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'बिहार सरकार का कोई प्रतिनिधि घर पर आया तो उसे दूर से ही वापस कर देंगे'- सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूर के पिता का आक्रोश

उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. टनल में 41 मजदूर फंस गए थे. 17 दिन बाद मंगलवार को सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. इन मजदूरों में छपरा का सोनू भी शामिल है. सोनू के परिजन सोनू के बाहर आने पर पीएम को धन्यवाद दे रहे हैं तो बिहार सरकार के प्रति आक्रोश है. पढ़ें, विस्तार से.

सिलक्यारा टनल में छपरा का सोनू
सिलक्यारा टनल में छपरा का सोनू
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 29, 2023, 9:28 PM IST

सिलक्यारा टनल से बाहर आया छपरा का सोनू.

छपरा (सारण): उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 कामगारों को मंगलवार की रात सकुशल बाहर निकाल लिया गया. इसमें इसके बाद उन मजदूरों के घर में खुशी का माहौल है, जो इस टनल में फंसे थे. बिहार के विभिन्न जिलों के पांच मजदूर भी इस टनल में फंसे थे. सारण जिले के एकमा प्रखंड के देवपुरा पंचायत अंतर्गत खजुवान गांव का सोनू कुमार भी इनमें एक है.

प्रधानमंत्री को धन्यवाद दियाः सोनू के टनल से सकुशल बाहर निकलने के बाद उनके परिजन काफी खुश हैं. अब परिजन उसकी एक झलक पाने को बेताब है. बताया गया है कि 48 घंटे के अंदर सोनू अपने गांव पहुंच जाएगा. परिजनों ने कहा कि सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि सोनू पूरी तरह से सुरक्षित है. सोनू के पिता सावलिया साह ने बताया कि बेटा पूरी तरह से स्वस्थ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर सभी मजदूरों से बात कर उनका हाल जाना, यह क्षण काफी अभिभूत करने वाला था. उन्होंने मोदी जी को धन्यवाद दिया.

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक-एक गतिविधि पर पूरी तरह से नजर बनाये हुए थे. उनके ऑब्जरवेशन से ही सभी 41 कामगार सुरक्षित बाहर निकले हैं."- सावलिया साह, सोनू के पिता


बिहार सरकार के प्रति आक्रोशः सोनू के परिजनों में इस बात का गुस्सा है कि अभी बिहार सरकार का कोई भी अधिकारी या जन प्रतिनिधि उनलोगों की सुध लेने अभी तक नहीं आया है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा इस मुसीबत में टनल के अंदर थे लेकिन बिहार सरकार को इस बात की सुधि नहीं ली. सोनू के भाई ने कहा कि बिहार के पांच मजदूर फंसे थे लेकिन, सरकार कोई सुध नहीं ली. उसने बताया कि झारखंड सरकार ने तीन दिन बाद ही अपना एक प्रतिनिधि उत्तराखंड भेजा था लेकिन बिहार सरकार हमलोगों का हालचाल लेने भी नहीं पहुंची.

17 दिन से टनल में फंसे थे 41 मजदूरः उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिस कारण टनल में 41 मजदूर फंस गए थे. मंगलवार रात करीब 8 बजे रेस्क्यू टीम टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने में सफल रही. 17 दिन बाद टनल में फंसे 41 मजदूरों ने खुली हवा में सांस ली. उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद सरकार और प्रशासन ने राहत की सांस ली. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मजदूरों को उनकी नई जिंदगी के लिए बधायी दी साथ ही रेस्क्यू टीम की भी सराहना की.

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सिलक्यारा टनल से बाहर आया छपरा का सोनू.

छपरा (सारण): उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 कामगारों को मंगलवार की रात सकुशल बाहर निकाल लिया गया. इसमें इसके बाद उन मजदूरों के घर में खुशी का माहौल है, जो इस टनल में फंसे थे. बिहार के विभिन्न जिलों के पांच मजदूर भी इस टनल में फंसे थे. सारण जिले के एकमा प्रखंड के देवपुरा पंचायत अंतर्गत खजुवान गांव का सोनू कुमार भी इनमें एक है.

प्रधानमंत्री को धन्यवाद दियाः सोनू के टनल से सकुशल बाहर निकलने के बाद उनके परिजन काफी खुश हैं. अब परिजन उसकी एक झलक पाने को बेताब है. बताया गया है कि 48 घंटे के अंदर सोनू अपने गांव पहुंच जाएगा. परिजनों ने कहा कि सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि सोनू पूरी तरह से सुरक्षित है. सोनू के पिता सावलिया साह ने बताया कि बेटा पूरी तरह से स्वस्थ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर सभी मजदूरों से बात कर उनका हाल जाना, यह क्षण काफी अभिभूत करने वाला था. उन्होंने मोदी जी को धन्यवाद दिया.

"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक-एक गतिविधि पर पूरी तरह से नजर बनाये हुए थे. उनके ऑब्जरवेशन से ही सभी 41 कामगार सुरक्षित बाहर निकले हैं."- सावलिया साह, सोनू के पिता


बिहार सरकार के प्रति आक्रोशः सोनू के परिजनों में इस बात का गुस्सा है कि अभी बिहार सरकार का कोई भी अधिकारी या जन प्रतिनिधि उनलोगों की सुध लेने अभी तक नहीं आया है. उन्होंने कहा कि उनका बेटा इस मुसीबत में टनल के अंदर थे लेकिन बिहार सरकार को इस बात की सुधि नहीं ली. सोनू के भाई ने कहा कि बिहार के पांच मजदूर फंसे थे लेकिन, सरकार कोई सुध नहीं ली. उसने बताया कि झारखंड सरकार ने तीन दिन बाद ही अपना एक प्रतिनिधि उत्तराखंड भेजा था लेकिन बिहार सरकार हमलोगों का हालचाल लेने भी नहीं पहुंची.

17 दिन से टनल में फंसे थे 41 मजदूरः उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. जिस कारण टनल में 41 मजदूर फंस गए थे. मंगलवार रात करीब 8 बजे रेस्क्यू टीम टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने में सफल रही. 17 दिन बाद टनल में फंसे 41 मजदूरों ने खुली हवा में सांस ली. उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद सरकार और प्रशासन ने राहत की सांस ली. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मजदूरों को उनकी नई जिंदगी के लिए बधायी दी साथ ही रेस्क्यू टीम की भी सराहना की.

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