छपरा: मशरख प्रखंड के अरणा गांव बरवाघाट नाम से भी जाना जाता है. इस बार जिले में लगातार बारिश और गंगा के साथ ही दूसरी नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे अरणा गांव के लोगों की मुश्किल बढ़ गई है.
आवागमन के लिए नाव का सहारा
गांव के कई इलाकों में आवागमन के रास्तों पर पानी भर गया है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल कच्ची सड़क बनती है. लेकिन बाढ़ आने के बाद कटाव में सब बह जाता है. इन हालातों में लोगों के पास आवागमन के लिए नाव का सहारा है.
स्थानीय प्रतिनिधियों का ध्यान नहीं
ग्रामीणों की इस परेशानी पर ना ही कोई स्थानीय प्रतिनिधि ध्यान देता है, ना ही कोई विधायक. आवागमन का एकलौता साधन नाव की व्यवस्था भी लोगों ने खुद के खर्च पर ही की है. लोगों में सरकार के प्रति खासी नाराजगी देखी जा रही है.