाई में यह कार्रवाई की गई. जिले के विभिन्न कार्यालयों के साथ-साथ जिला कृषि कार्यालय में बड़े पैमाने पर भष्ट्राचार हावी है.
इंक्रीमेंट बढ़ाने के नाम पर घूस
इस मामले में कृषि समन्वयक के इंक्रीमेंट बढ़ाने के नाम पर कृषि पदाधिकारी शिवदत्त सिन्हा की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके पूर्व भी कृषि पदाधिकारी लाल बचन राम के कई कारनामे उजागर होते रहे हैं और एक ऑडियो-वीडियो भी वायरल हुआ था. हाल में ही यूरिया की कालाबाजारी हुई थी और प्रति बैग एक सौ रुपये अधिक कीमत बाजार में बेची गयी, उसमें भी कृषि कार्यालय में कार्यरत कई अधिकारी की भूमिका की बात कही जा रही है.
कई अधिकारी हुए गिरफ्तार
सूत्रों की माने तो एक बड़े खाद्य व्यवसायी ने कालाबाजारी को अंजाम देने के लिए कई तरीके से कृषि विभाग के अधिकारीयों को लाभान्वित किया था. रिश्वत लेने के मामले में शेखपुरा जिले के अधिकारी, पुलिस के साथ-साथ बैंक मैनेजर और कर्मी को निगरानी विभाग की टीम गिरफ्तार कर चुकी है. जिसमें भू-अर्जन पदाधिकारी मो.कामिल अख्तर, शेखपुरा थाना के एसआई अरुण कुमार सिंह और अनुमंडल कार्यालय के पेशकार खुर्शीद आलम शामिल हैं.
इन अधिकारी पर हुई कार्रवाई
इसके अलावे सर्व शिक्षा अभियान के लिपिक अनिल पासवान, सहकारिता विभाग के लिपिक सुभाष चंद्र बोस, शेखोपुरसराय प्रखंड अंतर्गत ग्रामीण बैंक के मैनेजर, ग्रामीण कार्य विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निगरानी विभाग की टीम घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर चुकी है. बावजूद रिश्वतखोर अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं.
निगरानी के रडार पर कई विभाग
जिले के कई विभाग निगरानी के रडार पर हैं. इस मामले में कई शिकायत निगरानी में दर्ज है. हालांकि सिर्फ समय का इंतजार निगरानी विभाग कर रही है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जिले के कई निर्माण कार्य विभाग यथा पीचईडी, आरईओ, भवन निर्माण, पीडब्लूडी सहित सात निश्चय से जुड़े कई पंचायत के सचिव और मुखिया निगरानी की नजर में हैं.
निगरानी को इन विभागों में व्याप्त भ्रष्ट्राचार, रिश्वत नहीं देने पर काम में आनाकानी और चहेते से काम कराए जाने की जांच की शिकायत लगतार मिल रही है.