शेखपुरा/पटना: बिहार के 11 मजदूर कश्मीर में बंधक (Laborers Of Sheikhpura Hostage in Kashmir ) हैं. इस मामले को बीजेपी नेता जीवेश मिश्रा ने सरकार और प्रशासन को आड़े हाथों लिया है. जबकि नीतीश सरकार के श्रम मंत्री इस मामले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. वहीं शेखपुरा के एसपी ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि उनकी टीम इस मुद्दे को हल करने में जुटी है. बता दें कि शेखपुरा जिले के 11 नाबालिग बच्चे कश्मीर में बंधक बना लिए गए हैं. बच्चों को बहला-फुसलाकर दिल्ली के नाम पर ले जाया गया था. लेकिन, कश्मीर में बच्चों को कठिन काम में लगा दिया गया. त्योहार के मौके पर जब वह आना चाहते हैं तो उन्हें अपने घर वापस नहीं आने दिया जा रहा है. 1.10 लाख की डिमांड की जा रही है. खास बात ये है कि कंपनी प्रतिनिधि भी इसे जायज मान रहा है. जबकि कानून के मुताबिक नाबालिग से काम का एग्रीमेंट करवाना भी गुनाह है.
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''बंधुआ बनाकर आप रख नहीं सकते हैं. दिल्ली के नाम पर उनको भेजा गया और जम्मू भेजा गया. बिहार की सरकार को तुरंत विषय पर संज्ञान लेते हुए घर वापसी का प्रयास करना चाहिए. इस मामले में श्रम मंत्री क्यों चुप्पी साध रहे हैं वो तो वही जानें. हमारे समय में हम लोग सऊदी अरब से भी मजदूरों को घर लाए हैं. ऐसे मसले पर एनडीए सरकार में संवेदनशील थी और तत्काल कार्रवाई की जाती थी.
''- जीवेश मिश्रा, पूर्व श्रम मंत्री, NDA सरकार
वहीं इस मामले में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि परिजनों द्वारा इसकी सूचना दी गई है. पुलिस वहां फंसे किशोर की बरामदगी को लेकर संबंधित जिला के एसपी से बात कर बच्चों को सकुशल घर लाने की दिशा में कार्रवाई किये जाने का भरोसा दिलाया है.
''इन बच्चों को जम्मू-कश्मीर में कहां रखा गया है इसकी जानकारी लेकर हम लोग वहां के लोकल अधिकारियों से पता करके उनको रिलीज करने की कोशिश करेंगे. यहां से भी लोगों को कश्मीर भेज रहे हैं ताकि जब उन्हें रिलीज किया जाए तो बच्चों को रिसीव किया जा सके''- कार्तिकेय शर्मा, एसपी, शेखपुरा
पूरे मसले पर कंपनी के प्रतिनिधि प्रेम प्रकाश सोनी से ईटीवी भारत संवाददाता रंजीत कुमार ने दूरभाष पर बातचीत की तो उनका कहना था कि आधे से ज्यादा मजदूर काम पर लगे हैं. वह 1 साल के संविदा पर आए थे. लेकिन पहले ही जाना चाहते हैं. ऐसे में उन्हें खर्च देना होगा. एक मजदूर पर ₹10000 का खर्च आया है. ईटीवी भारत की टीम पूरे मसले पर बात करने के लिए श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम के दफ्तर पहुंची लगभग 2 घंटे तक मंत्री महोदय ने हमारे प्रतिनिधि को इंतजार करवाया. प्रधान सचिव के साथ बैठक की और फिर रणनीति के तहत बात करने से मना कर दिया.
''हमारे बच्चे को मेरे गैरमौजूदगी में ठेकेदार बहला-फुसलाकर दिल्ली के नाम पर ले गया और कश्मीर पहुंचा दिया और अब वह उसे आने नहीं दे रहे हैं''- बंधक प्रह्लाद की मां
शेखपुरा जिले के कोरमा थानां क्षेत्र के पानापुर गांव के 11 किशोर को नौकरी का झांसा देकर ठेकेदार द्वारा दिल्ली ले जाने की घटना से परिजन सदमे में हैं. झारखंड के ठेकेदार सभी किशोर को दिल्ली की जगह कश्मीर ले गया. वहां उसने सभी किशोर को बंधक बना लिया गया. किशोरों को न तो घर पर बात करने दिया जा रहा है और न ही उन्हें समय से खाना पीना दिया जा रहा है. परिवार वालों से छोड़ने के एवज में फिरौती की डिमांड की गई. जिसके बाद पीड़ित घरवाले शेखपुरा समाहरणालय पहुंचकर अपने बच्चों की सकुशल बरामदगी को लेकर डीएम एसपी को ज्ञापन सौंपा था.